नयी दिल्ली ,21 जून ।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर देश की दिग्गज राजनीतिक हस्तियों, बॉलीवुड अभिनेताओं तथा एक करोड़ से अधिक लोगों ने सूर्य नमस्कार करके काेरोना के खिलाफ जारी जंग में योग के महत्व को रेखांकित किया।
कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर किसी सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं हुआ है। इस बार लाेगों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अपने घरों या नजदीकी पार्क में योगासन किया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने अपने-अपने आवास और पार्क में योगाभ्यास किया और तन-मन को स्वस्थ रखने का संदेश दिया।
हिमालय की चोटियों से लेकर रेगिस्तान तक मना योग दिवस:
समूचे देश के साथ एकजुटता का संदेश देते हुए अर्द्धसैनिक बलों के जवानों तथा अधिकारियों ने भी आज छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर रेगिस्तान से लेकर हिमालय की चोटियों तक योगासन अभ्यास कर योग दिवस मनाया।
कोरोना महामारी के चलते इस बार देश भर में कहीं भी योग दिवस पर सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया लेकिन जवानों और अधिकारियों ने अपनी अपनी तैनाती के स्थानों पर योगासन कर योग दिवस मनाया गया।
अर्द्धसैनिक बलों के जवानों तथा अधिकारियों ने योग दिवस को लेकर जबरदस्त उत्साह , उमंग तथा जोश का प्रदर्शन किया। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए इस वर्ष के ‘घर में योग, परिवार के साथ योग’ थीम के अनुरूप योग दिवस मनाया गया। सभी स्थापनाओं में जवान और अधिकारी योग साधना में लीन रहे। साथ ही उन्होंने सीमाओं से संबंधित चुनौतियों का सामना करते हुए सीमावर्ती लोगों को योग के प्रति जागरूक किया। बलों ने सामाजिक दूरी और अन्य सुरक्षा मानदंडों का पालन करते हुए योगाभ्यास किया।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों ने हिमालय की बर्फीली चोटियों तथा लेह और लद्दाख क्षेत्रों में शून्य डिग्री और उससे भी कम तापमान पर समुद्र तल से 18 हजार फुट की ऊंचाई पर योग कर अपने अभ्यास और कड़े प्रशिक्षण का परिचय दिया।
सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने जम्मू कश्मीर के दुर्गम इलाकों तथा राजस्थान में पाकिस्तान सीमा से लगते रेगिस्तान में योगासन कर योग दिवस मनाया। इन बलों ने योग के माध्यम से शारीरिक स्वच्छता और तनावमुक्त जीवन जीने का संदेश भी दिया। बल के जवानों का कहना है कि कोरोना महामारी ने भले ही हमारी गतिशीलता को कम कर दिया है, परंतु यह कभी भी हमारी भावनाओं और उत्साह को कम नहीं कर सकता है।
सभी अर्द्धसैनिक बलों में योग को एक अभ्यास के रूप में जबरदस्त स्वीकृति मिली है, जो जवानों की मानसिक और शारीरिक फिटनेस को दुरुस्त रखता है। इन बल अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों से प्रशिक्षित पांच हजार से अधिक योग प्रशिक्षक हैं, जिन्होंने जवानों को भी योग विद्या में पूर्णतः पारंगत कर दिया है।
सीमा सुरक्षा बल योग टीम अखिल भारतीय पुलिस योग चैंपियनशिप की दो बार विजेता भी रही है।
अन्य बलों के जवानों और अधिकारियों ने भी अपनी यूनिटों में योगासन कर योग दिवस मनाया।
दुनिया अब पहले से कहीं ज्यादा योग की जरूरत महसूस कर रही है, कोविड-19 रोगियों को भी लाभ : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि दुनिया को कोरोना वायरस महामारी के कारण योग की आवश्यकता पहले के मुकाबले कहीं अधिक महसूस हो रही है और यह प्राचीन भारतीय परंपरा दुनियाभर में बीमारी को हराने में कोविड-19 रोगियों की मदद कर रही है।
मोदी ने छठे अंतररष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अपने संदेश में कहा कि कोविड-19 विशेष रूप से हमारे श्वसन तंत्र पर हमला करता है जो ‘प्राणायाम’ या सांस लेने संबंधी अभ्यास से मजबूत होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग एकता की एक शक्ति के रूप में उभरा है और यह नस्ल, रंग, लिंग, आस्था और राष्ट्रों के आधार पर भेदभाव नहीं करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘योग एक स्वस्थ ग्रह की हमारी चाह बढ़ाता है। यह एकता के लिए एक शक्ति के रूप में उभरा है और मानवता के बंधन को और गहरा करता है। यह भेदभाव नहीं करता। यह नस्ल, रंग, लिंग, आस्था और राष्ट्रों के परे है। योग को कोई भी अपना सकता है।’’
