नयी दिल्ली, 23 मई।केंद्र ने शनिवार को कहा कि देश भर में करीब चार करोड़ प्रवासी श्रमिक विभिन्न कार्यों में लगे हुए हैं और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से अब तक उनमें से 75 लाख लोग ट्रेनों और बसों से अपने घर लौट चुके हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये एक मई से 2,600 से अधिक श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं।
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पिछली जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक देश में चार करोड़ प्रवासी श्रमिक हैं।’’
देश में 25 मार्च (जब राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन शुरू हुआ) से प्रवासी श्रमिकों की सुविधा के लिये केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में विस्तार से बताते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि श्रमिक विशेष ट्रेनों से 35 लाख प्रवासी श्रमिक अपने गंतव्य तक पहुंच गये हैं, जबकि 40 लाख प्रवासियों ने अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिये बसों से यात्रा की।
संयुक्त सचिव ने कहा कि 27 मार्च को गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को यह परामर्श भेजा था कि प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे को संवेदनशीलता से लिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे लॉकडाउन के दौरान अपने मौजूदा स्थान को छोड़ कर नहीं जाएं।
उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रवासी श्रमिकों को भोजन एवं आश्रय उपलब्ध कराने को भी कहा गया।
उन्होंने कहा कि इसके बाद भी प्रवासी श्रमिकों को लेकर कई बार राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श भेजे गये।
रेलवे ने एक मई से अब तक 2,600 श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 36 लाख प्रवासी कामगारों को गृह राज्य पहुंचाया:
रेलवे ने एक मई से अब तक 2,600 श्रमिक विशेष ट्रेन से 36 लाख प्रवासी कामगारों को उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाया है।
आधिकारिक आंकडों में यह जानकारी दी गई।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव ने शनिवार को कहा कि रेलवे अगले 10 दिनों में और 36 लाख प्रवासी कामगारों को गंतव्य स्थल तक पहुंचाने के लिए 2,600 ट्रेन चलाएगा।
श्रमिक विशेष ट्रेन मुख्यत: राज्यों के अनुरोध पर चलाई जा रही हैं जो लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्यों तक भेजना चाहते हैं। रेलवे इन ट्रेनों को चलाने के कुल व्यय का 85 फीसद व्यय खुद वहन कर रहा है जबकि शेष राशि राज्य दे रहे हैं।
रेलवे के आंकडों के अनुसार उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 1246 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां पहुंची हैं, इसके बाद बिहार में 804 और झारंखड में 124 रेलगाड़ियां पहुंची हैं। वहीं गुजरात ने 759, महाराष्ट्र ने 483 और पंजाब ने 291 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से प्रवासी कामगारों को रवाना किया है।
यादव ने बताया कि अगले 10 दिनों में, विशेष ट्रेनें आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से रवाना होंगी।
उन्होंने कहा कि इनके गंतव्य स्थलों में असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, झारखंड, केरल, मणिपुर, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते हजारों की संख्या में प्रवासी कामगार पैदल, साइकिलों से अथवा अन्य साधनों से अपने घरों के लिए रवाना होने लगे थे। विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में अनेक प्रवासी कामगारों की मौत भी हुई। इसके बाद रेलवे ने एक मई से कामगारों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू किया।
पिछले चार दिनों में रेलवे ने प्रतिदिन 206 ट्रेन का संचालन कर औसतन तीन लाख यात्रियों को गंतव्य स्थल तक पहुंचाया।