नयी दिल्ली 24 मार्च । कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन को देखते हुए उच्चतम न्यायालय में बुधवार को होने वाली सुनवाई स्थगित कर दी गई है।
उच्चतम न्यायालय की ओर से आज देर रात जारी एक नोटिस में इस बात की जानकारी दी गई। नोटिस में कहा गया है कि देश में संपूर्ण लॉकडाउन के सरकार के निर्णय को देखते हुए न्यायालय में कल दो बेंच के समक्ष प्रस्तावित सुनवाई नहीं होगी।
लॉकडाउन में सभी राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थान रहेंगे बंद
मानव संसाधन विकास मंत्रालय और उसे जुड़े सभी स्वायत्त संस्थान 21 दिन तक बन्द रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। सभी कर्मचारी अपने घर से ही काम करेंगे।
विभाग प्रमुख एवं वित्तीय अधिकारी सभी कर्मचारियों को वेतन तथा पेंशन मिलने को सुनिश्चित करेंगे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय अपनी परीक्षाओं को फिर से निर्धारित करेंगे। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) अपना वैकल्पिक अकादमिक कलेंडर बनाएंगे।
कोरोना संक्रमण पर सरकार की पैनी नज़र- हर्षवर्धन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा है कि देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर सरकार की पैनी नज़र हैं और अगले कुछ हफ्ते अहम हैं।
डॉक्टर हर्षवर्धन ने मंगलवार को एक चैनल के माध्यम से कहा कि कोरोना वायरस को हराने के लिए सरकार के साथ जनता का सहयोग भी जरुरी हैं और लोगों को लॉक डाउन के दौरान नियमो का पूरा पालन करना चाहिये ताकि संक्रमण को रोकने में मदद मिल सके।
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में विदेशो से 62हज़ार लोग भारत आये हैं जिनमें से आठ हज़ार को सरकारी क्वारंटीन में रखा गया हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डॉक्टर और चिकित्साकर्मी अपनी जान दांव पर लगाकर मरीजों का इलाज़ कर रहे हैं। लोगों को बाजारों में नहीं जाने की अपील करते हुए श्री हर्षवर्धन ने कहा कि इस समय ऑनलाइन शॉपिंग की जा सकती हैं और अगर आपके घर में कोई मरीज होम क्वारंटाइन में हैं तो उन्हें अछूत नहीं समझे, तथा उन्हें अलग कमरे में रखें और पूरी सावधानी बरतें।
उन्होंने सरकार का सहयोग करने के लिए जनता से अपील करते हुये अपनी जिम्मेदारी निभाने को कहा। सहयोग से हम सब मिलकर इस हालात से निपट सकेंगे।
गृह मंत्रालय ने कोरोना पर काबू पाने के लिये लॉकडाउन का आदेश जारी किया
देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते हुए प्रकोप से निपटने के लिये गृह मंत्रालय ने देश भर में आज आधी रात से अगले 21 दिनों के लिये लॉकडाउन का आदेश जारी किया है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शाम आठ बजे राष्ट्र के नाम संबोधन में इसका ऐलान किया था।
हालांकि सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि इस दौरान सभी अनिवार्य सेवाएं जारी रहेंगी और लोगों को रोजमर्रा की चीजों की दिक्कत नहीं होगी।
मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि यह आदेश प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में लिया गया था। इसका उद्देश्य कोरोना की महामारी से निपटने के लिए देश भर में एक समान उपाय लागू करना है।
बैठक में यह निर्णय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 6 (2) (1) के तहत लिया गया है। बाद में गृह मंत्रालय ने इसी अधिनियम की धारा 10 (2) (1) के तहत इस निर्णय को लागू करने के लिये आदेश जारी किया। आदेश में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस निर्णय को लागू करने को कहा गया है।
इसके तहत सभी देशवासियों को अगले 21 दिनों तक घरों में ही रहना है और परस्पर सामाजिक दूरी बनाकर रखनी है। इससे कोरोना वायरस की संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सकता है।
प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद कई जगहों पर दुकानों से सामान खरीदने वालों की लंबी लाइन लग गयी। इस पर श्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि लोगों को हड़बड़ी में खरीदारी से बचना चाहिए क्योंकि सभी अनिवार्य सेवाएं जारी रहेंगी। रविवार के जनता कर्फ्यू के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए देश भर में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन का निर्णय लिया है।
गृह मंत्रालय के अनुसार लॉकडाउन का नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी जिसमें एक से दो वर्ष की जेल के अलावा कुछ मामलों में जुर्माने का भी प्रावधान होगा।
देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के मामले पांच सौ के पार पहुँच गये हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों में बताया गया है कि देश में अब तक 536 मरीजों में ‘कोविड-19’ के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इनमें 10 लोगों की मौत हो चुकी है, 40 लोग इस बीमारी से पूरी तरह उबरकर अस्पताल से छुट्टी पा चुके हैं जबकि 469 मरीजों का इलाज चल रहा है।
देश में कोरोना के पुष्ट मामलों में 476 भारतीय और 43 विदेशी नागरिक हैं। अब तक 24 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों तक इस महामारी का संक्रमण फैल चुका है।
उप्र सरकार ने कोरोना वायरस की स्थिति को राज्य आपदा घोषित किया
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण से उपजे हालात को मंगलवार को राज्य आपदा (स्टेट डिजास्टर) घोषित कर दिया।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कोरोना की स्थिति को राज्य आपदा घोषित किया है। इमरजेंसी मेडिकल उपकरण और कोरोना से संबंधित मेडिकल सामग्री के लिए खरीद प्रक्रिया में ढील दी गई है।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में यह ढील एक महीने के लिए है। इस संबंध में एक औपचारिक सरकारी आदेश जारी कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिले बुधवार से रहेंगे लॉकडाउन
उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिले बुधवार से तीन दिन के लिए लॉकडाउन रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि जरूरत पड़ने पर कुछ क्षत्रों में कर्फ्यू भी लगाया जा सकता है।
राज्य के 17 जिले पहले से ही लॉकडाउन में थे। आज शामली और नोएडा में कोरोना वायरस के मामले आने के बाद मुख्यमंत्री ने समूचे राज्य में लॉकडाउन का ऐलान किया।
योगी ने अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बात की। उन्होंने कहा, “समूचा राज्य बुधवार से 27 मार्च तक लॉकडाउन रहेगा।”
उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाने की आवश्यकता भी पड़ सकती है। संवेदनशील इलाकों में संबंधित जिला प्रशासन मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के साथ मिलकर तय करेंगे कि कर्फ्यू कहां लगाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में आवश्यक प्रतिबंध कड़ाई से लागू किए जाएंगे।
उन्होंने बाद में ट्वीट कर कहा, “कल से प्रारम्भ हो रहे तीन दिवसीय जनता कर्फ्यू (लॉकडाउन) में प्रदेश की 23 करोड़ जनता-जनार्दन स्वतः स्फूर्त बन्दी में अपना अभूतपूर्व सहयोग देगी, यह मेरी अपील है। प्रदेश सरकार आपके उत्तम स्वास्थ्य, आपकी सुरक्षा और आपकी सुविधा के लिए हर क्षण – हर पल तत्पर है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की इस लड़ाई में हम सब सहभागी बनें। लॉकडाउन की तात्कालिक कठिनाई को जीवन का अनुशासन मानते हुए इसे “स्वस्थ एवं सुरक्षित” भविष्य का अभिन्न हिस्सा मानें।
लॉकडाउन की वजह से बुरी तरह प्रभावित दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों के लिए योगी ने कहा कि उन्हें भले ही इस अवधि में कार्य नहीं मिल रहा है तो भी उनका तयशुदा भत्ता उन्हें मिलना चाहिए और ये सुनिश्चित करने के कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने जनता से अपील की कि वे अनावश्यक रूप से मास्क का इस्तेमाल ना करें क्योंकि इससे लोगों में अफरा-तफरी फैलती है। मास्क की आवश्यकता सभी को नहीं है। इनका इस्तेमाल उन्हीं को करना चाहिए जिन्हें इनकी आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विक्रेता किसी सामान का अधिक दाम न वसूलने पाए या किसी सामान की जमाखोरी ना होने पाए, यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसा करता है तो स्थानीय प्रशासन को उसके खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए।
उन्होंने लोगों से अपने घरों में ही रहने की अपील की और कहा कि वे बाहर ना निकले क्योंकि उन्हें परिवहन का कोई साधन नहीं मिलेगा। राज्य की सीमाएं सील कर दी गई हैं।
अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने बाद में संवाददाताओं को बताया, ‘‘फरवरी माह से ही सरकार लगतार कोरोना वायरस रोकथाम पर काम कर रही, जिसका सकरात्मक परिणाम सामने आ रहा है। प्रदेश में पूरी प्रशासनिक मशीनरी, जनता और मीडिया का सहयोग लेकर हम इससे लड़ने का प्रयास कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, “बड़ी चुनौती है कि पिछले कुछ दिनों में एक लाख लोग हमारे प्रदेश में विदेशों से आये हैं। ये हमारे लिए चुनौती है।’’
