विश्वविद्यालयों को 3 साल में पाठ्यक्रमों और पाठ्यचर्या का उन्नयन व समीक्षा करने को कहा Attack News

नयी दिल्ली, 13 फरवरी : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग :यूजीसी: ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को प्रत्येक तीन वर्ष में अपनी पाठ्यचर्या का उन्नयन करने और उसकी समीक्षा करने का सुझाव दिया है ।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने उच्चतर शिक्षा में गुणवत्ता और उत्कृष्ठता में सुधार लाने के लिये कई उपाए किये हैं । शैक्षिक स्तर बढ़ाने के लिये की गई महत्वपूर्ण पहल में यूजीसी ने पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या सुधार के लिये उपाए शुरू किये हैं।

उन्होंने बताया कि उच्चतर शैक्षिक संस्थाएं अपने पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या तैयार करने के लिये स्वतंत्र हैं ।

मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यूजीसी ने उच्चतर शिक्षा में गुणवत्ता सुधार की दृष्टि से ऐच्छिक और अनिवार्य पाठ्यक्रम के लिये विभिन्न विषयों में माडल पाठ्यक्रम निर्धारित किये हैं । इन पाठ्यक्रमों की समय समय पर समीक्षा की जाती है ।

अधिकारी ने बताया ‘‘ यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को प्रत्येक तीन वर्ष में अपनी पाठ्यचर्या का उन्नयन और समीक्षा करने का सुझाव दिया है ताकि इन्हें रोजगारोन्मुखी बनाने के साथ कौशल सम्पन्न बनाया जा सके । ’’ यूजीसी ने पाठ्यक्रमों में नवाचार और सुधार लाने, शिक्षण सुगम बनाने के साथ परीक्षा एवं मूल्यांकन प्रणाली के माध्यम से उच्चतर शिक्षा में शैक्षिक मानकों एवं गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिये विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली :सीबीसीएस: जैसी पहलें की हैं ।

उन्होंने बताया कि सीबीसीएस एक ‘‘कैफिटेरिया’’ जैसा दृष्टिकोण उपलब्ध कराती है जहां छात्र अपनी पसंद के पाठ्यक्रम ले सकते हैं, अपनी गति से अध्ययन कर सकते हैं, अतिरिक्त पाठ्यक्रम ले सकते हैं, क्रेडिट अर्जित कर सकते हैं और शिक्षण के प्रति अलग अलग विषयों पर आधारित दृष्टिकोण को अपना सकते हैं ।

सीबीसीएस की शुरूआत से पाठ्यचर्याओं का प्रारूप बनाने के साथ सेमेस्टर प्रणाली सुनिश्चित की जा सकेगी ।

मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यूजीसी ने अब तक 91 मुख्य पाठ्यक्रमों और 18 विशिष्ठ पाठ्यक्रमों की पाठ्यचर्या का नमूना तैयार किया है।attacknews.in