नईदिल्ली 15 मई ।कोरोना महामारी पर लगाम लगाने के लिए देश में 18 से अधिक के लोगों के लिए वैक्सिनेशन की शुरूआत कर दी गई है।
वैक्सीन के पहले चरण में 45 साल के अधिक के लोगों को वैक्सीन दी गई थी।
भारत में फिलहाल दो तरह की वैक्सीन को मंजूरी मिली है। पहली है भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन।
ज्यादातर लोगों के मन में दोनों वैक्सीन को लेकर बहुत से प्रश्न हैं।
दूसरे चरण में वैक्सिनेशन के दौरान लोगों में इस बात की जिज्ञासा अधिक है कि आखिर कोरोना की दोनों वैक्सीन में अंतर क्या है और क्या कोई एक वैक्सीन अधिक असरदार है।
हम जानते हैं कि आपके मन में भी इस बात को लेकर कई सवाल होंगे। आइए जानते हैं कोवैक्सीन और कोविशील्ड(Covaxin and covishield) से जुड़ी कुछ खास बातें।
#कोवैक्सीन और #कोविशील्ड वैक्सीन के बारे में जानकारी #Covaxin and #covishield
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि वैक्सीन शरीर को प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है और शरीर को वायरस से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करती हैं। #कोवैक्सीन और #कोविशील्ड (#Covaxin and #covishield) दोनों को ही भारत में कोरोना महामारी से लड़ने के इस्तेमाल किया जा रहा है। दोनो ही वैक्सीन कोरोना के मॉडिफाइड वर्जन को खत्म करने का काम करती है।
आइए जानते हैं पहले कोवैक्सीन के बारे में।
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कोरोना महामारी के लिए कोवैक्सीन Covaxine for साइट में जाकर अपना मोबाइल नंबर फिल कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद आपको वैक्सीन को लेकर प्राथमिकता भी पूछी जाएगी। आप कोवैक्सीन और कोविशील्ड Covaxin and covishield में से अपनी पसंद के मुताबिक वैक्सीन का चयन कर सकते हैं। साथ ही अपने एरिया का पिनकोड डालने पर आपको उपलब्ध स्लॉट के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। जब आप वैक्सीन सेंटर जाए, तो अपने साथ ओटीपी ले जाना न भूलें। आपको फ्री वैक्सीन चाहिए या फिर पे करने के बाद, इस ऑप्शन का चयन भी आप कर सकते हैं।
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कोवैक्सीन भारत में तैयार की गई है। भारत बायोटेक इंटरनेशनल लीमिटेड कंपनी ने आईसीएमआर (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पूणे के साथ मिलकर इस वैक्सीन को तैयार किया है। इस वैक्सीन को बनाने के लिए इनएक्टिव वायरल स्ट्रेन (Whole-Virion Inactivated Vero Cell ) का इस्तेमाल किया गया है। जब डेड वायरस शरीर में जाते हैं, तो ये शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। हमारे शरीर में जब भी कोई वायरस पहुंचता है, तो शरीर उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाने लगता है। ऐसा नहीं है कि कोवैक्सीन में पहली बार निक्रिष्य वायरस का इस्तेमाल किया जा रहा है। दशकों से वैक्सीन बनाने के लिए इस ट्रेडीशनल टेक्नीक का इस्तेमाल किया जा चुका है। पोलियो, रेबीज,सीजनल इन्फ्लुएंजा, जापानी इंसेफेलाइटिस आदि बीमारियों के लिए इनएक्टिव वैक्सीन तैयार की जा चुकी हैं। यानि ये वैक्सीन पूर्ण रूप से सुरक्षित होने के साथ ही शरीर को वायरस से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करती है।
जानिए कोवैक्सीन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें, जो आपको जरूर जाननी चाहिए:
कोवैक्सीन में इम्यून-पोटेंशिएटर्स #immune-#potentiators का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे वैक्सीन एडजुवेंट्स #vaccine #adjuvants के रूप में भी जानते हैं। ये वैक्सीन की इम्यूनोजेनेसिटी #immunogenicity बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
कोवैक्सीन को #DCGI यानी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया $Drugs $Controller #General of #India की ओर से फेज 1 और फेज 2 ह्युमन क्लीनिकल ट्रायल एप्रूव है।
कोवैक्सीन Covaxine के दो डोज 28 दिनों में दिए जाते हैं।
कोवैक्सीन के दूसरे डोज में 6 से 8 सप्ताह का अंतर भी हो सकता है।