अवस्थी ने बताया, ‘‘प्रदेश में सीएए को लेकर धरने चल रहे थे, लेकिन कोरोना के चलते धरने स्थगित कर दिए गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पीआरवी 112 वैन और पुलिस भी पूरी तरह से आम लोगों का सहयोग कर रही है। पान मसाला और गुटका पर भी हम पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं। लोगों से अनुरोध है कि वे पार्कों आदि में ना जाएं।’’
अवस्थी ने बताया, ‘‘कल से लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। ज़िला प्रशासन लोगों को समझाए कि कोई भी कोई गलत कदम न उठाएं। यूपी-112 भी हर संभव मदद देगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ज़िला स्तर के अधिकारी द्वारा स्थिति के अनुसार कर्फ्यू भी लगया जा सकता है… अभी तक 350 प्राथमिकियां दर्ज हुई हैं।’’
अपर मुख्य सचिव ने कहा, “25-26-27 मार्च को पूरे प्रदेश को लॉकडाउन कर रहे हैं। प्रदेश के किसी भी जनपद में अगर लोग लॉकडाउन के दौरान सहयोग नहीं करते हैं तो जिलाधिकारी उन जिलों में कर्फ्यू लगा सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर लगाकर लोगों तक कोरोना के बारे में प्रचार प्रसार करें जिससे लोग जागरूक हो सकें।
यूपी में कोरोना आपदा,संक्रमित मरीज 37
उत्तर प्रदेश सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कोविड-19 के आपदा घोषित कर दिया है।
इस बारे में अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी।
इसके साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग,परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा उपकरणों की आपातकालीन खरीद के वित्तीय नियमों में एक माह के ढील दी जायेगी और अगर जरूरत पडती है तो इस एक माह की अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है।
मत निकले सडकों पर, जरूरी चीजे मिलेंगी घर के द्वार : योगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश व्यापी लाकडाउन की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को आश्वस्त किया कि लोगबाग अच्छे स्वास्थ्य के लिये सड़कों पर न निकलें और सरकार दूध सब्जी राशन जैसी जरूरत की वस्तुओं की आपूर्ति घर के दरवाजे पर करना सुनिश्चित करेगी।
श्री योगी ने मंगलवार रात कहा “ राज्य के लोगों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। हम सुनिश्चित करेंगे कि जरूरी उपभोग की वस्तुयें लोगों के द्वार तक पहुंचे। सरकार ने इसके लिये 4400 पीवीआर और 102 एवं 108 कार समेत दस हजार वाहनो का इंतजाम किया है। ”
पुलिस ने शाहीन बाग समेत आठ प्रदर्शन स्थलों को खाली कराया
दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस के बढ़ते खतरों और राजधानी में लगी धारा 144 के मद्देनजर मंगलवार सुबह नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले तीन महीने से अधिक समय से शाहीन बाग, हौजरानी, जफराबाद समेत आठ स्थानों पर जारी विरोध प्रदर्शन को खत्म कर प्रदर्शन स्थल को खाली करा लिया है।
दक्षिण पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त राजेन्द्र प्रसाद मीना ने बताया कि सुबह शाहीन बाग में मौजूद प्रदर्शनकारियों से धरनास्थल खाली करने की अपील की गई, लेकिन वे नहीं माने। उसके बाद पुलिस द्वारा धरनास्थल को खाली करा दिया गया है और मौके से कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस ने शाहीन बाग से सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाया, नौ हिरासत में
दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन पर बैठे लोगों को मंगलवार सुबह वहां से हटाया।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) आर पी मीणा ने बताया कि छह महिलाओं समेत कुल नौ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर पास के थाने ले जाया गया।
सीएए के खिलाफ प्रदर्शनकारी, खासकर महिलाएं तीन माह से भी ज्यादा वक्त से शाहीन बाग में धरने पर बैठे थे।
मीणा ने कहा कि कोरोना वायरस प्रकोप के कारण लॉकडाउन (बंद) लागू किए जाने के बाद शाहीन बाग में प्रदर्शन स्थल को खाली करने का अनुरोध किया गया था।
अधिकारी के अनुसार जब प्रदर्शनकारियों ने जगह खाली नहीं की तो कार्रवाई की गई।
जिस समय प्रदर्शन स्थल को खाली कराया गया, उस समय वहां करीब 50 प्रदर्शनकारी थे।
