नयी दिल्ली ,01 नवंबर ।भारत ने जर्मनी के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाते हुए परस्पर सहयोग के 17 समझौतों एवं पांच संयुक्त संकल्पपत्रों पर हस्ताक्षर किये और भारत में नवीन एवं उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जर्मनी की रणनीतिक भागीदारी के द्वार खोलते हुए उत्तर प्रदेश एवं तमिलनाडु में विकसित हो रहे रक्षा उद्योग गलियारों में निवेश के लिए भी उसे आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मनी की चांसलर अंजेला मर्केल के बीच यहां हैदराबाद हाउस में हुई अंतरसरकारी परामर्श (आईजीसी) की प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में ये निर्णय लिये गये। सुश्री मर्केल के साथ जर्मनी सरकार के दस से अधिक मंत्री, राज्य मंत्री आये हैं जबकि श्री मोदी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर, कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एवं विदेश सचिव विजय गोखले शामिल थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा, “ मुझे बहुत खुशी है कि भारत और जर्मनी के बीच हर क्षेत्र में, खास तौर पर नवीन एवं उन्नत प्रौद्योगिकी में दूरगामी और रणनीतिक सहयोग आगे बढ़ रहा है।” उन्होंने कहा कि व्यापार और निवेश में अपनी बढ़ती हुई भागीदारी को और गति देने के लिए हम निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित कर रहे हैं। चांसलर मर्केल और मैं दोनों देशों के कुछ प्रमुख व्यापार एवं उद्योग जगत के शीर्ष प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। हम जर्मनी को आमंत्रित करते हैं कि रक्षा-उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा उद्योग कॉरीडोरों में अवसरों का लाभ उठाएं।”
श्री मोदी ने कहा कि 2022 में स्वतंत्र भारत 75 वर्ष का होगा। तब तक हमने नये भारत के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इस बहुआयामी प्रयास में भारत की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के लिए जर्मनी जैसे तकनीकी एवं आर्थिक महाशक्ति की क्षमताएं उपयोगी होंगी। इसलिए, हमने नवीन एवं उन्नत प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, कौशल विकास, उच्च शिक्षा, साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष बल दिया है। ई-परिवहन, फ्यूल सेल प्राैद्योगिकी, स्मार्ट शहर, नदी जलमार्ग, तटीय प्रबंधन, नदियों की सफाई और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग की नयी संभावनाओं को विकसित करने का हमने फैसला किया है। इन क्षेत्रों में हमारा सहयोग, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ साझा प्रयासों में भी मदद करेगा।
उन्हाेंने कहा कि भारत और जर्मनी के विश्वास और मित्रतापूर्ण संबंध, लाेकतंत्र, कानून का राज जैसे साझा मूल्यों पर आधारित है। इसलिए, विश्व की गंभीर चुनौतियों के बारे में हमारे दृष्टिकोण में समानता है। इन विषयों पर हमारे बीच विस्तार से चर्चा शाम को जारी रहेगी। आतंकवाद और उग्रवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए हम द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग को और घनिष्ठ बनाएंगे। निर्यात नियंत्रण प्रणालियों और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों में भारत की सदस्यता को जर्मनी के सशक्त समर्थन के लिए हम आभारी हैं। दोनों देश सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में अन्य आवश्यक सुधार शीघ्र कराने के लिए सहयोग और प्रयास जारी रखेंगे।
प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने के लिए सुश्री मर्केल के योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त किया और कहा कि पिछले लगभग डेढ़ दशक से चांसलर के रूप में उन्होंने भारत-जर्मनी संबंधों को प्रगाढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। चांसलर सुश्री मर्केल को जर्मनी और यूरोप ही नहीं, बल्कि विश्व की लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रमुख नेताओं में गिना जाता है। मुझे गर्व है और खुशी भी कि वे भारत की और मेरी मित्र हैं। इसके लिए मैं उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
उन्होंने भारत-जर्मनी संबंधों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि आज हमारे बीच अंतरसरकारी परामर्श (आईजीसी) पांचवीं बैठक हुई। इस अनूठी व्यवस्था एवं हर दो साल के अंतराल पर होने वाली ऐसी तीन बैठकों से हर क्षेत्र में हमारा सहयोग और भी गहरा हुआ है। आज जिन समझौतों, आदि पर हस्ताक्षर हुए हैं, वे इस बात का प्रतीक हैं।
सुश्री मर्केल ने भी भारत के साथ सहयोग के विस्तार पर प्रसन्नता व्यक्त की और विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजीटल परावर्तन के संयुक्त संकल्पपत्र पर हस्ताक्षर को महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि 5जी तकनीक एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर मिल कर काम करने की असीम संभावनाएं हैं और अगर हम मिल कर काम करें तो बहुत अच्छे परिणाम सामने आएंगे।
दोनों देशों ने जिन पांच संयुक्त संकल्पपत्रों पर हस्ताक्षर किये, वे आईजीसी को 2020-24 तक बढ़ाने, रणनीतिक परियोजनाओं खासकर रेलवे की परियोजनाओं, प्रदूषण रहित शहरी परिवहन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास तथा समुद्र में गंदगी रोकने के संबंध में हैं।
इसके अलावा आज हस्ताक्षरित 17 समझौतों में अंतरिक्ष, वैमानिकी, नागरिक उड्डयन, स्मार्ट सिटी नेटवर्क, कौशल विकास एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण, स्टार्ट अप्स, कृषि विपणन, कृषि तकनीक, पेशे के कारण जनित रोग, उनका उपचार एवं रोगी के पुनर्वास, नदीजलमार्ग, तटीय एवं समुद्री प्रौद्योगिकी, वैज्ञानिक सहयोग, आयुर्वेद, योग एवं ध्यान, उच्च शिक्षा, सतत विकास, संस्कृति, फुटबाल, आव्रजन एवं आवागमन साझीदारी पर वक्तव्य शामिल हैं।
इससे पहले सुश्री मर्केल का सुबह राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में रस्मी स्वागत किया गया। बाद में उन्होंने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किये।