नयी दिल्ली , 28 फरवरी । सरकार वित्तीय रूप से मजबूत बड़े बैंक बनाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के विलय की नीति पर चल रही है। इसमें वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बैंक बनाने पर जोर है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।
जेटली ने कहा कि पिछली दो – तीन तिमाहियों में सरकारी बैंकों की एनपीए की स्थिति सुधरी है। राजग सरकार ने ” फोन बैंकिंग ” यानी फोन करके उद्योगपतियों को कर्ज बांटने के निर्देश दिये जाने की प्रथा को समाप्त किया है। सरकार ने बैंकों के कामकाज में हस्तक्षेप से अपने को दूर रखा है।
वित्त मंत्री ने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के एक कार्यक्रम में कहा , ” चाहे विधायी कदम के माध्यम से हो या फिर बड़े बैंक बनाने जैसे महत्वपूर्ण कदम के जरिए हो , सरकार बैंकिंग प्रणाली को ठीक करने के लिए कदम उठा रही है। सरकार धीरे – धीरे एकीकरण की नीति का भी अनुसरण कर रही है। ”
उन्होंने कहा कि बैंकों को फंसे कर्ज के बारे में सही जानकारी देने का कड़ा नियम बनाये जाने से शुरुआत में बैंकों की गैर – निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) बढ़ी थीं।
जेटली ने कहा कि रिजर्व बैंक ने इस बात पर जोर दिया है कि बैंकों को उनके सभी फंसे कर्ज के लिये उचित प्रावधान करना चाहिये। इसके पीछे यह भी उद्देश्य है कि इससे केवल मजबूत और बड़े बैंक उभरकर सामने आयेंगे।
उन्होंने कहा , ” पिछली दो – तीन तिमाहियों में एनपीए का ग्राफ नीचे आया है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2014-15 से लेकर दिसंबर 2018 तक 2.87 लाख करोड़ रुपये की वसूली की है।
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 98,493 करोड़ रुपये की वसूली की है। यह एक साल पहले की इसी अवधि से 100 प्रतिशत अधिक है।
विलय को लेकर भविष्य की योजना पर एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि तीन बैंक पहले से ही विलय प्रक्रिया में है और प्रक्रिया पूरी होने की तारीख एक अप्रैल है। बैंकों में इस विलय की सफलता से भविष्य की दिशा तय होगी।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनवरी में विजया बैंक, देना बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ विलय को मंजूरी दी है । इस विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा देश में भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के बाद तीसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक बन जाएगा।
कुमार ने कहा कि एनपीए में गिरावट और मुनाफे में सुधार के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति “काफी बेहतर दिख ” रही है।
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