नयी दिल्ली/मुंबई , 12 जनवरी । दिल्ली के केंद्रीय भंडारण केंद्र राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) में मंगलवार दोपहर को कोविशील्ड टीके की पहली खेप पहुंच गयी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
आरजीएसएसएच के चिकित्सा अधीक्षक बी एल शेरवाल ने बताया कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कोविड-19 टीके की करीब ढाई लाख खुराक अस्पताल पहुंचायी गयी है।
टीके की इस खेप को लेकर सुबह करीब दस बजे स्पाइसजेट की उड़ान दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरी। उसके बाद दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार के सबसे बड़े कोविड-19 अस्पताल तक उसे सुरक्षित ढंग से पहुंचाने में सहयोग के लिए ‘ग्रीन कोरिडोर’ (निर्बाध मार्ग) कायम किया। चार दिन बाद देशभर में कोरोना वायरस के विरूद्ध टीकाकरण अभियान शुरू होने वाला है।
सूत्रों ने कहा, ‘‘ टीके को लेकर ट्रक करीब तीन बजकर 10 मिनट पर अस्पताल पहुंचा।’’
आरजीएसएसएच में टीके के भंडारण के लिए समुचित व्यवस्था की गयी है।
पुलिस उपायुक्त (इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा) राजीव रंजन ने बताया कि भंडार स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं और पुलिस नियंत्रण कक्ष की गाड़ियां अपनी गश्त योजना के तहत उसके आसपास भी चक्कर लगाएंगी।
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) अमित शर्मा ने कहा, ‘‘ हमने राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के भंडारण क्षेत्र में कर्मी तैनात किये हैं।’’
आरजीएसएसएच से ये टीके कड़ी सुरक्षा में विशेष वाहनों से टीकाकरण केंद्रो पर पहुंचाये जायेंगे।
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी एवं निजी अस्पतालों समेत 89 स्थान निर्धारित किये हैं जहां टीकाकरण के पहले चरण में करीब तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जाएगा।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, सफदरजंग अस्पताल, एलएनजेपी अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, अपोलो अस्पताल और मैक्स अस्पताल आदि उनमें शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में 16 जनवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की मौजूदगी में सादे समारोह में टीकाकरण शुरू होने की संभावना है।
भारत के दवा नियामक ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन को देश में सीमित आपात उपयोग की मंजूरी दी थी। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय एवं ब्रिटिश स्वीडिश कंपनी आस्ट्रेजेनेका ने विकसित किया है और उसका उत्पादन सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है। कोवैक्सीन भारत बायोटेक द्वारा विकसित स्वदेशी टीका है।
गोएयर ने कोविड-19 वैक्सीन की आपूर्ति शुरू की, पुणे से चेन्नई के लिए सात लाख खुराकों के साथ उड़ान
मुंबई,से खबर है कि ,विमानन कंपनी गोएयर के विमान ने मंगलवार को कोरोना वायरस वैक्सीन की सात लाख खुराक पहुंचाने के लिए पुणे से चेन्नई के लिए एक उड़ान संचालित की।
गोएयर के अनुसार उड़ान ने मंगलवार सुबह चेन्नई से पुणे के लिए वैक्सीन की 70,800 शीशियों (7,08,000 खुराक) को लेकर उड़ान भरी।
गोएयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौशिक खोना ने एक बयान में कहा, ‘‘गोएयर को जीवन रक्षक कोविड-19 टीकों के परिवहन की जिम्मेदारी मिलने से हम अभिभूत हैं। हम आभारी हैं कि हमें वैक्सीन अभियान में योगदान करने का अवसर मिला।’’
गोएयर ने कहा कि कंपनी देश के सभी संभावित हिस्सों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।
पुणे से कोविड-19 की वैक्सीन देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाने के तहत पहले दिन स्पाइसजेट की एक उड़ान मंगलवार सुबह 10 बजे दिल्ली पहुंची।
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि चार विमानन कंपनियां मंगलवार को पुणे से देश के 13 शहरों तक कोविड-19 वैक्सीन पहुंचाने के लिए नौ उड़ानें संचालित करेंगी।
वैक्सीन को लेकर अफवाहों को हवा न लेने दें : मोदी
इधर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश कोरोना महामारी के खिलाफ अभियान के निर्णायक चरण में है और सभी को यह सुनिश्चित करना है कि वैक्सीन को लेकर किसी तरह की अफवाह न फैले तथा शरारती तत्व में इसमें किसी तरह की बाधा न डालें।
देश भर में 16 जनवरी से कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू किये जाने से पहले श्री मोदी ने सोमवार को सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से वैक्सीन के सुचारू वितरण तथा अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि पहले चरण में तीन करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जायेगा जिनमें स्वास्थ्यकर्मी और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारी शामिल हैं। सरकार ने आने वाले कुछ ही महीनों में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी भी हालत में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए और देश भर में कोरोना प्रोटोकाल का पूरी सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बड़े गौरव की बात है कि दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार की गयी हैं और दोनों ही किफायती, प्रभावी तथा भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि अब टीकाकरण की शुरूआत हो रही है तो इस बात का ध्यान रखे जाने की जरूरत है कि इसे लेकर अफवाह हवा न ले पायें।
उन्होंने कहा कि टीकाकरण को लेकर किसी तरह की अगर मगर न हो और यह भी ध्यान रखा जाये कि शरारती तत्व इसमें किसी तरह की बाधा न डालें। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मामले में कंपनियों के बीच टकराव भी हो सकता है लेकिन सरकार की सभी एजेन्सियों के साथ साथ हर नागरिक का की जिम्मेदारी है कि वह इसमें सहयोग करें।
श्री मोदी ने कहा कि विभिन्न सामाजिक संगठनों को भी इसमें अपना सक्रिय सहयोग करना चाहिए और उन्हें इस मुहिम से जोड़ा जाना जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सभी के एकजुट प्रयास से देश इस विकट स्थिति से निपटने में सफल रहेगा। उन्होंने कहा कि टीकारण का पहला चरण शुरू होने के बाद इसकी समीक्षा की जायेगी।