संयुक्त राष्ट्र, तीन नवंबर । भारत ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सीमा-पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का फायदा उठा रहा है।
उसने साथ ही कहा कि पाकिस्तान भारत के धार्मिक समुदायों के बीच फूट पैदा करने के लिए ‘‘घृणा पैदा करने वाले भाषणों का बेलगाम’’ इस्तेमाल कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव आशीष शर्मा ने नस्लवाद, अन्य संस्कृतियों या देशों के लोगों से घृणा और संबंधित असहिष्णुता के समकालीन प्रारूपों पर विशेष प्रतिवेदक के साथ संवाद को संबोधित करते हुए सोमवार को कहा कि पाकिस्तान भारत में केवल एक समुदाय के खिलाफ ही घृणा पैदा करने वाले बयान नहीं दे रहा, बल्कि संगठनों, व्यक्तियों और शीर्ष नेताओं के खिलाफ भी ऐसा कर रहा है।
उसने कहा, ‘‘वैश्विक महामारी के कारण दुनिया थम गई है, लेकिन पाकिस्तान ने इस महामारी का फायदा उठाते हुए सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन और बढ़ाया है।’’
शर्मा ने संयुक्त राष्ट्र मंच पर कहा कि पाकिस्तान ने ‘‘हमारे देश में हिंसा और असहिष्णुता को बढ़ावा देने की कोशिश करते हुए घृणा पैदा करने वाले बेलगाम भाषण’’ दिए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ‘‘हमारे धार्मिक समुदायों के बीच फूट पैदा करने की कोशिश कर रहा है। सौभाग्य से, उसकी कोशिशों का किसी पर असर नहीं पड़ा, क्योंकि भारत में बहुलवाद और सह-अस्तित्व की परंपरा है, जहां सभी समुदाय एक लोकतांत्रिक ढांचे के तहत सद्भावनापूर्ण तरीके से रह रहे हैं’’।
भारत ने पाकिस्तान से अपील की कि वह अपने देश में सह-अस्तित्व कायम करने की कोशिश करे और अपने लोगों में भेदभाव, साम्प्रदायिक हिंसा एवं असहिष्णुता को दूर करे।
शर्मा ने कहा कि दुनिया के सामने इस समय केवल कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने की ही चुनौती नहीं है, लेकिन ’’गलत सूचना के प्रसार’’ की भी चुनौती है, जिसके कारण घृणा पैदा करने वाले भाषणों के मामले बढ़ रहे हैं और समुदायों के बीच नफरत बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत सबसे पारदर्शी तरीके से कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ रहा है और सभी नागरिकों की चिकित्सा सुविधाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित की है।’’