नयी दिल्ली, 30 अगस्त । भारत को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम रही सरकार ने आर्थिक गतिविधियों में सहयोग के उद्देश्य से सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की शुक्रवार को घोषणा की। इस विलय के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या 18 से घटकर 12 रह जायेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहाँ संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा करते हुये कहा कि अब तक भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहायक बैंकों के विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय के परिणाम उत्साहजनक हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा 16.13 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ देश का तीसरा बड़ा बैंक बन गया है।
उन्होंने कहा कि अब ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया जायेगा जो विलय के बाद 17.94 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ देश का दूसरा बड़ा बैंक होगा। इसकी कुल 11,437 शाखायें हो जायेंगी और कर्मचारियों की संख्या भी एक लाख के पार हो जायेगी।
इसी प्रकार केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय किया जायेगा और यह विलय के बाद 15.20 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ चौथा बड़ा बैंक होगा। विलय के बाद केनरा बैंक के शाखाओं की संख्या 10,342 तथा इसके कर्मचारियों की संख्या 89,885 हो जायेगी।
यूनियन बैंक के साथ आँध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय किया जायेगा जो विलय के बाद 14.59 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ पाँचवाँ बड़ा बैंक होगा। इसके बाद यूनियन बैंक की 9,609 शाखायें हो जायेंगी और कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 75,384 पर पहुँच जायेगी।
इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय होगा और इसके बाद इंडियन बैंक 8.08 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ देश का सातवाँ बड़ा बैंक होगा।इसके कर्मचारियों की संख्या 42,814 हो जायेगी।
उन्होंने आश्वासन दिया कि विलय के बावजूद बैंक कर्मचारियों की छँटनी नहीं की जायेगी।