वाशिंगटन , तीन नवंबर । भारत की अगुवाई में दक्षिण एशिया वैश्विक वृद्धि का केंद्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है और 2040 तक वृद्धि में इसका अकेले एक – तिहाई योगदान हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने हालिया शोध में यह बात कही।
मुद्राकोष के भौगोलिक विभाजन में दक्षिण एशिया क्षेत्र में भारत , बांग्लादेश , नेपाल , श्रीलंका , भूटान और मालदीव शामिल हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान को इसमें जगह नहीं दी गई है।
आईएमएफ के एक दस्तावेज ‘ क्या वृद्धि के लिए दक्षिण एशिया तैयार ? सतत एवं समावेश वृद्धि एजेंडा ‘ में कहा गया कि बुनियादी ढांचे में सुधार और युवा कार्यबल का सफलतापूर्वक लाभ उठाकर यह क्षेत्र 2040 तक वैश्विक वृद्धि में एक तिहाई योगदान दे सकता है।
आईएमएफ की एशिया एवं प्रशांत विभाग की उप निदेशक एनी मेरी गुलडे वोल्फ ने पीटीआई – भाषा से कहा , ” हम दक्षिण एशिया को वैश्विक वृद्धि केंद्र के रूप में आगे बढ़ता हुए देख रहे हैं। ”
उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकी रुझानों के आधार पर , 2030 तक इस क्षेत्र के 15 करोड़ से ज्यादा लोगों के श्रम बाजार में कदम रखने की उम्मीद है।
वोल्फ ने कहा , ” हमारे पास एक क्षेत्र है जिसके पास काफी युवा आबादी है। इस क्षेत्र में हाल में अच्छी खासी तेजी देखी गई है। ”
आईएमएफ ने अपने दस्तावेज में कहा कि रोजगार आधारित वृद्धि की मदद से यह युवा और व्यापक श्रमबल दक्षिण एशिया की ताकत बन सकता है। यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों का संतुलित तरीके से लाभ उठा सकता है।
इसमें कहा गया है कि यद्यपि , दक्षिण एशिया के कई देशों के अपने नीतिगत सुझाव हैं लेकिन इनमें राजस्व जुटाना और राजकोषीय समेकन ; अधिक व्यापार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लेकर उदारीकरण और लोगों पर निवेश जैसी चीजें शामिल होनी चाहिए।
मुद्राकोष की शीर्ष अधिकारी ने कहा कि आईएमएफ को लगता है कि भारत को बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है ताकि वह देश में पहले से मौजूद अवसरों का लाभ उठा सके।
वोल्फ ने कहा कि भारत में पहले से ही अच्छी शिक्षा प्रणाली है। हालांकि , उसे विनिर्माण क्षेत्र में कुछ करने की जरूरत है , जहां भारत की स्थिति कमजोर है। अहम मुद्दा यह है कि कैसे विनिर्माण आधार को बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र को शामिल किया जाए।
उन्होंने जोर दिया कि भारत को निजी क्षेत्र की वृद्धि के लिए बेहतर माहौल बनाने की जरूरत है।
आईएमएफ अधिकारी ने कहा , ” भारत के पास बहुत अधिक क्षमता है लेकिन यहां बड़े सुधार की जरूरत है। वृद्धि के रास्ते पर बढ़ने के लिए इन सुधारों को लागू करने की आवश्यकता है। यदि आप सुधारों को लागू करने में देरी करके समय गंवाते हैं , तो आप जहां हैं , वहां से ऊपर पहुंचने में अधिक समय लगेगा और समय बहुत ज्यादा नहीं है। ”
वोल्फ ने कहा , ” सुधारों को लागू करने की जरूरत है। हम अभी देख रहे हैं कि इस स्तर पर सुस्ती मुख्य रूप से चक्रीय है , लेकिन हाल में आए आंकड़े हमारी उम्मीदों से कम हैं। “