नयी दिल्ली 04 अक्टूबर । भारत ने आज कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अंतरराष्ट्रीय राजनयिक शिष्टाचार नहीं आता है और इसलिए वह प्रधानमंत्री जैसे पद के लायक नहीं हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में ये टिप्पणी की। श्री खान द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जाकर वहां के लोगों को नियंत्रण रेखा तक मार्च करने सहित विभिन्न टिप्पणियों को लेकर भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर श्री कुमार ने कहा कि पहली बार उनके ऐसे बयान नहीं आये हैं। श्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र की महासभा में जैसा भड़काऊ भाषण दिया और जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया, उसकी भारत कड़े शब्दों में निंदा करता है।
उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कैसा आचरण किया जाता है। वह बार बार जिहाद का अाह्वान करते हैं। वैसे तो पाकिस्तान से उम्मीद नहीं है पर फिर भी कहेंगे कि वह सामान्य पड़ोसियों की तरह से व्यवहार करे। पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आकर दूसरे देश की संप्रभुता के उल्लंघन का आह्वान करते हैं तो इसका मतलब है कि वह उस उच्च पद के लायक नहीं है जिस पर वह आसीन हैं।
करतारपुर कॉरीडोर के बारे में एक सवाल पर श्री कुमार ने कहा कि इस गलियारे के निर्माण को लेकर भारत पूर्णत: वचनबद्ध है। इसमें हम कोई राजनीति नहीं आने देना चाहते हैं। हमने कुछ विषयों में पाकिस्तान से जवाब मांगा है। तीर्थयात्रियों से शुल्क लेने का मामला है तो हमने कहा है कि भावनाओं का ख्याल रखा जाना चाहिए अौर इसलिए शुल्क नहीं लिया जा सकता है। इन सब पर पाकिस्तान से अपेक्षा है कि वह जल्द से जल्द जवाब दे।
प्रवक्ता ने कहा कि चार लेन की सड़क बनाने का काम पूरा हो गया है। यात्री टर्मिनल का काम इस माह पूरा हाे जाएगा।
वैसे इस्लामाबाद में 29 सितंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को अमेरिका से लौटने के बाद कहा कि जो लोग कश्मीरियों के साथ खड़े हैं वे “जिहाद” कर रहे हैं और पाकिस्तान कश्मीरियों का साथ देगा, भले ही दुनिया ऐसा न करे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले संबोधन में कश्मीर मुद्दे पर जोर देने वाले खान ने यहां हवाई अड्डे पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि “चाहे दुनिया कश्मीरियों के साथ हो या न हो, हम उनके साथ खड़े हैं।”
उन्होंने कहा, “यह (कश्मीरियों के साथ खड़ा रहना) जिहाद है। हम ऐसा इसलिये कर रहे हैं क्योंकि हम चाहते हैं कि अल्लाह हमसे खुश हो।”
उन्होंने कहा, “यह संघर्ष है और जब समय अच्छा न हो तो हिम्मत न हारें। निराश न हों क्योंकि कश्मीरी आपकी ओर देख रहे हैं।”
खान ने कहा, “अगर पाकिस्तानी लोग कश्मीरियों के साथ खड़े रहे तो वे जीतेंगे।”
खान ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कश्मीर मुद्दा उठाया था और मांग की थी कि भारत कश्मीर से “अमानवीय कर्फ्यू” हटाए तथा सभी “राजनीतिक कैदियों” को रिहा करे।
खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन के लिये 15 मिनट की तय सीमा से बहुत अधिक 50 मिनट के अपने भाषण में आधा समय कश्मीर मुद्दे पर बात कही। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दो परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों का आमना-सामना हुआ, तो इसके परिणाम सीमाओं से परे होंगे।