नयी दिल्ली, सात जून ।विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारत और चीन के सैन्य कमांडर दोनों देशों के नेतृत्व के बीच हुए समझौते के साथ ही द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार पूर्वी लद्दाख में मौजूदा सीमा मसले को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने पर राजी हो गए हैं।
दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में महीने भर से चल रहे गतिरोध को हल करने की कवायद में शनिवार को उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता की।
विदेश मंत्रलय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘दोनों पक्ष विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों और नेताओं के बीच बनी सहमति को ध्यान में रखते हुए हालात से शांतिपूर्ण तरीके से निपटने पर राजी हो गए हैं। नेताओं के बीच सहमति बनी कि भारत-चीन सीमा क्षेत्र में शांति द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक है।’’
यह सैन्य वार्ता चुशूल सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी सीमा की ओर माल्दो में ‘बॉर्डर पर्सनल मीटिंग प्वाइंट’ पर हुई।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने माना कि इस साल दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ है और वे इस पर राजी हुए कि इस मसले के तत्काल समाधान से संबंधों का और विकास होगा।’’
उसने कहा, ‘‘फलस्वरूप दोनों पक्ष स्थिति को हल करने तथा सीमा इलाके में शांति सुनिश्चित करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी रखेंगे।’’
कमांडरों की बैठक में गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान की सहमति-
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत एवं चीन की सेनाओं में एक माह से जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के सैन्य कोर कंमाडरों के बीच शनिवार को हुई बैठक में दोनों पक्षों ने इस मुद्दे को विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के आलोक में शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने पर सहमति व्यक्त की।
विदेश मंत्रालय ने रविवार को आधिकारिक जानकारी देते हुए यह भी संकेत दिया कि इस मामले के समाधान का फॉर्मूला अभी नहीं बन पाया है और इसके लिए दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर बातचीत जारी रहेगी।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत एवं चीन ने हाल के सप्ताहों में सीमावर्ती क्षेत्र में बनी स्थिति के समाधान के लिए कूटनीतिक एवं सैन्य चैनलों के माध्यम से संवाद बनाये रखा है। शनिवार को लेह स्थित सेना के कोर कमांडर और चीनी सैन्य कमांडर के बीच चुशुल -मोल्डो क्षेत्र में एक बैठक हुई जो सौहार्दपूर्ण एवं सकारात्मक माहौल में हुई। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि सीमा पर बनी स्थिति का विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों तथा दोनों देशों के नेतृत्व के बीच सहमति के आधार पर शांतिपूर्ण ढंग से समाधान हो, जिसमें माना गया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता भारत एवं चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों पक्षों ने माना कि यह भारत एवं चीन के राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ का वर्ष है इसलिये इस गतिरोध का शीघ्र समाधान होना हमारे संबंधों को आगे ले जाने में योगदान देगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसी भावना के अनुरूप दोनों पक्ष सैन्य एवं कूटनीतिक स्तर पर इस स्थिति के समाधान और सीमा पर शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए संपर्क बनाये रखेंगे।
लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्दर सिंह के नेतृत्व में गये इस शिष्टमंडल में सेना के करीब 10 अधिकारी थे। चीन की ओर से दक्षिण शिन्जियांग सैन्य डिविजन कोर के कमांडर मेजर जनरल लियु लिन ने चीनी शिष्टमंडल का नेतृत्व किया। बैठक दोनों पक्षों के बीच अपराह्न लगभग साढे ग्यारह बजे शुरू हुई और देर शाम तक चली। इसके बाद भारतीय शिष्टमंडल रात में लेह लौटा और सरकार के शीर्ष नेतृत्व को इस बातचीत से अवगत कराया।
दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की बैठक से एक दिन पहले ही शुक्रवार को भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों में संयुक्त सचिव स्तर की बातचीत में दोनों ओर से स्थिति को सामान्य बनाने के लिए सकारात्मक संकेत दिये गये।
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्व एशिया) नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय में महानिदेशक वू च्यांगाओ के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बातचीत के बाद जारी एक बयान में कहा गया कि भारत एवं चीन के बीच शांतिपूर्ण, स्थिर एवं संतुलित संबंध वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
गत मंगलवार को सेना की तीसरी डिवीजन के प्रमुख जो मेजर जनरल रैंक के अधिकारी हैं, ने अपने चीनी समकक्ष के साथ इस मुद्दे पर बात की थी लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही। इसके बाद शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक का निर्णय लिया गया। इसके अलावा भी दोनों पक्षों के बीच विभिन्न स्तर के अधिकारियों की करीब आठ बैठकें हो चुकी हैं
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मुख्य रूप से तीन जगहों पर दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध है और करीब पिछले एक महीने से दोनों ने वहां अच्छी खासी संख्या में सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है।