वाशिंगटन, 24 मई । आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रचंड बहुमत से जीत के कुछ ही घंटे बाद अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करने की अपनी राज्य नीति को नहीं छोड़ता है तब तक भारत उसके साथ बातचीत नहीं करेगा।
पुलवामा हमले के बाद राष्ट्रवाद आम चुनावों में बड़ा मुद्दा था।
श्रृंगला ने यहां अमेरिकी संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए शांति वार्ता की जिम्मेदारी अब पाकिस्तान के कंधों पर है।
राजदूत ने अमेरिकी संवाददाताओं के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक कोई देश आतंकवाद का राज्य नीति के हथियार के तौर पर इस्तेमाल करता रहेगा और भारत उस नीति से प्रभावित होता रहेगा, तक तब किसी भी भारतीय सरकार को ऐसे देश से बातचीत करने का जनादेश नहीं मिलेगा।
भारत-पाक संबंधों के भविष्य पर किए गए सवाल के जवाब में श्रृंगला ने कहा कि पाकिस्तान जिस दिन अपने मतलब के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल करना बंद कर देगा, ‘‘मुझे लगता है कि उस दिन सरकार अपने जनादेश के भीतर रहते हुए अपने पश्चिमी पड़ोसी के साथ बेहतर संबंधों की शुरुआत करेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हर भारतीय की इच्छा पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध रखने की है। आप बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मालदीव, अफगानिस्तान के साथ हमारे संबंधों को देखें। हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं।’’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को चुनाव में जबर्दस्त जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए क्षेत्रीय शांति और समृद्धि के लिए उनके साथ मिल कर काम करने की इच्छा जतायी थी ।
शीर्ष राजनयिक ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समावेशी प्रयास – ‘सबका साथ, सबका विकास’ का हिस्सा है कि उनके विकास में शामिल हों।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने पड़ोसी देशों के विकास के लिए 27 अरब अमेरिकी डालर का कोष रखा है और इसमें शामिल होने के लिए पाकिस्तान का स्वागत है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि एक ओर आतंकवाद का समर्थन करने और फिर दूसरी ओर शांति की बात करने की कोशिश की नीति नहीं हो सकती।
पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्रीय भावना का उल्लेख करते हुए श्रृंगला ने कहा कि जब आतंकवाद से निपटने की बात आती है तो भारत में जोरदार द्विदलीय समर्थन होता है।
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