नयी दिल्ली, 15 अप्रैल । सरकार ने कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के दूसरे चरण के लिए बुधवार को नए दिशा निर्देश जारी करते हुए इस अवधि के दौरान सभी तरह के सार्वजनिक यातायात और सार्वजनिक स्थानों को खोलने पर तीन मई तक रोक लगायी है। हालांकि ग्रामीण इलाकों में औद्योगिक इकाइयों में 20 अप्रैल से काम शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।
ग्रामीण इलाकों में औद्योगिक इकाइयों को सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन करने पर ही काम करने की अनुमति दी जाएगी।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर थूकना एक दंडनीय अपराध बनाया गया है और शराब, गुटखा, तंबाकू आदि की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लागू किया गया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी बंद की अवधि बढ़ाकर तीन मई तक कर दी है।
मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सबसे पहले 24 मार्च को 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को एलान किया कि देश के चयनित इलाकों में 20 अप्रैल से चुनिंदा आवश्यक गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी।
देशभर में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना/चेहरा ढंकना अनिवार्य कर दिया गया है और सभी कामकाजी स्थानों पर शरीर के तापमान की जांच के लिए पर्याप्त बंदोबस्त होंगे और सैनेटाइजर्स मुहैया कराए जाएंगे।
स्व-नियोजित इलेक्ट्रिशियन, आईटी मरम्मत कामगार, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, बढ़ाई द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को 20 अप्रैल से अनुमति दी जाएगी।
लोगों की अंतरराज्यीय, अंतरजिला आवाजाही, मेट्रो, बस सेवाओं पर तीन मई तक रोक जारी रहेगी जबकि ग्रामीण इलाकों में चल रहे उद्योगों को सामाजिक दूरी के सख्त नियमों के साथ 20 अप्रैल से काम करने की अनुमति दी जाएगी।
इसमें कहा गया है कि इस अवधि के दौरान शैक्षणिक संस्थान, कोचिंग केंद्र, घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात, ट्रेन सेवाएं भी स्थगित रहेंगी।
सिनेमाघर, मॉल्स, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, जिमखाने, खेल परिसर, स्विमिंग पूल, बार जैसे सार्वजनिक स्थान भी तीन मई तक बंद रहेंगे।
नए दिशा निर्देशों के अनुसार, सभी सामाजिक, राजनीतिक, खेल, धार्मिक समारोह, धार्मिक स्थल, प्रार्थना स्थल तीन मई तक जनता के लिए बंद रहेंगे।
इसके अनुसार, राजमार्गों पर चलने वाले ‘ढाबे’, ट्रक मरम्मत की दुकानें, सरकारी गतिविधियों के लिए कॉल सेंटर 20 अप्रैल से खुलेंगे।
कृषि औजार की दुकानें, इसके अतिरिक्त पुर्जे, इसकी आपूर्ति श्रृंखला, मरम्मत, कृषि औजार से संबंधित ‘कस्टम हायरिंग सेंटर्स’ 20 अप्रैल से खुले रहेंगे।
साथ ही 20 अप्रैल से जिन गतिविधियों को मंजूरी दी जाएगी उनमें कृषि, बागवानी गतिविधियां, खेतों में काम कर रहे किसान तथा कामगार, कृषि उत्पादों की खरीद, ‘मंडियां’ शामिल हैं।
दवाओं के निर्माण में लगी इकाइयां, फार्मास्टयुटिकल्स, मेडिकल उपकरण और एम्बुलेंसों के निर्माण सहित अन्य चिकित्सा ढांचे के निर्माण संबंधी इकाइयां 20 अप्रैल से खुलेंगी।
बंद के दौरान किराने की दुकान, फल, सब्जियों की दुकानें/ठेले, दूध के बूथ, अंडे, मांस तथा मछली की दुकान खुली रहेंगी।
हालांकि, 20 अप्रैल से दी जाने वाली छूट कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों (हॉटस्पॉट) या नियंत्रित क्षेत्रों पर लागू नहीं होंगी और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारें किसी भी तरीके से दिशा निर्देशों को कमतर नहीं करेंगी लेकिन वे स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार सख्त कदम लागू कर सकती हैं।
सीमित पहुंच वाले एसईजेड में स्थित विनिर्माण, औद्योगिक इकाइयों, निर्यात आधारित इकाइयों, औद्योगिक एस्टेट और औद्योगिक शहरों को 20 अप्रैल से काम करने की अनुमति होगी।
गृह मंत्रालय ने कहा कि जिन उद्योगों को अनुमति दी जाएगी, उन्हें सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए अपने परिसरों के भीतर या आसपास की इमारतों में कामगारों के रहने की व्यवस्था करनी होगी।
मंत्रालय ने कहा कि रक्षा, अर्द्धसैन्य बल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आपदा प्रबंधन, एनआईसी, एफसीआई, एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र और सीमाशुल्क कार्यालय बिना किसी पाबंदी के काम करेंगे।
अन्य मंत्रालय और विभाग उप सचिव और उससे ऊपर के पद के अधिकारियों के साथ ‘‘100 फीसदी हाजिरी’’ के साथ काम करेंगे।
इसमें कहा गया है कि ‘‘बाकी के अधिकारी और कर्मचारी आवश्यकता के अनुसार 33 प्रतिशत तक की उपस्थिति के साथ काम करेंगे।’’
दिशा निर्देशों में कहा गया है कि जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए चयनित अतिरिक्त गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी जो 20 अप्रैल से प्रभावी होंगी।
इसमें कहा गया है, ‘‘हालांकि ये अतिरिक्त गतिविधियां बंद के नियमों पर मौजूदा दिशा निर्देशों का सख्त पालन करने के आधार पर राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की अनुमति से चालू होंगी।’’
जिन गतिविधियों को 20 अप्रैल से अनुमति दी जाएगी उनका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कृषि और उससे संबंधित गतिविधियां पूरी तरह संचालित रहे, ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूरी क्षमता के साथ चलती रहे, दिहाड़ी मजदूरों तथा अन्य श्रमिक वर्ग के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए जाए, चुनिंदा औद्योगिक गतिविधियों को काम बहाल करने की अनुमति दी जाए।
ये संशोधित दिशा निर्देश राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/ जिला प्रशासन द्वारा चिह्नित किए गए नियंत्रित क्षेत्रों में लागू नहीं होंगे।
अगर नियंत्रित क्षेत्र में किसी नए इलाके को शामिल किया जाता है तो उससे पहले वहां होने वाली गतविधियों को निलंबित कर दिया जाएगा। केवल उन गतिविधियों को जारी रखा जाएगा जिन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों के तहत मंजूरी दी गई है।
इन इलाकों में लोगों को अनिवार्य सेवाओं के अलावा अंदर या बाहर आने नहीं दिया जाएगा।
सरकार ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था सेवा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं और इसके अनुसार, ई-कॉमर्स कामकाज, आईटी और आईटी से चलने वाली सेवाओं, सरकारी गतिविधियों के लिए डेटा तथा कॉल सेंटरों तथा ऑनलाइन शिक्षण तथा दूरस्थ शिक्षण को मंजूरी दी गई है।