रविवार सुबह करीब 15 मिनट के अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया अब पहले से कहीं ज्यादा योग की आवश्यकता को महसूस कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है तो इससे इस बीमारी को हराने में काफी मदद मिलती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग में कई तकनीक, विभिन्न ‘आसन’ हैं। ये आसन ऐसे हैं कि शरीर की शक्ति को बढ़ाते हैं और चयापचय (मेटाबोलिज्म) को भी मजबूत करते हैं।’’
‘प्राणायाम’ के लाभ रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि यह बहुत ही प्रभावशाली होता है और इसके अनेक प्रकार होते हैं जिनमें ‘शीतली’, ‘कपालभाती’ और ‘भस्त्रिका’ आदि हैं।
लोगों से प्राणायाम को अपने जीवन में शामिल करने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ये सभी प्रकार के योग हमारे श्वसन तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली को बहुत मजबूत करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में कोविड-19 के रोगी योग की इन सभी तकनीकों का लाभ उठा रहे हैं। योग की शक्ति उन्हें इस बीमारी को हराने में मदद कर रही है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी योग को अपना सकता है और इसके लिए बस थोड़ा समय और थोड़ी जगह चाहिए होती है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘योग हमें न केवल शारीरिक शक्ति दे रहा है, बल्कि मानसिक संतुलन और भावनात्मक स्थिरता भी प्रदान कर रहा है ताकि हमारे सामने मौजूद चुनौतियों से आत्मविश्वास के साथ पार पा सकें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम सेहत और उम्मीद के बीच तालमेल बैठा लें तो वह दिन दूर नहीं जब विश्व स्वस्थ और खुशहाल मानवता की सफलता का गवाह बनेगा। योग निश्चित तौर पर इसे साकार करने में हमारी मदद कर सकता है।’’
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बिना जन समूहों के डिजिटल मीडिया माध्यमों के जरिए ही मनाया जा रहा है।
इस बार योग दिवस की थीम ‘घर पर योग और परिवार के साथ योग’ है।
संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसंबर 2014 को घोषणा की थी कि हर साल 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बाबत प्रस्ताव रखा था।
आयुष मंत्रालय ने इस बार लेह में एक बड़े आयोजन की योजना बनाई थी लेकिन महामारी के कारण उसे निरस्त कर दिया गया।
मोदी ने अपने संदेश में कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एकता का दिन है और सार्वजनिक भाइचारे का संदेश देता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एकता और मानवता का दिन है। योग हमें साथ लाता है, जोड़ता है। योग दूरियों को पाटता है। कोरोना वायरस महामारी के इस समय में दुनियाभर में ‘माई लाइफ-माई योग’ में लोगों की भागीदारी दर्शाती है कि योग में लोगों की रुचि बढ़ रही है।’’
उन्होंने कहा कि काम करना और अपने कर्तव्यों का उचित तरीके से निर्वहन करना भी योग है।
मोदी ने कहा, ‘‘सही भोजन करना, सही खेल खेलना, सोने और चलने-फिरने की सही आदतें और अपना काम तथा कर्तव्यों को पूरा करना योग है।’
उन्होंने कहा, ‘‘इस ‘कर्मयोग’ के साथ हम अपनी सभी समस्याओं का समाधान पाते हैं। ‘कर्मयोग’ भारत की भावना में निहित है। जब भी जरूरत पड़ी है, पूरी दुनिया ने भारत की निस्वार्थ भावना देखी है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोग योग के अनुसार तथा ‘कर्मयोग’ की भावना से काम करते हैं तो व्यक्तिगत रूप से, समाज के तौर पर और देश के तौर पर शक्ति कई गुना बढ़ती है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज हमें इस भावना के साथ संकल्प लेना है कि हम अपनी सेहत के लिए, अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। सतर्क नागरिक के रूप में हम एक परिवार और समाज की तरह मिलकर आगे बढ़ेंगे।’’
मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री के संदेश के बाद समान योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) का लाइव प्रसारण किया गया। यह अभ्यास विभिन्न आयु और वर्गों के लोगों को ध्यान में रखते हुए प्रसारित किया गया।