श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 28 अप्रैल । भारत के पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 के जरिए ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों का रविवार को यहां श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया गया।
यह इसरो का इस साल का पहला मिशन है।
पीएसएलवी-सी51 ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लॉन्च पैड से करीब 10 बजकर 24 मिनट पर उड़ान भरी और सबसे पहले करीब 17 मिनट बाद प्राथमिक पेलोड अमेजोनिया-1 को कक्षा में स्थापित किया।
करीब डेढ़ घंटे के अंतराल के बाद अन्य उपग्रहों को 10 मिनट में एक के बाद एक करके प्रक्षेपित किया गया। इन उपग्रहों में चेन्नई की स्पेस किड्ज़ इंडिया (एसकेआई) का उपग्रह भी शामिल है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी गई है।
एसकेआई का सतीश धवन उपग्रह (एसडी-सैट) सुरक्षित डिजिटल कार्ड प्रारूप में भगवद्गीता को भी अपने साथ लेकर गया है।
एसकेआई ने कहा कि प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर पहल और अंतरिक्ष क्षेत्र के निजीकरण के लिए एकजुटता और आभार व्यक्त करने के लिए अंतरिक्ष यान के शीर्ष पैनल पर मोदी की तस्वीर उकेरी गई है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने मिशन के सफल होने की घोषणा की और बताया कि सभी 19 उपग्रहों को उनकी कक्षाओं में स्थापित किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘आज का दिन पूरी इसरो टीम के लिए एक बड़ा दिन है और पीएसएलवी-सी51 भारत के लिए एक विशेष मिशन है। मैं अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को सटीकता से उनकी कक्षा में स्थापित करने को लेकर इसरो टीम को बधाई देना चाहता हूं और उनकी प्रशंसा करता हूं।’’
इसरो की वाणिज्यिक इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटिड (एनएसआईएल) के लिए भी यह खास दिन है। पीएसएलवी सी51/अमेजोनिया-1 एनएसआईएल का पहला समर्पित वाणिज्यिक मिशन है। इस मिशन को यहां स्थित नियंत्रण केंद्र से ब्राजील सरकार के अधिकारियों समेत अन्य लोगों ने देखा।
637 किलोग्राम वजनी अमेजोनिया-1 ब्राजील का पहला उपग्रह है जिसे भारत से प्रक्षेपित किया गया। यह राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (आईएनपीई) का ऑप्टिकल पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है।
जिन अन्य 18 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया गया है, उनमें से चार उपग्रह इसरो के भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र और 14 उपग्रह एनएसआईएल के हैं।
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी51ने ब्राजील के उपग्रह अमेजोनिया-1 काे रविवार सुबह सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने वर्ष 2021 के अपने पहले मिशन के तहत आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 10:24 बजे पीएसएलवी-सी51 का ब्राजील के उपग्रह अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों के साथ प्रक्षेपण किया। उड़ान भरने के 17 मिनट बाद अमेजोनिया-1 प्रक्षेपण यान से अलग होकर 715 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया।
इसरो के अध्यक्ष के. शिवन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि पीएसएलवी-सी51 ने ब्राजील के उपग्रह को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है।
इसके बाद चौथे चरण का इंजन बंद हाेगा और दो बार ‘रिस्टार्ट’ होगा। यह इसरो के सबसे लंबे मिशन में से एक है जो लगभग दो घंटे तक चलेगा। चौथे चरण के इंजन के दूसरी बार स्टार्ट होने पर उड़ान भरने के एक घंटा 55 मिनट बाद अन्य 18 उपग्रह अपनी कक्षा में स्थापित किये जाएंगे।
पीएसएलवी-सी51 को 22 घंटे 50 मिनट तक चली उल्टी गिनती के बाद प्रक्षेपित किया गया। स्वदेश निर्मित 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी-सी51 के साथ ब्राजील के 637 किलो वजनी अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गये।
रविवार सुबह ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी51 काे ब्राजील के उपग्रह अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों के साथ सफलता पूर्वक रवाना किया।
इसरो के मुताबिक पीएसएलवी-सी51 को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 घंटे 50 मिनट तक चली उल्टी गिनती के बाद आज सुबह 10.24 बजे प्रक्षेपित किया गया। स्वदेश निर्मित 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी-सी51 के साथ ब्राजील के 637 किलो वजनी अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गये।
यह सबसे लंबी उड़ानों में से एक है जो चौथा चरण बंद होने और दो बार ‘रिस्टार्ट’ होने तक लगभग दो घंटे चलेगी। पहली बार यह उस समय ‘रिस्टार्ट’ हाेगा, जब अमेजोनिया-1 अलग होगा और उसके बाद जब अन्य उपग्रह अलग होकर अपनी कक्षाओं में स्थापित किये जाएंगे, तब यह दोबारा ‘रिस्टार्ट’ होगा।