Home / medical/ medicine/ hospital/ health / भारत ने शुरू हुआ कैंसर के उपचार में शिमेरिक एंटीजेन रिसेप्टर टी-सेल (सीएआर-टी) थेरेपी का क्लिनिकल ट्रायल:देश सस्ता होगा उपचार जिस पर थेरेपी के लिये हर मरीज को तीन से चार करोड़ रुपये का खर्चा आता है attacknews.in
इमेज

भारत ने शुरू हुआ कैंसर के उपचार में शिमेरिक एंटीजेन रिसेप्टर टी-सेल (सीएआर-टी) थेरेपी का क्लिनिकल ट्रायल:देश सस्ता होगा उपचार जिस पर थेरेपी के लिये हर मरीज को तीन से चार करोड़ रुपये का खर्चा आता है attacknews.in

मुम्बई के टाटा अस्पताल के एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च एंड एजूकेशन इन कैंसर द्वारा की गई पहली सीएआर-टी सेल थेरेपी का बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने समर्थन किया

बायोटेक्नोलॉजी विभाग/जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद-राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन ने पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल का समर्थन किया

नईदिल्ली 8 जून । कैंसर के उपचार में शिमेरिक एंटीजेन रिसेप्टर टी-सेल (सीएआर-टी) थेरेपी रामबाण के रूप में सामने आई है।

दुनिया भर में चलने वाले क्लीनिकल ट्रायल में आखिरी स्टेज वाले कैंसर मरीजों पर इसके सकारात्मक नतीजे निकले हैं, खासतौर से उन मरीजों पर जो गंभीर रूप से खून के कैंसर से पीड़ित हैं।

कैंसर के मरीजों के लिये इस प्रौद्योगिकी में उपचार की क्षमता है, लेकिन इस समय यह भारत में उपलब्ध नहीं है। सीएआर-टी सेल थेरेपी के लिये हर मरीज को तीन से चार करोड़ रुपये का खर्चा आता है। इसलिये चुनौती यह है कि इस प्रौद्योगिकी को सस्ती दर पर विकसित करके हर मरीज के लिये उपलब्ध कराया जाये।

इस थेरेपी के महंगा होने का मुख्य कारण यह है कि इसके बनाने की प्रक्रिया बहुत जटिल है। सीएआर-टी सेल प्रौद्योगिकी को कैंसर और अन्य रोगों के लिये विकसित करने के उद्देश्य से जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बाइरैक) और बायोटेक्नोलॉजी विभाग (डीबीटी) ने पहल की है तथा पिछले दो वर्षों में इस प्रस्ताव मांगने की विशेष प्रक्रिया शुरू की थी।

चार जून, 2021 को वह ऐतिहासिक दिन था, जिस दिन टाटा मेमोरियल अस्पताल, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुम्बई (आईआईटी-बी) के दल तथा भारत में कैंसर केयर ने पहली सीएआर-टी सेल थेरेपी (एक तरह की जीन थेरेपी) को अंजाम दिया। यह कारनामा मुम्बई के टाटा मेमोरियल सेंटर के एसीटीआरईसी के अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण इकाई ने कर दिखाया। सीएआर-टी सेल्स को आईआईटी-बी के जैव-विज्ञान एवं जैव-इंजीनियरिंग विभाग ने डिजाइन और उसका निर्माण किया था।

इस काम को बाइरैक-पेस (प्रोमोटिंग एकडमिक रिसर्च कंवर्जन टू एंटरप्राइज) योजना का भी समर्थन है। टीएमसी-आआईटी बॉम्बे के दल को डीबीटी/बाइरैक द्वारा उनके सीएआरटी उत्पाद के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की परियोजना को भी समर्थन दिया जा रहा है। यह समर्थन राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन के जरिये दिया जा रहा है।

यह जीन थेरेपी के शुरूआती चरण का पायलट क्लीनिकल ट्रायल है, जो “भारत में पहली बार” हो रहा है। यह आईआईटी बॉम्बे और टीएमएच, मुम्बई के बीच शानदार सहयोग की बदौलत मुमकिन हुआ है।

केंद्र सरकार के राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन-बाइरैक ने सीएआर-टी सेल के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को पहली बार मनुष्यों पर पूरा करने के लिये 19.15 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं।

