नयी दिल्ली 08 मई । विश्वभर में कोविड महामारी के कारण आर्थिक दबाव के बीच भारत एवं यूरोपीय संघ ने एक संतुलित मुक्त व्यापार एवं निवेश समझौतों पर बातचीत फिर से बहाल करने का निर्णय लिया तथा दोनों पक्षों ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से जुड़े मुद्दों, विनियामक सहयोग, बाजार में पहुंच, आपूर्ति श्रृंखला बनाये रखने के लिये अलग अलग बातचीत शुरू करने एवं विविध क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग को प्रगाढ़ बनाने की इच्छा का इजहार किया।
यूरोपीय संघ के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज देर शाम भारत यूरोपीय संघ शिखर बैठक में भाग लिया जिसमें यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्य देशों के नेता शामिल हुए।
यूरोपीय आयोग और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष भी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान नेताओं ने भारत-ईयू रणनीतिक साझीदारी को लोकतंत्र, मौलिक स्वतंत्रता, नियमों एवं बहुपक्षवाद के प्रति समान प्रतिबद्धता के आधार पर और मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की।
इन नेताओं ने तीन मुख्य क्षेत्रों पर वैचारिक आदान प्रदान किया।पहला विदेश नीति एवं सुरक्षा, दूसरा कोविड-19, जलवायु एवं पर्यावरण तथा तीसरा व्यापार, कनेक्टिविटी एवं प्रौद्योगिकी।
उन्होंने कोविड महामारी से निपटने, अर्थव्यवस्था को उबारने, जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने तथा बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार के लिए घनिष्ठ सहयोग स्थापित करने पर बल दिया।
भारत ने कोविड की दूसरी लहर में यूरोपीय संघ के सदस्यों द्वारा त्वरित सहायता देने की सराहना की।
नेताओं ने एक समग्र मुक्त व्यापार एवं निवेश समझौतों के लिए बातचीत फिर से शुरू करने के निर्णय का स्वागत किया।
व्यापार तथा निवेश के समझौतों पर अलग अलग बात चलेगी ताकि दोनों पर जल्द ही अंतिम फैसला हो सके।
इससे दोनों पक्षों के बीच आर्थिक साझीदारी की पूर्ण क्षमता को दोहन हो सकेगा।
भारत एवं ईयू ने विश्व व्यापार संगठन के मुद्दों, नियामक प्रणालियों में सहयोग, बाजार में पहुंच संबंधी मुद्दों, आपूर्ति श्रृंखला के टिकाऊ होने तथा आर्थिक साझीदारी को अधिक गहन बनाने की इच्छा की घोषणा की।
भारत एवं ईयू ने एक महत्वाकांक्षी एवं समग्र कनेक्टिविटी साझीदारी की भी घोषणा की जिसके तहत डिजीटल, ऊर्जा, परिवहन एवं लोगों के बीच संपर्क को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा।
इस साझीदारी से कनेक्टिविटी परियोजनाओं के निजी एवं सरकारी क्षेत्र से वित्त पोषण काे बल मिलेगा।
इससे हिन्द प्रशांत क्षेत्र में अन्य देशों में कनेक्टिविटी की पहल को समर्थन देने के बारे में दोनों पक्षों के बीच सामंजस्य बनेगा।
भारत एवं ईयू ने डिजीटल एवं नयी प्रौद्योगिकी जैसे 5जी, क्वांटम एवं हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग पर द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जतायी।
दोनों पक्षों ने आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस एवं डिजीटल निवेश फोरम पर संयुक्त कार्यबल को तुरंत परिचालनात्मक करने पर बल दिया।
दोनाें पक्षों ने आतंकवाद से मुकाबले, साइबर सुरक्षा एवं समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी बात हुई तथा उन्होंने माना कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित एवं समावेशी व्यवस्था हो।