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कुलभूषण जाधव

कुलभूषण जाधव भारतीय राजनयिक से मुलाक़ात में पाकिस्तान के अत्यधिक दबाव और दहशत में दिखें attacknews.in

नयी दिल्ली/इस्लामाबाद  02 सितंबर। भारत ने आज कहा कि तीन साल से पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव आज राजनयिक संपर्क के दौरान पाकिस्तान के अत्यधिक दबाव में दिखायी दिये और इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई का फैसला किया जाएगा। 


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस बारे में संवाददाताओं के प्रश्नों के जवाब में एक बयान में बताया कि इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के प्रभारी उप उच्चायुक्त गौरव आहलूवालिया ने आज दोपहर में श्री कुलभूषण जाधव से मुलाकात की। यह बैठक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा 17 जुलाई 2019 को दिये गये फैसले के आलोक में हुई जिसमें पाकिस्तान को राजनयिक संबंधों पर 1963 की विएना संधि के अनेक प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी पाया गया था और पाकिस्तान को श्री जाधव को भारतीय राजनयिकों से संपर्क सुलभ कराने का आदेश दिया गया था।


पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से सोमवार को इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने मुलाकात की। 


यह मुलाकात ‘‘अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) द्वारा दी गई व्यवस्था के अनुपालन में’’ पाकिस्तान द्वारा सोमवार को जाधव को राजनयिक पहुंच की अनुमति दिए जाने के बाद हुई।

वर्ष 2016 में हिरासत में लिए जाने के बाद जाधव तक भारत की यह पहली राजनयिक पहुंच है। 

भारतीय नागरिक जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं और ‘‘जासूसी तथा आतंकवाद’’ के आरोप में पाकिस्तान ने 2017 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।

जियो टीवी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि यह मुलाकात एक घंटे तक चली।

कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों में जारी तनाव के बीच अहलूवालिया ने यहां एक उप-जेल में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव से मुलाकात की।

जाधव से मुलाकात करने से पहले, अहलूवालिया ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल से विदेश मंत्रालय में मुलाकात की।

गौरतलब है कि 49 वर्षीय जाधव को ‘‘जासूसी और आतंकवाद’’ के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद भारत ने आईसीजे पहुंचकर उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।

पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक अगस्त को भी कहा था कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी को अगले दिन राजनयिक पहुंच दी जाएगी। यह मुलाकात दो अगस्त को अपराह्न तीन बजे होने वाली थी, लेकिन राजनयिक पहुंच की शर्तों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के चलते यह बैठक नहीं हो सकी थी।

भारत ने पाकिस्तान से जाधव तक ‘‘तत्काल, प्रभावी और निर्बाध’’ राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने की मांग की थी और वह कूटनीतिक माध्यमों से इस्लामाबाद के संपर्क में था।

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि आज उपलब्ध कराई गई राजनयिक पहुंच निर्बाध थी या नहीं, जैसी कि भारत ने मांग की थी।

रविवार को फैसल ने ट्वीट किया था कि जाधव को राजनयिक संबंधों पर वियना संधि, आईसीजे के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप दो सितंबर को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी। 

जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा हटाए जाने के चलते दोनों देशों में तनाव के बीच जाधव को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई गई है।

कश्मीर मुद्दे पर तनाव के बीच पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करते हुए सात अगस्त को भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को निष्कासित कर दिया था।

आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से पुनर्विचार करने और राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया था।



पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को तीन मार्च, 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था जहां वह कथित तौर पर ईरान से पहुंचे थे।

हालांकि, भारत का मानना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गए थे।

दिसंबर 2017 में पाकिस्तान ने जाधव की पत्नी और मां को उनसे मुलाकात की अनुमति दी थी, लेकिन यह मुलाकात शीशे के स्क्रीन के पीछे से कराई गई थी।।


पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक अगस्त को भी कहा था कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी को अगले दिन राजनयिक पहुंच दी जायेगी। हालांकि, जाधव को राजनयिक पहुंच की शर्तो को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के बीच दो अगस्त की अपराह्र तीन बजे प्रस्तावित यह बैठक नहीं हो सकी थी।

आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से पुन:विचार करने और राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया था।



पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को तीन मार्च, 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। उन पर ईरान से यहां आने के आरोप लगे थे।

हालांकि, भारत का मानना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गए थे।

जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को केंद्र सरकार द्वारा हटाये जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान की ओर से यह पेशकश की गई है।

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Dr.Sushil Sharma Admin/Editor

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