क्लीनिकल ट्रायल बाल कैंसर उपचार और स्वास्थ्य विज्ञान के डॉ. (सर्जन कमान्डर) गौरव नरूला और टीएमसी, मुम्बई की उनकी टीम कर रही है। इसके अलावा सीएआर-टी सेल को दवा के रूप में काम करने और उसके निर्माण सम्बंधी प्रक्रिया में जैव-विज्ञान और जैव-इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. राहुल पुरवार तथा आईआईटी-बी की टीम ने काम किया है। सघन प्री-क्लीनिकल परीक्षण की डिजाइन और विकास का काम टीएमसी, मुम्बई के सहयोग से आईआईटी-बी ने किया है। इसमें दो विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया था।

आईआईटी-बी के निदेशक सुभासीस चौधरी ने कहा कि यह संस्थान और देश के लिये शानदार कारनामा है। उन्होंने कहा, “आईआईटी-बी के हम सभी वैज्ञानिकों ने टाटा मेमोरियल अस्पताल के साथ कैंसर के उपचार की एक अत्यंत जटिल थेरेपी विकसित की है। अगर परीक्षण कामयाब होते हैं, तो भारत में इसे सस्ती दरों पर उपलब्ध कराके सैकड़ों जाने बचाई जा सकती हैं। यह आईआईटी-बी का अनुसंधान है और आशा है कि यह लोगों के जीवन में उम्मीद जगा देगा।”

राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन लेंटीवायरल वेक्टर निर्माण सुविधा के विकास को भी समर्थन दे रहा है। इसके जरिये उन्नत टी-सेल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिये पैकेजिंग प्लास्मिड का उपयोग किया जायेगा। इसके अलावा टी-सेल ट्रांस्डक्शन (जिसमें बाहरी डीएनए को सेल में डाला जाता है) और सीएआर-टी के निर्माण को विस्तार देने के लिये दो अन्य संगठनों का सहयोग कर रहा है। सीएआर-टी सेल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल गंभीर खून के कैंसर, मल्टीपल मायलोमा, ग्लायोब्लास्टोमा, हेपेटोसेलुलर कार्सीनोमा और टाईप-2 डायबटीज में किया जायेगा। इस परियोजना का डीबीटी के जरिये समर्थन किया जा रहा है।

डीबीटी के बारे में

बायोटेक्नोलॉजी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन है और भारत में जैव-प्रौद्योगिकी के विकास में तेजी लाने का काम करता है। इसमें कृषि, स्वास्थ्य, पशु विज्ञान, पर्यावरण और उद्योग में जैव-प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल और उसका विकास शामिल है।

बाइरैक के बारे में

जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम की धारा 8, अनुसूची ‘ब’ के तहत लाभ न कमाने वाला संगठन है, जिसकी स्थापना बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने की है। यह भारत सरकार की एक इंटरफेस एजेंसी है, जिसके जरिये उभरते हुये जैव-प्रौद्योगिकी उद्यमों को शक्ति सम्पन्न किया जाता है, ताकि वे रणनीतिक अनुसंधान और नवाचार का काम कर सकें तथा देश के लिये जरूरी उत्पादों का विकास कर सकें।

About Administrator Attack News

Dr.Sushil Sharma Admin/Editor

Check Also

मध्यप्रदेश में सोमवार को कम।हुआ संक्रमण:5 हजार से अधिक कोरोना के नये मरीज मिले, 77 की मौत;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,37306 और मृतकों की संख्या 7069 हुई attacknews.in

भोपाल, 17 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की लहर के बीच आज पांच हजार …

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण दर घटकर 9% और रिकवरी रेट बढ़कर 87% होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिवराज सिंह चौहान ने दूरभाष पर कोरोना की स्थिति से अवगत कराया attacknews.in

भोपाल, 17 मई मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण दर (पॉजीटिविटी रेट) घटकर नौ प्रतिशत पर पहुंचने …

क्या है ब्लैक फंगस या फंगल संक्रमण या म्यूकोर्मिकोसिससे, कैसे होता है?इसका कोरोना से क्या संबंध है?सामान्य लक्षण क्या हैं इलाज कैसे किया जाता है?और इसे कैसे रोकें? attacknews.in

नईदिल्ली 17 मई ।अब जब हम खुद को कोविड-19 से बचाने और उससे लड़ने की …

शिल्पा मेडिकेयर ने डॉ रेड्डीज के साथ स्पुतनिक वी वैक्सीन के विनिर्माण के लिए समझैता किया,1 साल में 10 करोड़ खुराकें करना है तैयार attacknews.in

नयी दिल्ली, 17 मई । दवा कंपनी शिल्पा मेडिकेयर ने सोमवार को कहा कि उसकी …

भारत में डीआरडीओ द्वारा विकसित कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी जारी,इस दवा से मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता कम करने में मदद होगी साथ ही मरीज जल्दी ठीक होते हैं attacknews.in

नयी दिल्ली 17 मई । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने …