नयी दिल्ली, 18 अगस्त । नागर विमानन मंत्रालय कुछ और हवाईअड्डों के निजीकरण का प्रस्ताव बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखेगा। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
फरवरी, 2019 में पहले दौर में लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी हवाई अड्डों के सार्वजनिक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) मॉडल में परिचालन, प्रबंधन और विकास की मंजूरी दी गई थी।
उसके बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने सितंबर, 2019 में नागर विमानन मंत्रालय से अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिची के हवाईअड्डों के निजीकरण की सिफारिश की थी।
पुरी ने मंगलवार को एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम कल कैबिनेट के समक्ष कुछ और हवाईअड्डों के निजीकरण का प्रस्ताव रखेंगे। दर्जनों हवाईअड्डों की सूची बनायी गयी है। अब से 2030 तक हम 100 नए हवाईअड्डे बनाएंगे।’’
नागर विमानन मंत्रालय के तहत आने वाले एएआई के पास देशभर में 100 से अधिक हवाईअड्डों का स्वामित्व है और वह इनका प्रबंधन करता है।
सरकार ने 2018 में लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम तथा गुवाहाटी हवाईअड्डों के निजीकरण का फैसला किया था। प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के तहत फरवरी, 2019 में अडाणी एंटरप्राइजेज ने इन छह हवाईअड्डों के संचालन का अधिकार हासिल किया था।
अडाणी एंटरप्राइजेज ने 14 फरवरी, 2020 को एएआई के साथ तीन हवाईअड्डों…अहमदाबाद, मेंगलुरु तथा लखनऊ के लिए रियायती करार पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, उसने अभी तक अन्य हवाईअड्डों के लिए रियायती करार पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
एएआई ने इस साल जून में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अडाणी समूह को अहमदाबाद, मेंगलुरु और लखनऊ हवाईअड्डों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के लिए तीन महीने का और समय दिया था। इसका मतलब है कि अडाणी समूह को अब इन हवाईअड्डों का परिचालन अपने हाथ में लेने के लिए 12 नवंबर तक का समय मिल गया है। पहले उसे इन हवाईअड्डों का परिचालन 12 अगस्त तक लेना था।
भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा कि सोमवार को घरेलू उड़ानों से करीब 94,000 लोगों ने यात्रा की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पहले घरेलू उड़ानों के यात्रियों की संख्या प्रतिदिन तीन लाख रहती थी।
पुरी ने कहा, ‘‘दिवाली तक हम कोविड-19 के पूर्व के 50 से 55 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच जाएंगे। इस साल के अंत तक नागर विमानन क्षेत्र कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर होगा।’’