नयी दिल्ली 02 जुलाई ।चीन के साथ तनातनी के बीच सरकार ने तीनों सेनाओं को जरूरी हथियारों और लड़ाकू विमानों से लैस करने के लिए 38 हजार रूपये से अधिक के रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में सशस्त्र सेनाओं के लिए कुल 38 हजार 900 करोड़ रूपये की रक्षा खरीद के सौदों को हरी झंडी दिखायी गयी। वायु सेना के लिए 21 मिग -29 विमानों की खरीद के साथ साथ मौजूदा 59 मिग-29 विमानों को उन्नत बनाने की मंजूरी भी दी गयी है। इसके अलावा 12 सुखोई 30 विमान भी खरीदे जायेंगे । मिग-29 की रूस से खरीद और विमानों को उन्नत बनाने में 7418 करोड रूपये की लागत आयेगी जबकि 30 सुखोई विमान एचएएल से खरीदे जायेंगे जिनपर 10730 करोड़ रूपये की लागत आयेगी।
38,900 करोड़ रुपये की लागत से लड़ाकू विमानों और मिसाइल सिस्टम की खरीदी होगी:
चीन के साथ सीमा पर बढ़े तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय ने सैन्य बलों की युद्धक क्षमता बढ़ाने के लिए 38,900 करोड़ रुपये की लागत से कुछ अग्रिम लड़ाकू विमानों, मिसाइल सिस्टम और अन्य हथियारों की खरीद को बृहस्पतिवार को मंजूरी दी। अधिकारियों ने इस बारे में बताया है ।
उन्होंने कहा कि 21 मिग-29 लड़ाकू विमान रूस से जबकि 12 एसयू-30 एमकेआई विमान हिन्दुस्तान एरोनॉटिकल्स लिमिटेड से खरीदे जाएंगे। मंत्रालय ने मौजूदा 59 मिग-29 विमानों को उन्नत बनाने के एक अलग प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है ।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में ये फैसले लिए गए ।
अधिकारियों ने बताया कि 21 मिग-29 लड़ाकू विमानों और मिग-29 के मौजूदा बेड़े को उन्नत बनाने पर अनुमानित तौर पर 7,418 करोड़ रुपये खर्च होंगे । जबकि, हिन्दुस्तान एरोनॉटिकल्स लिमिटेड से 12 नए एसयू-30 एमकेआई विमान की खरीद पर 10,730 करोड़ रुपये की लगात आएगी।
डीएसी ने नौसेना और वायुसेना के लिए 1,000 किलोमीटर रेंज की मारक क्षमता वाले ‘लैंड अटैक क्रूज मिसाइल सिस्टम’ और अस्त्र मिसाइलों की खरीद को भी मंजूरी दी है।
अधिकारियों ने बताया कि इस रूपरेखा और विकास प्रस्तावों की लागत 20,400 करोड़ रुपये है।
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘पिनाका मिसाइल सिस्टम से भी मारक क्षमता बढ़ेगी। इसके साथ ही एक हजार किलोमीटर लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले मिसाइल सिस्टम से नौसेना और वायुसेना की मारक क्षमता में कई गुणा बढ़ोतरी होगी । ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह, अस्त्र मिसाइलों को बेड़े में शामिल करने से बल की ताकत में और इजाफा होगा। इससे भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना की मारक क्षमता में जबरदस्त बढोतरी होगी। ’’