नयी दिल्ली, 29 सितंबर ।सरकार ने हर किस्म के प्याज के निर्यात पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया है। प्याज की बढ़ती कीमतों के बीच घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना में कहा, ‘‘सभी किस्म के प्याज पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।’’ डीजीएफटी आयात और निर्यात से संबंधित मुद्दों को देखता है।
इससे पहले 13 सितंबर को डीजीएफटी ने प्याज के निर्यात पर अंकुश के लिए 850 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय किया था। इस कदम का उद्देश्य घरेलू बाजार में प्याज कीमतों पर अंकुश लगाना था।
दिल्ली और देश के कुछ अन्य हिस्सों में प्याज का खुदरा दाम 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है। महाराष्ट्र जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में बाढ़ की वजह से इसकी आपूर्ति प्रभावित हुई है।
इस बीच, उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र सरकार अपने बफर स्टॉक से 50,000 टन प्याज निकाल रही है। सरकार ने पिछले महीने चेताया था कि प्याज की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।
केन्द्र सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढाने तथा इसका मूल्य नियंत्रित करने को लेकर निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के साथ ही कारोबारियों के लिए भंडारण सीमा तय कर दी है और राज्यों को जमाखोरी रोकने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा है ।
सरकार ने प्याज पर तुरंत प्रभाव से निर्यात रोकने के लिए आज ही अधिसूचना जारी कर दी और खुदरा करोबारियों के लिए 100 क्विंटल तथा थोक कारोबारियों के लिए 500 क्विंटल भंडारण सीमा निर्धारित कर दी । यह सीमा पूरे देश में लागू होगी ।
केन्द्र ने राज्य सरकारों से प्याज की भंडारण सीमा को सख्ती से लागू करने को कहा है । सरकार ने रबी के दौरान नेफेड के माध्यम से करीब 56700 टन का भंडार बनाया था । इसके सहयोग से दिल्ली में करीब 24 रुपये प्रति किलों के भाव से प्याज आम लोगों को दिया जा रहा है । इसी भंडारण से हरियाणा और आन्ध्र प्रदेश को भी प्याज भेजा गया है । अन्य राज्य सरकारों को भी प्याज के मूल्य नियंत्रित करने के लिए इसका उपयोग करने को कहा गया है ।
अधिसूचना के बाद बंगलादेश और श्रीलंका को प्याज का निर्यात तुरंत बंद हो जायेगा । सरकार ने कहा है कि इसका उल्लंघन करने वाले कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी ।
सूचना मिली थी कि कुछ करोबारी इन दोनों देशों को न्यूनतम निर्यात मूल्य से भी कम दाम पर प्याज भेज रहे थे ।
उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में देश के अनेक हिस्सों में प्याज का खुदरा मूल्य 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था ।