देहरादून, 13 जून ।सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शनिवार को कहा कि देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है और इसकी सुरक्षा तथा सम्मान सैन्य नेताओं के तौर पर इसके युवा अधिकारियों की क्षमता पर निर्भर करती है।
यहां भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में पासिंग आउट परेड के निरीक्षण अधिकारी के तौर पर कैडेट को संबोधित करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि युवाओं को अत्यंत चुनौतीपूर्ण हालात के दौर में सेना में अधिकारियों के रूप में शामिल किया जा रहा है और उनके सैन्य प्रशिक्षण के उच्च मानक उन्हें चुनौतियों से उबरने में मदद करेंगे।
परेड में कुल 423 कैडेट को सेना में शामिल किया गया जिनमें 333 भारत के और 90 मित्र देशों से हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के लिए मुश्किल वक्त है। देश की सुरक्षा, सम्मान और गरिमा सैन्य नेताओं के तौर पर आपकी क्षमताओं पर निर्भर करती है। आपको अपने देशवासियों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा। आपको सुनिश्चित करना होगा कि आप जो भी करें, देशवासियों के कल्याण के लिए हो।’’
सेना प्रमुख ने कहा कि कोई अच्छी या बुरी रेजीमेंट नहीं होती, बस केवल अच्छे अधिकारी होते हैं।
जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘अपने जवानों के साथ ऐसा ही अधिकारी बनिए। उनका विश्वास और स्नेह हासिल करिए और वे आपके लिए लड़ाई जीतेंगे।’’
उन्होंने कैडेट से जज्बे के साथ सैन्य अधिकारियों के रूप में नयी भूमिका स्वीकार करने और साथ ही करुणा भी रखने का आह्वान किया।
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘जब चीजें मुश्किल हो जाती हैं और सब खोते हुए दिखता है, तो आपके जवानों की भावना ही आपको जिताने में मददगार होती है।’’
उन्होंने कहा कि अधिकारी के रूप में सेना में पहला कदम रख रहे जेंटिलमैन कैडेट को रणनीतिक और अभियान संबंधी फैसले लेने होंगे और नैतिकता से जुड़े मुद्दों का समाधान भी करना होगा और वे केवल अपने विवेक से दिशानिर्देश हासिल कर सकेंगे।
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘ऐसे चुनौतीपूर्ण क्षणों में भारत के संविधान की प्रस्तावना में अंकित मूल्यों को अपना मार्गदर्शक बनाएं।’’
उन्होंने युवा अधिकारियों से जाति, वर्ण और धर्म के तुच्छ विचारों से ऊपर उठकर काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि सेना भेदभाव नहीं करती।
जनरल नरवणे ने कहा कि बाहरी खतरों के साथ ही आपको देश को अस्थिर करने वाली आंतरिक ताकतों का भी सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि कैडेट के अत्यंत गहन अभ्यासों ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि वे अपने-अपने देशों को गौरवान्वित करेंगे।
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘आपके कॅरियर के आखिर में अंतत: आपका पद नहीं बल्कि यह मायने रखेगा कि आपने कितने सम्मान से अपने देश की सेवा की है।’’
कैडेट के अभिभावकों को दिये संदेश में सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘कल तक वे आपके बच्चे थे, लेकिन कल से हमारे होंगे।’’
कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार अभिभावकों को समारोह में शामिल होने की अनुमति नहीं थी।
कश्मीरी लोग उग्रवाद, आतंकवाद से परेशान, वो चाहते हैं कि स्थिति जल्द सामान्य हो जाए : सेना प्रमुख
सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर के लोग उग्रवाद और आतंकवाद से पूरी तरह से तंग आ चुके हैं और वे चाहते हैं कि स्थिति जल्द सामान्य हो जाए।
घाटी में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ लगातार अभियानों के बारे में बात करते हुए, नरवने ने कहा, “अधिकांश ऑपरेशन स्थानीय लोगों द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित थे। इससे पता चलता है कि वे भी उग्रवाद और आतंकवाद से पूरी तरह से तंग आ चुके हैं और वे चाहते हैं कि स्थिति जल्द सामान्य हो जाए।”
घाटी में समग्र स्थिति के बारे में बात करते हुए, जनरल नरवने ने कहा कि भारतीय सेना ने पिछले कुछ दिनों में बहुत सफलता हासिल की है।
उन्होंने कहा, “जहां तक जम्मू एवं कश्मीर का सवाल है, हमें पिछले एक सप्ताह या 10 दिनों में बहुत सफलता मिली है। पिछले एक सप्ताह में ही 15 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में सभी सुरक्षा बलों के बीच घनिष्ठ सहयोग और समन्वय से ही यह सफलता हासिल हो सकी है।
जम्मू एवं कश्मीर की जमीनी स्थिति पर जनरल नरवने का दृष्टिकोण आने से चंद घंटे पहले ही दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के जदुरा निपोरा इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच शनिवार को हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए। पुलिस और सेना द्वारा विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान शुरू करने के बाद मुठभेड़ हुई।
इस साल 11 जून तक घाटी में कुल 98 आतंकवादी मारे जा चुके हैं। अकेले जून महीने के 11वें दिन तक कुल 20 आतंकवादी ढेर किए जा चुके हैं। मई में 18 आतंकवादियों को समाप्त कर दिया गया था और अप्रैल में 28 आतंकियों का काम तमाम कर दिया गया था। फरवरी व मार्च में सात-सात आतंकवादियों को समाप्त कर दिया गया जबकि जनवरी में 18 आतंकवादी मारे गए।
सुरक्षा बलों ने 2019 में कुल 158 आतंकवादियों को समाप्त कर दिया, जबकि 2018 में घाटी में 254 आतंकवादियों को मार गिराया गया। साल 2017 में कुल 213 आतंकवादी मारे गए थे।
इस साल सुरक्षा बलों ने कुछ सबसे वांछित (मोस्टवांटेड) आतंकवादियों को खत्म करने में भी कामयाबी हासिल की है। मई में कश्मीर के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक और आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर रियाज नाइकू जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक मुठभेड़ के दौरान मारा गया था।
इस्लामिक स्टेट जम्मू एवं कश्मीर (आईएसजेके) के कमांडर आदिल अहमद वानी और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कैडर शाहीन अहमद थोकर को 25 मई को खुदी हंजीपोरा कुलगाम में मार गिराया गया। वहीं हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के कमांडर परवेज अहमद और जेईएम कमांडर शाकिर अहमद को 30 मई को ढेर कर दिया गया था।