बालाकोट में जैश के ठिकानों पर वायुसेना की कार्रवाई सफल रही, भारत ने कहा: अब इमरान खान का नया पाकिस्तान बेखौफ़ आतंकवादी संगठनों पर नई कार्रवाई करें attacknews.in

नयी दिल्ली, नौ मार्च । भारत ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के शिविर पर की गई उसकी कार्रवाई सफल रही और साथ ही देश ने यह भी दिखा दिया कि वह सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय वायुसेना के विमान मिग 21 बाइसन के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने पाकिस्तानी वायुसेना के एक एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया तथा इसके चश्मदीद गवाह और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य मौजूद हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने एम्राम मिसाइल के टुकड़ों के रूप में सबूत भी साझा किए हैं, जो मौके से बरामद किए गए थे और जिसे (एम्राम मिसाइल) पाकिस्तानी वायुसेना का केवल एफ-16 विमान ही ले जाने में सक्षम है। ’’

कुमार ने कहा, ‘‘ हमारी गैर सैन्य (किसी सैनिक ठिकाने और नागरिक क्षेत्र को निशाना न बनाने) आतंकवाद-रोधी कार्रवाई वांछित उद्देश्य प्राप्त करने में सफल रही। इससे पता चलता है कि हम सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध हैं। ’’

कुमार ने कहा कि हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की पाकिस्तान की असफल कोशिश के दौरान हमने केवल एक विमान खोया।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर पाकिस्तान के पास भारत का दूसरा विमान गिराने के सबूत हैं, जैसा कि वह दावा करता है तो उसने वे साझा क्यों नहीं किए।’’

कुमार ने कहा कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद से अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत के साथ खड़ा है।

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान अब भी पुलवामा हमले को जैश-ए-मोहम्मद द्वारा अंजाम दिए जाने की बात को नकार रहा है जबकि स्वयं इस आतंकवादी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी ली है।

इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

कुमार ने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह बिना किसी बाधा के अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपनी जमीन से संचालित हो रहे आतंकी समूहों के खिलाफ ठोस, प्रामाणिक और लगातार कार्रवाई करनी चाहिए।

भारत ने  कहा कि पाकिस्तान को लेकर अब कोई भी राय महज उनके शब्दों पर आधारित नहीं होगी बल्कि उसकी सरजमीं पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खात्मे को लेकर उठाए गए उसके कदमों पर कायम की जाएगी। उन्होंने कहा कि बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर किए गए असैन्य कार्रवाई में वांछित लक्ष्य हासिल हुआ था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि अगर पाकिस्तान ‘‘नई सोच’’ के साथ ‘‘नया पाकिस्तान’’ बनाने का दावा करता है तो उसे अपनी सरजमीं पर बेखौफ सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ भी ‘‘नई कार्रवाई’’ करनी चाहिए।

इमरान खान के बयान का पलटवार:

विदेश मंत्रालय का बयान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं होने देगा। खान यह कहते रहे हैं कि उनके नेतृत्व में ‘‘नया पाकिस्तान’’ एक नए सफर की शुरुआत कर रहा है।

कुमार ने कहा कि पाकिस्तान ने अलग-अलग आतंकवादी हमलों के बाद ऐसा ही बयान दिया है और अब इस्लामाबाद को ठोस कार्रवाई करनी होगी और उसकी सरजमीं पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों पर लगाम कसनी होगी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसकी उम्मीद कर रहा है।

कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम पाकिस्तान को शब्दों से परे विश्वसनीय, सत्यापित और निरंतर कार्रवाई करने को मजबूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेंगे। हमने हमेशा ऐसा किया है और आगे भी हम जिम्मेदारी से और समझदारी से कदम उठाते रहेंगे।

पाकिस्तान  ने विदेशी समूह केे अनुरोध को ठुकराया:

कुमार ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों की व्यापक उपस्थिति के बारे में सबको पता है और भारत तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा बार-बार ऐसे समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के अनुरोध को पाकिस्तान ने हर बार ‘‘ठुकराया” है।

उन्होंने कहा, ‘‘ 2004 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि वे अपने नियंत्रण में किसी भी क्षेत्र को आतंकवादी गतिविधि के लिए इस्तेमाल नहीं होने देंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन आज तक, पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कोई भी कदम उठाने में विफल रहा है, जो पाकिस्तान की जमीन पर बेखौफ सक्रिय हैं।’’

अब नयी भाषा में बात होगी:

कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को लेकर अब कोई भी राय उनके शब्दों के आधार पर नहीं बल्कि उसकी सरजमीं पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खात्मे को लेकर उठाए गए उसके कदमों पर कायम की जाएगी।

पाकिस्तान ने भारत पर हमले की कोशिश की:

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के बाद से ही दोनों परमाणु सम्पन्न देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। इसके जवाब में भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया था। इसके अगले ही दिन पाकिस्तान ने भारतीय प्रतिष्ठानों पर हमला करने की असफल कोशिश की थी।

गौरतलब है कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी।

कुमार ने बालाकोट हवाई हमले पर कहा, ‘‘26 फरवरी को असैन्य (किसी सैनिक ठिकाने और नागरिक क्षेत्र को निशाना न बनाने) आतंकवाद-निरोधी कार्रवाई वांछित उद्देश्य प्राप्त करने में सफल रही। इससे पता चलता है कि हम सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध हैं।’’