कोवैक्सीन को लेकर कई ट्रायल्स किए जा चुके हैं। ये वैक्सीन 78% प्रभावी है और क्लीनिकल ट्रायल्स में ये बात सामने आई है कि ये वैक्सीन मृत्युदर को 100 प्रतिशत तक कम कर सकती है।
कोवैक्सीन को राज्य सरकारों को 600 रुपय में बेचा जाएगा जबकि निजी अस्पतालों और अन्य फैसिलिटी में ये वैक्सीन 1200 रुपय में उपलब्ध है।
कोरोना महामारी के लिए कोविशील्ड #covishield for #corona #epidemic:
सीरम इंस्टीट्यूट #seruminstitute, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी- एस्ट्राजेनेका #Oxford #university-#AstraZeneca’s ने मिलकर कोविशील्ड वैक्सीन तैयार की है। इस वैक्सीन का इस्तेमाल भी कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में किया जा रहा है।
कोविशील्ड (Covishield) वायरल वैक्टर वैक्सीन है, जिसमें चिपैंजी के एडेनोवायरस (ChAD0x1) वेक्टर का इस्तेमाल वायरस के स्पाइक प्रोटीन को नष्ट करने के लिए किया जाता है। ये वैक्सीन शरीर में वायरस से लड़ने के लिए सक्षम है और वायरस की संख्या को कम करती है।
ये कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) इफिसिएंसी रेट 70% है। ये वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है।
कोवैक्सीन के मुकाबले कोविशील्ड सस्ता है। इसकी कीमत राज्य सरकारों के लिए 300 रुपय और प्राइवेट फैसिलिटी के लिए 600 रुपय रखी गई है।
वायरस तेजी से म्यूटेशन कर रहा है और नए स्ट्रेन से इंफेक्शन की बात सामने आ रही है। दोनों ही वैक्सीन कुछ हद तक कोरोना के नए स्ट्रेन से शरीर को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैं।
कोविशील्ड भी इंट्रामस्क्युलर वैक्सीन है।
ये कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में फिलहाल मुफ्त में लगाई जा रही हैं।
कोवैक्सीन और कोविशील्ड : लगवा रहे हैं वैक्सीन, तो ध्यान रखें ये बातें:
कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) देश भर में लोगों को लगाई जा रही हैं। अगर आप भी वैक्सीन लगवाने जा रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें। आपको वैक्सीन लगवाने से पहले वैक्सीन के बारे में जानकारी के साथ ही इन बातों का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है।
अगर आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं या फिर आपको ड्रग एलर्जी है, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।
अगर आपको कोवैक्सीन और कोविशील्ड (Covaxin and covishield) आदि में से किसी भी टीके का पहला डोज लेने पर किसी तरह की समस्या हुई है, तो डॉक्टर को जानकारी जरूर दें।
अगर आपको बुखार है, तो वैक्सीन लगावाने से पहले डॉक्टर को जरूर बताएं।
अगर आपको ब्लीडिंग डिसऑर्डर है, तो भी आपको चिकित्सर को ये बात जरूर बतानी चाहिए।
अगर आप ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं या फिर आप प्रेग्नेंट हैं, तो वैक्सीन लेने से पहले डॉक्टर से इस बारे में जानकारी प्राप्त करें।
अगर आपको एलर्जी की समस्या है या फिर कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) के पहले डोज से एलर्जी की समस्या हो गई है, तो डॉक्टर आपको वैक्सीन न लगवाने की सलाह दे सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करें।
कोवैक्सीन और कोविशील्ड (Covaxin and covishield) को लेकर कुछ गाइडलाइन हैं, जिन्हें जरूर पढ़ना चाहिए।
कोविन साइट पर कर सकते हैं रजिस्टर:
अगर आप 18 साल के हो चुके हैं, तो आप
साइट में जाकर अपना मोबाइल नंबर फिल कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद आपको वैक्सीन को लेकर प्राथमिकता भी पूछी जाएगी। आप कोवैक्सीन और कोविशील्ड (Covaxin and covishield) में से अपनी पसंद के मुताबिक वैक्सीन का चयन कर सकते हैं। साथ ही अपने एरिया का पिनकोड डालने पर आपको उपलब्ध स्लॉट के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। जब आप वैक्सीन सेंटर जाए, तो अपने साथ ओटीपी ले जाना न भूलें। आपको फ्री वैक्सीन चाहिए या फिर पे करने के बाद, इस ऑप्शन का चयन भी आप कर सकते हैं।