प्रदर्शन स्थल पर एक कार्यकर्ता ने नाम जाहिर नहीं किये जाने का अनुरोध करते हुए कहा ‘‘पुलिस की अपील के बाद अधिकतर प्रदर्शनकारियों ने वह जगह खाली कर दी लेकिन कुछ ने जाने से मना कर दिया। तब पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।’’ कार्यकर्ता ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर बने हालात के काबू में आने के बाद प्रदर्शन फिर से शुरू करने के बारे में फैसला किया जाएगा।
रविवार को ‘जनता कर्फ्यू’ के दौरान शाहीन बाग में केवल पांच महिलाएं थीं वहीं अन्य लोग उनके साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए अपनी चप्पलें छोड़ गये थे।
कार्यकर्ता ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे के बीच प्रदर्शनकारी महिलाएं पूरी सावधानी बरत रही हैं और यहां सेनेटाइजर की व्यवस्था की गयी है।
इस बीच दक्षिण दिल्ली के हौज रानी में भी मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस की अपील के बाद प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया है।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि प्रदर्शन स्थल को सुबह करीब सात बजे खाली करा लिया गया।
उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ यहां केवल दो-तीन प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे थे और हमारी अपील के बाद वे वहां से चले गये।
कोरोना के चलते भोपाल और जबलपुर व शिवपुरी में कर्फ्यू,
मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर राज्य सरकार द्वारा इसकी रोकथाम के दृष्टिगत उठाए गए कदमों के बीच राजधानी भोपाल सहित जबलपुर एवं शिवपुरी में कर्फ्यू लगा दिया, वहीं प्रदेश के 52 जिलों में 36 जिलों में पिछले दो दिनों से लॉकडाउन था जो अब सभी जिलों में 25 मार्च से 21 दिनों के लिए लागू हो गया है । आज मध्यप्रदेश में दो और नए मामले मिलें हैं, जिसके बाद प्रदेश में प्रभावितों की संख्या बढ़कर नौ हो गयी है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जबलपुर में कोरोना से संक्रमितों की संख्या बढ़कर छह हो गयी है, वहीं राजधानी भोपाल के अलावा आज ग्वालियर और मुरैना में पॉजिटिव मरीज मिला है। ग्वालियर में मिला मरीज हाल ही में खजुराहो से लौटा था। दूसरा शिवपुरी में आज मिला कारोना का मरीज पिछले दिनों दुबई से लौटा था। दोनों कोरोना संक्रमितों में एक को ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया, जबकि दूसरे को शिवपुरी के जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाकर रखा गया है। इस प्रकार प्रदेश में कोरोना संक्रमण मरीजों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है।
कोरोना के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं और लॉकडाउन के बाद कल रात से भोपाल और जबलपुर में कर्फ्यू लगा दिया। आज शिवपुरी में यह कदम उठाया गया है।
कर्फ्यू के चलते राजधानी भोपाल में सुबह से सड़के सूनी रही । एक्का दुक्का लोग ही सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं। बाजारों में सन्नाटा पसरा है। जगह, जगह पुलिस बल तैनात किया गया है। यहीं हाल जबलपुर में है, जहां बाजारें पूरी तरह से बंद है। सड़के सूनसान है। इसके साथ ही प्रदेश के अधिकतर जिले लॉकडाउन किए गए हैं। पुलिस लोगों से अपने अपने घरों में रहने की अपील कर रही है।
कोरोना के एक सौ से अधिक संभावितों के सेम्पल जांच के लिए भेज गए हैं, जिनमें 69 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं 31 मरीजों की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है। कोरोना के चलते प्रदेश के लगभग सभी जिले के सीमाएं सील की गयी। इसके अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से लगने वाली सीमाएं सील की गयी है। बाहर से आने वालों यात्री पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं।
जीवन बचाने जरूरी है प्रधानमंत्री का 21 दिन के लाकडाउन का आव्हान-शिवराज
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संपूर्ण देश को कोरोना से बचाने के लिये 21 दिनों तक लाकडाउन करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कठिन समय सभी नागरिकों तपस्या और साधना का समय है।
श्री चौहान ने आज यहां मीडिया से चर्चा में कहा कि मध्यप्रदेश सरकार अपनी तरफ से कोई कदम नहीं छोडेगी। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक जरूरी है कि कोरोना संक्रमण को फैलाने से रोकने वाली चैन को सब मिलकर तोड डालें।।
आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित होगी – चौहान
