नयी दिल्ली, 01 जुलाई ।सरकार ने 109 मार्गों पर ट्रेनों के परिचालन की पूरी जिम्मेदारी निजी कंपनियों के हाथों में सौंपने की योजना बनाई है और इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इसमें ट्रेनों की खरीद, उसके लिए पैसा जुटाने, ट्रेनों के परिचालन एवं रखरखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनी की होगी जबकि ड्राइवर और गार्ड रेलवे के होंगे।
कंपनी अपने राजस्व में रेलवे को हिस्सेदारी देगी। साथ ही पटरी के इस्तेमाल के लिए भाड़ा और उपभोग के आधार बिजली का शुल्क भी वह रेलवे को देगी।
रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन आमंत्रित करने के साथ ही इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
सूत्रों ने बताया कि 12 क्लस्टरों में 109 मार्गों पर ‘अप’ और ‘डाउन’ मिलाकर 218 ट्रेनों का परिचालन निजी कंपनी को मिलेगा। इसके लिए उन्हें कम से कम 16 कोच वाली 151 आधुनिक ट्रेनें खरीदनी होंगी। इसमें मेक इन इंडिया को प्राथमिकता की शर्त भी होगी। इस पहल से निजी कंपनियों द्वारा 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है।
दो साल में सभी रेलवे स्टेशन पर लग जायेंगे सीसीटीवी कैमरे:
इधर देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम अगले दो साल में पूरा कर लिया जायेगा।
रेलवे बोर्ड के सदस्य (सिग्नलिंग और दूरसंचार) प्रदीप कुमार ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के उद्देश्य से सभी रेलवे स्टेशनों और कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव है। इनमें से 598 स्टेशनों और 2,019 कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जा चुके हैं। अगले दो साल में सभी रेलवे स्टेशनों और 7,020 कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम पूरा कर लिया जायेगा। देश में छह हजार से अधिक रेलवे स्टेशन हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के लिए 1,927 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का काम पूरा कर लिया गया है तथा 1,089 स्टेशनों पर इस दिशा में काम चल रहा है।
पिछले साल ही 350 स्टेशनों को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली के साथ अपग्रेड किया गया है।
हर जोन में कम से कम एक केंद्रीकृत यातायात नियंत्रण प्रणाली (सीटीसी) बनाने की भी योजना है। इसमें एक ही जगह से दो सौ किलोमीटर से अधिक का रेल यातायात नियंत्रित किया जा सकता है। कुल 6,966 किलोमीटर रेल मार्ग को सीटीसी प्रणाली के तहत लाने की मंजूरी मिल चुकी है। इस परियोजना की लागत 6,328 करोड़ रुपये होगी।