हैदराबाद,/नईदिल्ली 06 दिसंबर । तेलंगाना में महिला पशु-चिकित्सक के साथ दुष्कर्म एवं हत्या मामले के सभी चारों आरोपी शुक्रवार तड़के यहां शादनगर के चटनपल्ली में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गये। इस दौरान दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं।
साइबराबाद पुलिस आयुक्त वी. सी. सी. सज्जानर ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए कहा कि यह घटना आज तड़के तीन और छह बजे के बीच हुई है। इस दौरान दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि चारों आरोपियों ने उस समय भागने की कोशिश की जब क्राइम सीन को रिक्रिएट करने के लिए उन्हें उस जगह ले जाया गया जहां महिला चिकित्सक का शव मिला था। इस दौरान आरोपियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके और उनसे हथियार छीनकर उन पर गोली चलानी शुरू कर दी। पुलिस ने आत्म-रक्षा के लिए चारों आरोपियों- मोहम्मद अरीफ, नवीन, जोल्लु शिव और चिंताकुंता चेन्नाकेशवुलु को गोली मार दी।
मुठभेड़ उस स्थान से कुछ ही दूरी पर हुई जहां महिला पशु-चिकित्सक को जलाया गया था। पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी मुठभेड़ स्थल पर पहुंच गए थे ।
गौरतलब है कि राज्य के एक सरकारी अस्पताल में सहायक पशु-चिकित्सक के रूप में कार्यरत 26 वर्षीय महिला का शव 28 नवंबर की सुबह शादनगर में जली हुई हालत में मिला था। साइबराबाद पुलिस ने 29 नवंबर को इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया था और उन्हें 30 नवंबर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
महिला चिकित्सक के पिता ने चारों आरोपियों को मारने के लिए हैदराबाद पुलिस का आभार व्यक्त किया है।
महिला चिकिस्तक के पिता ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “नौ दिनों बाद आज मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिली है।”
तेलंगाना सरकार ने मामले की जल्द से जल्द सुनवाई के लिए बुधवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने के आदेश जारी किये थे। राज्य सरकार ने मामले की जल्द सुनवाई के लिए महबूबनगर जिले में प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत को विशेष अदालत के रूप में नामित किया था।
दुष्कर्म एवं हत्या की इस घटना के बाद देश के लोगों ने आक्रोश था और जल्द से जल्द न्याय की मांग कर रहे थे।
सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं और आम लोगों ने हैदराबाद दुष्कर्म एवं हत्या मामले के चारों आरोपियों को मुठभेड़ के दौरान मारने पर साइबराबाद पुलिस आयुक्त वी. सी. सज्जानर की प्रशंसा करते हुए उन्हें ‘हीरो’ करार दिया।
गत 28 नवंबर को हुए इस दर्दनाक घटना के बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने पीड़िता के लिए जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग की थी।
इस दौरान दिसंबर 2008 के मामले का उदाहरण भी दिया गया जब वारंगल की दो इंजीनियरिंग छात्राओं पर एसिड से हमला करने वाले तीन संदिग्धों को आंध्र प्रदेश में पुलिस ने मुठभेड़ में मारा था।
संयोगवश उस समय वारंगल जिले के पुलिस अधीक्षक श्री सज्जानर ही थे। मुठभेड़ स्थल पर लोगों ने पुलिस के समर्थन में नारे लगाए और उनपर फूल भी बरसाए।
हैदराबाद दुष्कर्म के चार आरोपियों को पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना का गुजरात में व्यापक तौर पर स्वागत किया गया है जबकि राज्य के एक उद्योगपति ने इसके लिए वहां की पुलिस को एक लाख रूपये का इनाम देने की घोषणा भी की है।
राज्य के भावनगर के महुवा के उद्योगपति और स्थानीय भाजपा नेता राजभा गोहिल ने कहा कि हैदराबाद की मुठभेड़ की घटना से उन्हें पुलिस पर गर्व का अनुभव हो रहा है। पुलिस ने देश की युवतियों और महिलाओं को सम्मान देने का काम किया है। वह इसके लिए हैदराबाद पुलिस को सलाम करते हैं और वहां जाकर उसे एक लाख रूपये का इनाम देंगे।
उधर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि उक्त घटना को लेकर पूरे देश में रोष था जिसका एक तरह से जवाब मुठभेड़ की घटना से मिला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता परेश धानाणी ने कहा कि पूरा देश इसका स्वागत कर रहा है। इस घटना से आरोपियों को समय से कुछ पहले ही सजा मिल गयी है। गृहराज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने कहा कि हैदराबाद पुलिस ने परिस्थिति के अनुरूप योग्य कदम उठाया है।
