इस्लामाबाद, दो जून । पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में शनिवार शाम भारतीय उच्चायोग की ओर से आयोजित इफ्तार में पहुंचे मेहमानों को पाकिस्तानी अधिकारियों की ‘‘जबरदस्त बदसलूकी और धमकी’’ का सामना करना पड़ा और सुरक्षा जांच बढ़ाने के नाम पर ये अधिकारी वहां आये मेहमानों किसी न किसी वजह से रोक रहे थे।
भारतीय उच्चायोग ने यहां रविवार को कहा कि उच्चायोग इस ‘‘घृणित’’ घटना का विरोध करता है और मामले में ‘‘तत्काल’’ जांच की मांग की है।
भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा, ‘‘मेहमानों को सुरक्षा एजेंसियों के हाथों प्रताड़ना झेलनी पड़ी और उन्हें धमकाया भी गया।’’
उसने कहा कि कार्यक्रम में शरीक होने के लिये लाहौर और कराची तक से मेहमान आये थे, जिन्हें पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने धमकाया और जश्न में शामिल होने से ‘‘बलपूर्वक’’ रोका। ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने सेरेना होटल को पूरी तरह से घेर लिया है।
इसके अनुसार, ‘‘इफ्तार में बुलाये गये मेहमान कार्यक्रम में शामिल नहीं हों इसके लिये पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने काफी दिन पहले सुनियोजित अभियान शुरू किया था।’’
उच्चायोग ने कहा कि सुरक्षा अधिकारी होटल के बाहर मुख्य सड़क पर थे और उन्होंने भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों और राजनयिकों के साथ ‘‘बहुत खराब बर्ताव किया और उन्हें धमकाया’’। उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों से इस उत्पीड़न की वजह जानने की कोशिश की।
उसके अनुसार, ‘‘कुछ अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की, गाली गलौज की गयी और बुरी तरह से धमकाया गया। कुछ मामलों में तो संबंधित अधिकारियों के मोबाइल फोन छीन लिये गये।’’
पाकिस्तान के राजनयिक समुदाय के कई मेहमानों को प्रताड़ना झेलनी पड़ी।
भारतीय उच्चायोग ने कहा कि यह राजनयिक मानदंडों का पूर्ण उल्लंघन है। पाकिस्तानी नागरिकों को वहां से जबरन हटाने के लिये सेरेना होटल के बाहर काफी तादाद में पाकिस्तानी सुरक्षा बल थे।
इसके अनुसार सांसद, सरकारी अधिकारियों, मीडियाकर्मियों, सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों, कारोबारियों और सेवानिवृत्त राजनयिकों समेत 300 से अधिक पाकिस्तानी मेहमानों को कार्यक्रम में शरीक होने से रोका गया।
इस घटना का विरोध करते हुए भारतीय उच्चायोग ने कहा कि यह ‘‘न सिर्फ राजनीतिक आचरण का उल्लंघन है बल्कि यह सभ्य व्यवहार के तमाम नियमों का उल्लंघन है… यह हमारे द्विपक्षीय संबंध के लिये ठीक नहीं है।’’
उसने पाकिस्तान सरकार से इन ‘‘घृणित घटनाओं के संबंध में तत्काल जांच’’ कराने और जांच के नतीजों को साझा करने का अनुरोध किया।
भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने शनिवार को सेरेना होटल में वार्षिक इफ्तार कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसमें पूरे पाकिस्तान से अतिथियों को आमंत्रित किया गया था।
कार्यक्रम में शरीक होने वालों ने बताया कि इस आलीशान होटल के आसपास अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे।
इस संबंध में एक पत्रकार ने बताया कि उसने वहां आम दिनों की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षा इंतजाम देखा लेकिन जिन लोगों के पास निमंत्रण पत्र और पहचान पत्र थे, उन्हें इसमें शामिल होने दिया जा रहा था।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे निमंत्रण पत्र की भी जांच की गयी और मेरे पेशे तथा रहने की जगह के बारे में पूछताछ की गयी और फिर मुझे अंदर जाने दिया गया।’’
