वाशिंगटन/नईदिल्ली , 18 जून ।अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत का स्वागत करते हुए कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए सुरक्षा परिषद में भारत के साथ मिलकर काम करने का इच्छुक है।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो ने कहा कि ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का गर्मजोशी से स्वागत’’ करते हैं और ‘‘भारत के चुने जाने पर उसे बधाई देते है’’।
उसने ट्वीट किया, ‘‘हम अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के मामलों पर मिलकर काम करने के इच्छुक हैं। यह भारत और अमेरिका के बीच समग्र वैश्विक रणनीतिक साझीदारी का विस्तार है।’’
भारत शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनाव में मिले जबरदस्त समर्थन की मदद से दो साल के लिए इसका अस्थायी सदस्य चुना गया है।
इस अभूतपूर्व चुनाव में 192 सदस्य देशों के राजनयिकों ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए और मास्क पहनकर मतदान किया।
सुरक्षा परिषद की पांच अस्थायी सीटों के लिए हुए चुनाव में एशिया-प्रशांत देशों की श्रेणी से उम्मीदवार भारत को 192 मतों में से 184 मत मिले।
सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा। भारत के अलावा आयरलैंड, मेक्सिको और नॉर्वे ने भी चुनाव जीता।
इससे पहले भारत 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 तथा 2011-2012 में परिषद का अस्थायी सदस्य बना था।
यूएनएससी में भारत की सदस्यता के लिए मिले समर्थन को लेकर वैश्विक समुदाय का बहुत आभारी हूं: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए वैश्विक समुदाय से मिले जबरदस्त समर्थन के लिए ‘‘तहे दिल से आभारी’’ हैं।
उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक शांति, सुरक्षा, लचीलेपन और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए वैश्विक समुदाय से मिले जबरदस्त समर्थन के लिए तहे दिल से आभारी हूं। भारत वैश्विक शांति, सुरक्षा, लचीलेपन और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा।’’
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनाव में भारत को भारी समर्थन हासिल हुआ है। सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए हुए चुनाव में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 192 मत पड़े, जिनमें से 184 मत भारत के पक्ष में रहे।
भारत का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा। भारत को आठवीं बार संयुक्त राष्ट्र की इस महत्वपूर्ण संस्था में सदस्यता मिली है। सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य हैं।
ऐसे सम्पन्न हुई संरा महासभा में चुनाव प्रक्रिया और भारत की आसान जीत :
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के पांच अस्थायी सदस्यों और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों के लिए चयन के लिए विशेष मतदान व्यवस्था के तहत बुधवार को चुनाव शुरू किया।
कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के चलते मतदान के लिए विशेष बंदोबस्त किए गए ।
भारत को सुरक्षा परिषद के चुनावों में आसान जीत मिली, जिससे वह 2021-22 कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च संस्था का अस्थायी सदस्य बन गया ।
भारत का अस्थायी सदस्य के तौर पर सुरक्षा परिषद में शामिल होना लगभग तय हो गया था । भारत 2021-22 कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से अस्थायी सीट के लिए उम्मीदवार है।
भारत की जीत इसलिए तय थी, क्योंकि वह समूह की इस इकलौती सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था। चीन और पाकिस्तान समेत 55 सदस्यीय एशिया-प्रशांत समूह ने पिछले साल जून में सर्वसम्मति से भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया था।
महासभा हर साल दो वर्ष के कार्यकाल के लिए कुल 10 में से पांच अस्थायी सदस्यों का चुनाव करती है।
संरा महासभा के अध्यक्ष तिज्जानी मोहम्मद बंदे ने बुधवार सुबह करीब नौ बजे चुनाव आरंभ होने की घोषणा की।
संरा में राजनयिक, कर्मचारी तथा अन्य अधिकारी महासभा के हॉल में मास्क पहनकर आए और मतदान करने के तुरंत बाद वहां से चले गए।
इससे पहले के वर्षों में, चुनाव के दौरान महासभा का हॉल खचाखच भरा होता था।
वैश्विक महामारी कोविड-19 के सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए 193 सदस्यीय संरा के सदस्य देशों को इस महत्वपूर्ण चुनाव के लिए महासभा हॉल में मतदान करने के लिए अगले हफ्ते का अलग-अलग वक्त दिया गया ।
सदस्य राज्यों द्वारा मतदान के लिए आठ अलग-अलग स्लॉट तय किए गए हैं। मतदान सुबह नौ बजे से शुरू हुआ और दोपहर एक बजे तक चला। अतिरिक्त आधे घंटे का समय उन सदस्यों के लिए रखा गया जो निर्धारित वक्त पर मतदान नहीं कर पाएं।
ये 10 अस्थायी सीटें क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती हैं। पांच सीटें अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए, एक पूर्वी यूरोपीय देशों, दो लातिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों तथा दो पश्चिमी यूरोपीय तथा अन्य राज्यों के लिए वितरित की जाती हैं।
परिषद में चुने जाने के लिए उम्मीदवार देशों को सदस्य देशों के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि इस परिषद में भारत की मौजूदगी से ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के लोकाचार को दुनिया तक लाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबिंत करने और विश्वसनीय बने रहने के लिए बदलने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र इस साल अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।