नयी दिल्ली 04 मई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पिछले पांच साल में पाकिस्तान को अलग-थलग करना उनकी सरकार की बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि रही है और जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव की ताकत भी सर्जिकल और एयर स्ट्राइक जितनी ही है।
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में बड़ी संख्या में दर्शकों की मौजूदगी में इंडिया टीवी के साथ साक्षात्कार में श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और वर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ दोस्ताना संबंध स्थापित करने की कोशिश की लेकिन ‘पाकिस्तान के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि कोई नहीं जानता कि देश कौन चला रहा है और हमें किससे बात करनी चाहिए।’
उन्होंने कहा कि यह उनका अकेले का नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों का अनुभव है।
मसूद अजहर के मामले में चीन के रूख पर उन्होंने कहा कि अब स्थिति बदली है। पिछले 40 साल का रिकार्ड है “ जब भी पाकिस्तान का मसला आता था तो कश्मीर पर अटक जाता था , पाकिस्तान की बात आती थी…तो रूस अकेला देश…हमारे साथ होता था पूरी दुनिया पाकिस्तान के साथ होती थी।”
उन्होंने कहा कि बड़ा बदलाव यह हुआ है कि पिछले पांच वर्षों में अकेला चीन पाकिस्तान के साथ होता है और पूरी दुनिया हमारे साथ होती है। दूसरा भारत ने हर मंच पर आतंकवाद के बारे में मानवता के पक्ष की वकालत की है और लोगों को इस बात पर विश्वास में लिया गया है कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। आतंकवाद किसी देश का नहीं, दुनिया की मानवता के लिए ख़तरा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए अंतरराष्ट्रीय जगत में कश्मीर मुद्दा ही नहीं रहा बल्कि आतंकवाद मुद्दा है और इस मुद्दे पर दुनिया को साथ लेने का लगातार प्रयास भारत की एक कूटनीतिक विजय है।
उन्होंने कहा ,“ यह (यूएन में मसूद अजहर पर प्रस्ताव पास होना) कूटनीतिक जीत है और जो इसके जानकार लोग हैं, वो ज़रूर कभी-न-कभी कहेंगे कि जितनी ताक़त सर्जिकल स्ट्राइक की है, जितनी ताक़त एयर स्ट्राइक की है, उतनी ही ताक़त ये यूएन के रिज्यूलेशन की है। इसका इतना लम्बा इम्पैक्ट होने वाला है।”
श्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली बुलाना और काबुल से वापस आते हुए उनसे मिलने के लिए लाहौर जाने के उनके कदमों से भी दुनिया को यह समझ में आया कि भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंध अच्छे बनाने की कोशिश की लेकिन पाकिस्तान ने गड़बड़ की। उन्होंने कहा कि इन दो घटनाओं से देश को आने वाले कई वर्षों तक लाभ होगा।
इस पर उनकी आलोचना के लिए विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि उसे समझ ही नहीं है। वह इस बात को पकड़े हुए है , “ झूले पर क्यों बैठे? चाय पीने क्यों चले गये? कुछ लोग तो बिरयानी बीच में ले आए हैं, तो इन लोगों को कुछ समझ ही नहीं है। उनके दिमाग़ में राजनीति इतनी भर गई है कि राष्ट्र नीति भूल जाते हैं। राष्ट्र नीति सर्वोपरि होती है राजनीति तो बाद की बात होती है। लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि अब…मेरे नसीब में ऐसा विपक्ष मिला है, तो मैं क्या करूं।”
पाकिस्तान के साथ बातचीत के सवाल पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में एक समस्या है और यह उनका अकेले का नहीं बल्कि कई देशों का अनुभव है कि पाकिस्तान में बात करोगे भी तो किससे करोगे? आर्मी से करोगे? आईएसआई से करोगे? इलेक्टेड बॉडी से करोगे..। ये नेता भी कहते हैं कि पाकिस्तान में देश कौन चलाता है..तो यह सबसे बड़ी समस्या है। पहले वह अपनी यह समस्या सुलझा लें।’
विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान से जल्द रिहा करवा लेने के सवाल पर उन्होंने कहा “वो एक रात थी। जिस रात में कई राज थे। राज को राज ही रहने दीजिए।” पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस पर दावे पर कि उनके शासन में भी कई सर्जिकल स्ट्राइक गयी थी उन्होंने कहा ,“ कांग्रेस के पास अभी एक ही पूर्व प्रधानमंत्री हैं। पहले रिमोट से सरकार चलवाई जाती थी परिवार के द्वारा…अब रिमोट से कुछ बुलवाया जाता है।”
इस सवाल पर कि उन्होंने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम और सोनिया गांधी तथा उनके दामाद रॉबर्ट वाड्रा को डराकर रखा है, श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से पहले ही कहा था कि देश में जब पापियों का डर खत्म हो जाता है..भ्रष्टाचारियों का डर खत्म हो जाता है..गलत करने वालों का डर खत्म हो जाता है…तो वो देश खत्म हो जाता है। जो भ्रष्टाचारी हैं और जो बेइमानी का आचरण करते हैं, उनको कानून का डर होना चाहिए। जो नीति विरूद्ध कार्य करते हैं, उनको नेक और नीयत का डर होना चाहिए।
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