जानी मानी पत्रकार मेहरीन जाहरा-मलिक ने ट्वीट किया, ‘‘इस्लामाबाद के सेरेना होटल में अभूतपूर्व बदसलूकी की गयी। भारतीय उच्चायोग की ओर से आयोजित इफ्तार में पुलिस और आतंकवाद रोधी बल ने होटल में जाने वाले हर शख्स से बदसलूकी की। यह यकीनन बदसलूकी है।’’
इस संबंध में एक अन्य पत्रकार ने नाम नहीं जाहिर होने की शर्त पर ‘पीटीआई’ को बताया कि वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ क्योंकि उसे पूछताछ और सुरक्षा जांच का डर था।
उसने यह भी बताया कि ऐसी खबरें हैं कि कुछ मेहमानों को अज्ञात लोगों ने फोन कर उनसे कहा कि वे कार्यक्रम शामिल नहीं हों।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के वरिष्ठ नेता फरहतुल्ला बाबर ने कहा कि हर किसी की नजरें होटल की लॉबी में मेहमानों पर टिकी थीं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित इफ्तार के लिये आया था। ऐसा लग रहा था कि होटल की किलेबंदी कर दी गयी हो। मुझे बताया गया कि इफ्तार रद्द हो गया है। जब जोर देकर पूछा तो बताया गया कि मैं दूसरे गेट का इस्तेमाल करूं। दूसरा गेट बंद था और मुझे फिर सामने के गेट से जाने को कहा गया। क्या चल रहा है। कुछ तो गड़बड़ है।’’
बाबर ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के किसी न किसी वजह से मेहमानों को रोकने की तमाम कोशिशों के बावजूद वह किसी तरह भारतीय उच्चायोग के इफ्तार में शामिल हुए।
भारतीय उच्चायुक्त बिसारिया ने वहां मौजूद मेहमानों को अपने संबोधन में कहा कि कुछ मेहमान जश्न में नहीं आ सके।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं माफी चाहता हूं कि आपमें से कुछ लोगों को यहां बहुत कठिनाई हुई और हमारे कुछ दोस्त नहीं आ सके।’’
भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई:
नयी दिल्ली से खबर है कि, भारत ने पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी के मेहमानों को ‘डरा-धमकाकर’ लौटा दिये जाने की घटना पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए रविवार को कहा कि इससे द्विपक्षीय संबंध पटरी से और उतरेंगे। भारत ने इस घटना की जांच की मांग भी पाकिस्तान से की है।
भारतीय उच्चायोग ने आज जारी एक बयान में कहा कि सांसदों, सरकारी अधिकारियों, राजनयिकों, कारोबारियों और मीडियाकर्मियों सहित 300 से अधिक पाकिस्तानी मेहमानों को सुरक्षा एजेंसियों ने डरा-धमकाकर इफ्तार पार्टी से भगा दिया।
इतना ही नहीं आयोजन स्थल ‘होटल सेरेना’ के बाहर मुख्य मार्ग पर तैनात सुरक्षा बलों ने अधिकारियों और उच्चायोग के राजनयिकों को डराया धमकाया।
उच्चायोग ने कहा है, “एक जून को हुई यह निराशाजनक घटना न केवल राजनयिक मानकों का उल्लंघन है, बल्कि सभ्य व्यवहार के खिलाफ भी है।”
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी एजेंसियों ने होटल सेरेना में आयोजित इस इफ्तार पार्टी में आ रहे सैकड़ों मेहमानों को वापस भेज दिया। यही नहीं जो लोग अंदर जा चुके थे, उनकी गाड़ियां भी उठवा दी गईं। साथ ही उनका उत्पीड़न भी किया गया। भारतीय उच्चायोग के मेहमानों को फोन पर भी धमकियां दी गईं। पाकिस्तानी एजेंसियों ने आमंत्रित लोगों को गुप्त नंबरों से फोन किया और भारत की ओर से आयोजित इफ्तार में शामिल होने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी।
attacknews.in
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