बालाकोट में पाकिस्तान बहुत कुछ छुपा रहा है:

कुमार ने कहा कि पाकिस्तान का पत्रकारों को बालाकोट में हवाई हमले के स्थल पर जाने की अनुमति ना देना दिखाता है कि ‘‘ छुपाने को बहुत कुछ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जबकि, शुरुआत में उसने डींग मारते हुए कहा था कि यहां सब कुछ खुला है, आईए और देखिए। हम पूरी तरह आश्वस्त हैं कि बालाकोट पर कार्रवाई सफल रही और हम वांछित उद्देश्य प्राप्त करने में सफल रहे।’’

पाकिस्तान के जवाबी हमला करने पर उन्होंने कहा कि अपनी सरमजीं पर आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय इस्लामाबाद ने भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर सैन्य प्रतिष्ठानों को लक्षित करने का असफल प्रयास कर “आक्रामकता की कार्रवाई” करने का रास्ता चुना।

कुमार ने पाकिस्तान पर उस दिन की घटनाओं के “झूठे आख्यान” का प्रचार करने का आरोप लगाया, जिस दिन पाकिस्तानी विमानों ने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का असफल प्रयास किया था।

पाकिस्तान ने झूठ बोला :सबूत भी नहीं देता है:

हवाई झड़प में भारत ने मिग 21 बाइसन विमान को खो दिया था और उसके पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान में हिरासत में ले लिया गया था।

पाकिस्तान ने इस दौरान भारत के दो विमान गिराने का दावा करने के साथ ही एफ16 विमान का इस्तेमाल ना करने की बात कही थी।

कुमार ने कहा, ‘‘ हमने केवल एक विमान ही खोया। अगर पाकिस्तान के पास भारत का दूसरा विमान गिराने के सबूत हैं, जैसा कि वह दावा करता है तो उसने इतने सप्ताह बाद भी इसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया से साझा क्यों नहीं किया? ’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनसे सवाल पूछा जाना चाहिए कि विमान का मलबा कहां है और पायलटों के साथ क्या हुआ है? जैसा कि हमने पहले भी कहा है कि भारतीय वायुसेना के विमान मिग 21 बाइसन के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने पाकिस्तानी वायुसेना के एक एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराने के चश्मदीद गवाह और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य मौजूद हैं।’’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस बात का जवाब दे कि वह एफ16 को खोने की बात से इनकार क्यों कर रहा है।

कुमार ने कहा, ‘‘ हमने अमेरिका से भी इसकी जांच करने को कहा है कि क्या भारत के खिलाफ एफ16 का उपयोग बिक्री के नियमों और शर्तों के अनुसार है या नहीं। ’’

भारतीय जवान कडी सुरक्षा कर रहे हैं:

कुमार ने कहा कि भारत के सशस्त्र बल कड़ी चौकसी बनाए रखते हैं और राष्ट्र और उसके नागरिकों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।

जैश – ए – मोहम्मद का बचाव करने मे लगा पाकिस्तान:

पाकिस्तान द्वारा लगातार इनकार करने पर उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान अब भी पुलवामा हमले को जैश-ए-मोहम्मद द्वारा अंजाम दिए जाने की बात को नकार रहा है जबकि स्वयं इस आतंकवादी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी ली है।’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मार्च में पाकिस्तान के विदेश मंत्री के बीबीसी को दिए उस साक्षात्कार का जिक्र किया जिसमें उन्होंने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद द्वारा लिए जाने के बारे ‘‘कुछ संशय’’ की बात की है।

कुमार ने कहा, ‘‘ क्या पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद का बचाव कर रहा है और उसके प्रवक्ता की तरह काम कर रहा है? क्या पाकिस्तान के दावे की कोई विश्वसनीयता है?’’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने मीडिया को दिए साक्षात्कारों में पाकिस्तान में जैश की मौजूदगी की बात स्वीकारी थी, लेकिन पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता ने देश में आतंकवादी संगठन की उपस्थिति से खुलकर इनकार किया है

मसूद अजहर के ठिकानों और गतिविधियों से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अवगत है:

भारत ने शनिवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य, जैश – ए – मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों और इसके सरगना मसूद अजहर के पाकिस्तान में होने से अवगत हैं और इसके सदस्य देशों से उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने की अपील की गई है।

अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने गत सप्ताह जैश मुखिया को वैश्विक आतंकी करार देने का प्रस्ताव इस परिषद में रखा था।

जैश ने पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया को बताया कि परिषद के समस्त 15 सदस्यों ने एकमत से पुलवामा आतंकी हमले की कठोर निंदा की है। इसके सभी सदस्य इस बात से वाकिफ हैं कि जैश के मोहम्मद मसूद अजहर पाकिस्तान में मौजूद है और उसके संगठन के प्रशिक्षिण शिविर पाकिस्तान में हैं।

कुमार ने कहा, ‘‘हमने यूएनएससी के सभी सदस्यों से कहा कि मसूद अजहर को ‘1267 संरा प्रतिबंध समिति’ के तहत आतंकवादी घोषित किया जाए।

बीते दस सालों में अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने का यह चौथा प्रयास है।

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