इन चारों आरोपियों का मुठभेड स्थल पर ही पोस्टमार्टम किया गया और पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद उनके शव परिजनों को सौंप दिए ।
मानवाधिकार आयोग का हैदराबाद पुलिस मुठभेड़ की जांच का आदेश:
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार और उसे जलाने के आरोप में गिरफ्तार चारों लोगों की पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना के जांच के आदेश दिये हैं।
आयोग ने इस घटना से संबंधित मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए अपने महानिदेशक (जांच) को इसकी जांच कराने का अादेश दिया है।
आयोग ने रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा है कि इन चारों आरोपियों को तड़के तीन बजे हैदराबाद से 60 किलोमीटर दूर घटनास्थल पर ले जाया गया था। पुलिस जांच प्रक्रिया के दौरान अपराध के समय के सीन को समझने के लिए उन्हें वहां ले गयी थी। पुलिस के अनुसार उनमें से एक ने अन्य को वहां से भागने का इशारा किया और उन्होंने पुलिसकर्मियों से हथियार छीनने की भी कोशिश की। इस दौरान क्रास फायरिंग हुई और पुलिस की फायरिंग में वे चारों मारे गये।
आयोग ने कहा है कि उसका मानना है कि इस मामले की सावधानीपूर्ण जांच किये जाने की जरूरत है। इसे देखते हुए उसने अपनी जांच शाखा के महानिदेशक (जांच) को मौके का जायजा लेने तथा जांच के लिए एक दल तुरंत वहां भेजने का आदेश दिया है। यह टीम वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में जायेगी और जल्द से जल्द रिपोर्ट देगी।
आयोग ने कहा है कि इस घटना से पता चलता है कि आरोपियों को लेकर गये पुलिसकर्मी चौकस नहीं थे और इसके कारण हुए घटनाक्रम के चलते चार लोगों की मौत हो गयी। आयोग ने कहा है कि ये चारों व्यक्ति पुलिस की हिरासत में थे और उनकी मौत आयोग के लिए चिंता का विषय है।
इससे पहले आयोग ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के बढते मामलों के मद्देनजर केन्द्र और राज्य सरकारों से भी रिपोर्ट मांगी थी।
दिशा दुष्कर्म मामले के आरोपी पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मारे गए: पुलिस आयुक्त
तेलंगाना के पुलिस आयुक्त वी सी सज्जानार ने शुक्रवार को कहा कि हैदराबाद में पशु चिकित्सक की दुष्कर्म और जलाकर हत्या मामले के चारों आरोपी शुक्रवार को पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मारे गये।
श्री सज्जानार ने यहां पत्रकारों को बताया कि इस मामले में पुलिस ने काफी संयम बरता था और चारों आरोपियों ने पुलिस पर पत्थरों और डंडों से हमला किया तथा पुलिसकर्मियों के हथियार छीन कर गोलीबारी की थी। यह घटना उस वक्त की है जब पुलिस दल इन चारों को घटनास्थल पर लेकर जाकर अपराध का सीन रिक्रिएट करा रहा था।
यह असली नहीं बल्कि नकली न्याय है:- महिला संगठन
आल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमेन्स एसोसिएशन ने हैदराबाद बलात्कार कांड के चार संदिग्धों को सुबह ‘मुठभेड़’ में मार गिराने की घटना की कड़ी निंदा की है और इसकी जांच कराने की मांग की है।
एसोसिएशन की अध्यक्ष रति राव, महासचिव मीना तिवारी और सचिव कविता कृष्णन द्वारा शुक्रवार यहां जारी बयान में कहा गया है कि इस ‘मुठभेड़’ से अब यह बताया जाएगा कि बलात्कार कांड में ‘न्याय’ हो चुका है, पीड़िता का बदला ले लिया गया है लेकिन यह न्याय नकली है।
बयान में कहा गया है कि हमें यह भी याद रखना चाहिए कि ये चार लोग संदिग्ध थे। हम नहीं जानते कि हिरासत मे मारे गए चारों लोग वास्तव में हैदराबाद में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या करने वाले हैं भी अथवा नहीं।
उन्होंने कहा कि हैदराबाद और तेलंगाना पुलिस इस प्रकार की हिरासत में हत्या के लिए कुख्यात हैं। 2008 में तेलंगाना पुलिस ने एक एसिड हमले के मामले में आरोपी तीन लोगों की हिरासत में हत्या कर दी थी। वह हत्या हैदराबाद, तेलंगाना या भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध की निवारक नहीं हुई। महिलाओं पर एसिड अटैक, बलात्कार, हत्याएं लगातार हो रही हैं।
हम इस कथित ‘मुठभेड़’ की गहन जांच की मांग करते हैं। जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए और अदालत में यह साबित करने के लिए कहा जाना चाहिए कि वो सभी चार लोग आत्मरक्षा में मारे गए। यह केवल मानवाधिकारों के लिए ही नहीं, बल्कि महिलाओं के अधिकारों के लिए भी क्यों महत्वपूर्ण है? क्योंकि एक पुलिस बल जो हत्या कर सकता है, जिससे कोई भी प्रश्न नहीं पूछा जा सकता।