नयी दिल्ली, 29 अगस्त। भारत ने पाकिस्तानी नेताओं द्वारा जम्मू-कश्मीर को लेकर की जा रही भड़काऊ बयानबाज़ी की कड़ी निंदा की और कहा कि दुनिया पाकिस्तान के झूठ पर आधारित भड़काऊ बयानों के मकसद को अच्छी तरह से समझ रही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा, “ हम पाकिस्तानी नेतृत्व द्वारा हाल ही में दिये गये बयानों की कड़ी भर्त्सना करते हैं। ये बहुत गैरजिम्मेदाराना बयान हैं।”
उन्होंने कहा कि ये बयान जिहाद और भारत में हिंसा भड़काने के बारे में हैं और इनका मकसद यह दर्शाना है कि मानो बहुत विस्फोटक स्थिति हो जबकि हकीकत इससे एकदम अलग है।
श्री कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को समझने की जरूरत है कि दुनिया ने झूठ और पाखंड पर आधारित उसके भड़काऊ बयानों को संज्ञान में ले लिया है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि पाकिस्तान अपनी शासन की नीति के रूप में आतंकवाद का प्रयोग करता है और हर बार हम उसे अपनी चिंताओं से वाकिफ कराते हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “ हमें सूचना मिली है कि पाकिस्तान आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है। हम मांग करते हैं कि पाकिस्तान को उसकी धरती पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों के के खिलाफ करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह सामान्य पड़ाेसी की तरह से व्यवहार करे। सामान्य बातचीत, सामान्य व्यापार हो लेकिन पाकिस्तान की अोर से ऐसा नहीं हो रहा है।
पाकिस्तान की मंत्री शिरीन मज़ारी द्वारा संयुक्त राष्ट्र को लिखे गये पत्र के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि इस पत्र की उतनी कीमत भी नहीं है जितना उसके कागज की है। वह इस पर प्रतिक्रिया देकर उसे कोई महत्व नहीं देना चाहते हैं।
जम्मू-कश्मीर के हालात के बारे में उन्होंने कहा कि राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने बताया है कि राज्य में 50 हजार नौकरियाें के लिए भर्ती की जाएंगी। सेब की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाएगा। दवाओं की कमी की रिपोर्ट का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि एेसी कोई सूचना नहीं है। राज्य का माहौल नियंत्रण में है। किसी की जान नहीं गयी और न ही कोई गोली चली है। स्थिति में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है।
पाकिस्तान द्वारा वायु क्षेत्र बंद करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शायद कुछ सेक्टरों पर अस्थायी रोक लगायी गयी थी। पाकिस्तान की ओर से वायु क्षेत्र बंद करने के बारे में कोई बयान नहीं आया है।
जम्मू कश्मीर को लेकर पाकिस्तान से आने वाले बयानों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से 40..50 बयान आ गए है । ये ऐसे बयान हैं जो बेहद गैर जिम्मेदाराना हैं। इनका मकसद क्षेत्र में गंभीर स्थिति का माहौल पेश करना है ।
कुमार ने कहा कि वे :पाकिस्तानी नेतृत्व: मामले को तूल देना चाहते हैं ताकि दुनिया को लगे कि कुछ हो रहा है । लेकिन वास्तव में स्थिति अलग है, ऐसा कुछ हो ही नहीं रहा है । उनकी :पाकिस्तान: ओर से जो भी कहा जा रहा है, वह झूठ और मनगढंत है ।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को सरकारी नीति के हिस्से के रूप में इस्तेमाल कर रहा है । हमने इस बारे में अपनी चिंताओं से अवगत कराया है । हमें खबर मिली है कि पाकिस्तान आतंकियों को घुसपैठ कराने का प्रयास कर रहा है ।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों पर ठोस कार्रवाई करे ताकि वे दोबारा सीमापर घुसपैठ नहीं कर सके और आतंकवाद को जड़ से समाप्त करना पाकिस्तान का दायित्व भी है ।
कुमार ने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं कि पाकिस्तान आतंकवादियों की घुसपैठ नहीं कराये बल्कि सामान्य पड़ोसी की तरह व्यवहार करे । सामान्य पड़ोसी ऐसा व्यवहार नहीं करते हैं जैसा कि पाकिस्तान कर रहा है । ’’ एक अन्य सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा यूएनएचआरसी को लिखे पत्र को भारत महत्व नही देना चाहता ।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान ने परमाणु सम्पन्न सतह से सतह तक मार करने वाली ‘गजनवी’ मिसाइल के परीक्षण के बारे में भारत को स्थापित चलन के अनुरूप सूचित किया था ।
भारत में मानवाधिकार से जुड़े विषयों के बारे में कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों की चिंताओं पर कुमार ने कहा कि भारत इन अपुष्ट बयानों को पूरी तरह से खारिज करता है। ये तथ्यों पर आधारित नहीं हैं ।
जम्मू कश्मीर की स्थिति का जिक्र करते हुए कुमार ने कहा कि अगर आप 5 अगस्त के बाद से अभी की स्थिति को देखें तब इसमें जमीन पर निरंतर सकारात्मक सुधार हुआ है । उस क्षेत्र की तुलना देश के अन्य हिस्से से नहीं करें ।
उन्होंने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल की ओर से राज्य में सरकारी विभागों में 50 हजार रिक्तियों को भरने सहित सेब के उत्पादन के संबंध में न्यूनतम समर्थन मूल्य, ब्लाक विकास परिषद के चुनाव अक्तूबर में पूरा करने सहित अन्य घोषणाओं का जिक्र किया ।
पाकिस्तान की ओर से एयरस्पेश बंद करने की खबर के संबंध में प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से इस बारे में आधिकारिक बयान नहीं आया है जिससे इसकी पुष्टि होती हो ।
उन्होंने कहा कि भारत दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता एवं अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन का पक्षधर है ।