नयी दिल्ली 01 सितंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकारी बैंकों के बढ़ते एनपीए के लिए पूरी तरह से कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुये शनिवार को कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में 2008-14 के दौरान करीब 36 लाख करोड़ रुपये के ऋण देकर अर्थव्यवस्था को बारूदी सुरंग पर बिठा दिया था, लेकिन उनकी सरकार ‘फोन बैंकिंग’ पर दिये गये कर्ज का एक-एक पैसा वसूल करेगी।
श्री मोदी ने यहाँ डाक विभाग के इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीअी) का शुभारंभ करने के बाद कहा कि अब उनका भी इस बैंक में खाता खुल गया है और उन्हें भी क्यूआर कोड वाला कार्ड दिया गया है। उन्होंने चुटकी लेते हुये कहा “जो खाता नहीं है वह भी खाता तो रखता है।” उल्लेखनीय है कि श्री मोदी ने पिछले आम चुनाव के प्रचार के दौरान भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का वादा करते हुये कहा था “न खाऊँगा, न खाने दूँगा।”
प्रधानमंत्री ने सरकारी बैंकों की बढ़ती गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का उल्लेख करते हुये कहा कि वर्ष 2014 में उनकी सरकार जब सत्ता में आयी तब पता चला है कि जिसे कांंग्रेस सरकार दो लाख करोड़ रुपये का एनपीए बता रही थी वह वास्तव में नौ लाख करोड़ रुपये था। पिछली सरकार ने देश के साथ धोखा किया और कांग्रेस तथा ‘नामदारों’ ने देश की अर्थव्यवस्था को बारूदी सुरंग पर डाल दिया। अर्थव्यवस्था को ऐसी स्थिति में छोड़ा गया था कि उसे सँभालना मुश्किल होता, लेकिन उनकी सरकार ने रात-दिन लगकर अर्थव्यस्था को उबारा है और बारूदी सुरंगों को निष्क्रिय कर दिया है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में बैंकों का अधिकांश पैसा “एक परिवार” के करीबी लोगों के लिए सुरक्षित रख दिया गया था। वर्ष 1947 से 2008 तक कुल मिलाकर 18 लाख करोड़ रुपये के ऋण देश में दिये गये थे, लेकिन वर्ष 2008 से 2014 के दौरान यह राशि दो गुना से अधिक बढ़कर 52 लाख करोड़ रुपये पर पहुँच गयी। साठ साल में जितने ऋण दिये गये उससे दो गुना सिर्फ इन छह वर्षाें में दिये गये। पिछली सरकार के ‘नामदार’ फोन पर ऋण दिलाते थे और अरबों-खरबों रुपये के ऋण दिलाये गये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहाँ तालकटोरा स्टेडियम से भारतीय डाक के भुगतान बैंक ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक’ (आईपीपीबी) की शुरुआत की। इसके साथ देश में भर में इसकी 650 शाखाएँ और 3,250 डाकघरों में एक्सेस सेंटर यानी सेवा केंद्र शुरू हो गये।
श्री मोदी ने स्टेडियम में मौजूद तथा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यमों से जुड़े 21 लाख से ज्यादा लोगों को संबोधित करते हुये कहा “आज से डाकिया डाक लाया के साथ-साथ डाकिया बैंक भी लाया है।”
उन्होंने कहा कि आज देश को बहुत बड़ा नजराना मिलने जा रहा है। आईपीपीबी देश के अर्थतंत्र और सामाजिक व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन करने जा रहा है। सरकार ने जनधन के जरिये गरीबों को पहली बार बैंक तक पहुँचाया था। आज इस पहल से हम बैंक को गरीबों तक पहुँचा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “आपका बैंक, आपके द्वार” सिर्फ आईपीपीबी का घोष वाक्य नहीं है, यह सरकार का सपना भी है। हमारा चिट्ठी देने वाला डाकिया चलता-फिरता बैंक बन गया है। भारतीय समाज में डाकिये के महत्त्व का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा “कभी सरकारों के प्रति भी लोगों का विश्वास डगमगाया होगा, लेकिन डाकिये के प्रति कभी विश्वास नहीं डगमगाया।”attacknews.in