नयी दिल्ली 15 सितम्बर । सरकार ने आज देश की आर्थिक स्थिति की समीक्षा के बाद दावा किया कि अर्थव्यवस्था के सभी मानक मजबूत हैं और वह वित्तीय घाटे को चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य हासिल कर लेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वित्त मंत्रालय के विभिन्न विभागों ने अपनी-अपनी प्रस्तुति दी।
बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि श्री मोदी ने अर्थव्यवस्था के महत्त्वपूर्ण मानकों तथा इस साल अब तक जारी आर्थिक आँकड़ों पर संतोष व्यक्त किया।
श्री जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी विकास दर, राजस्व संग्रह तथा विनिवेश के मामले में न सिर्फ बजट लक्ष्य हासिल होगा, बल्कि हम उन लक्ष्यों से भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। महँगाई अभी काबू में है तथा वित्तीय घाटे का 3.3 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल कर लिया जायेगा।
उन्होंने पेट्रोल-डीजल की नित आसमान छूती कीमतों के बारे में पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया।
इससे पहले कल की बैठक में सरकार ने मसाला बांडों पर से विदहोल्डिंग टैक्स हटाने, विदेश संस्थागत निवेश के लिए ढील देने तथा गैर-जरूरी आयातों पर पाबंदी लगाने का निर्णय किया। रुपये में गिरावट और बढ़ते चालू खाते के घाटे पर अंकुश लगाने के इरादे से यह कदम उठाया गया है।
अर्थव्यवस्था की सेहत की समीक्षा के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने अर्थव्यवस्था की स्थिति की जानकारी दी थी।
वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इन उपायों से 8-10 अरब डॉलर तक का सकारात्मक असर पड़ने की संभावना है।
बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने चालू खाते के घाटे (कैड) पर अंकुश लगाने के लिए पांच कदमों पर निर्णय लिया ।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार ने निर्यात को प्रोत्साहित करने तथा गैर-जरूरी आयात पर अंकुश लगाने का भी फैसला किया है।
हालांकि, जेटली ने यह नहीं बताया कि किन जिंसों के आयात पर पाबंदी लगायी जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘बढ़ते कैड के मामले के समाधान के लिये सरकार जरूरी कदम उठाएगी। इसके तहत गैर-जरूरी आयात में कटौती तथा निर्यात बढ़ाने के उपाय किये जाएंगे। जिन जिंसों के आयात पर अंकुश लगाया जाएगा, उसके बारे में निर्णय संबंधित मंत्रालयों से विचार-विमर्श के बाद किया जाएगा। वह डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के नियमों के अनुरूप होगा।’’
अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया 12 सितंबर को रिकार्ड 72.91 तक नीचे गिर गया था। पेट्रोल और डीजल के दाम भी रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गये हैं।attacknews.in