मुख्यमंत्री चौहान ने आज कहा कि राज्य सरकार आगामी 21 दिनों में भी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
श्री चौहान ने देश में आगामी 21 दिनों तक लॉकडाउन की घोषणा के बाद दुकानों पर खरीददारी के लिए भीड़ उमड़ने की सूचनाओं के बाद अपने संदेश में जनता के नाम एक अपील जारी की है।
उन्होंने कहा कि आगामी 21 दिनों तक राज्य सरकार आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। रोजमर्रा की चीजें नागरिकों को मुहैया करायी जाएंगी, वे इसकी चिंता नहीं करें।
कोरोना के एक संदिग्ध को इन्दौर भेजा गया
मध्यप्रदेश के रतलाम में जिला चिकित्सालय में लाए गए एक कोरोना संदिग्ध को इन्दौर भेजा जा रहा है।
चिकित्सालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए लाए गए कोरोना संदिग्ध को इन्दौर भेजा गया है।
खंडवा में कोरोना संक्रमण को रोकने धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
खंडवा में जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस कोविड-19 के प्रकोप से बचाव एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुये कलेक्टर ने कल रात से धारा 144 के तहत जिले में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए है।
यह प्रतिबंधात्मक आदेश 26 मार्च तक प्रभावशील रहेगा।
इंदौर के ‘कोरोना संक्रमण’ संदेहियों की अब तक 36 जांच रिपोर्ट नेगेटिव पायी गयी
इंदौर शहर स्थित प्रयोगशाला के द्वारा अब तक ‘कोरोना संक्रमण’ के संदेहियों के जांचे गए 36 नमूने नेगेटिव पाए गये है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण के प्रारम्भिक लक्षण पाए जाने पर कुल 57 संदेहियों के नमूने अब तक लिए गए है, जिसमें से 36 की जांच रिपोर्ट में संक्रमण नहीं पाया गया है जबकि शेष 21 संदेहियों के नमूनों की जांच की जा रही है। जिनकी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। इंदौर में अब तक एक भी कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है।
शिवपुरी में कोरोना वायरस के दृष्टिगत कर्फ्यू लगा
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में कोरोना वायरस के एक पोजिटिव मरीज पाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने आज जिले में कर्फ्यू लगा दिया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर अनुग्रह पी द्वारा करोना वायरस के दृष्टिगत जिले में कर्फ्यू लागू किया गया है। यह कर्फ्यू जिले में 31 मार्च तक लागू रहेगा। इस दौरान सभी लोगों को अपने घरों में रहने की सलाह दी गई है तथा किसी आवश्यक कार्य अथवा मेडिकल इमरजेंसी के लिए कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। उनके नंबर दिए गए हैं जिससे आवश्यकता पड़ने पर संपर्क कर सकते हैं।
धारा 144 का उल्लंघन पर दो लोगो पर एफआईआर
बड़वानी जिले में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू धारा 144 में निहित प्रावधानों के उल्लंघन पर दो लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
एसडीएम बड़वानी सुश्री अंशु जावला से प्राप्त जानकारी अनुसार एफआईआर की यह कार्यवाही भवती के एक रहवासी के विरूद्ध की गई है, क्योंकि उन्होंने अपने यहाॅ बाहर से आये एक व्यक्ति को बिना सूचना दिये ठहराया था।
उज्जैन में कोरोना के कारण लॉकडाउन से सड़कों पर सन्नाटा
उज्जैन जिले में कोरोना के मद्देनजर आज दूसरे दिन लॉकडाउन रहा और जिले में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति निरन्तर बनाये रखने के लिए कलेक्टर शशांक मिश्र द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए है।
शहर में आज लॉकडाउन के दौरान किरानस, मेडिकल तथा दूध की दुकाने को छोड कर बाजार पूरी तरह बंद थी। मुख्य सडकों पर आवाजाही बहुत रही। इसके कारण सडको पर सन्नाटा पसरा हुआ रहा। सभी आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति बनाये रखने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कदम उठाये जा रहे है।
इंदौर में सीएए विरोध में 70 दिनों से जारी धरना ‘कोरोना’ के चलते समाप्त
इंदौर के सराफा थाना क्षेत्र स्थित बड़वाली चौकी में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में बीते 70 दिनों से धरने पर बैठे लोगों ने आज पुलिस और जिला प्रशासन की समझाइश के बाद प्रदर्शन समाप्त कर दिया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार ‘कोरोना संक्रमण’ के चलते बनी विपरीत परिस्थितियों के मद्देनजर आज जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने यहां धरने पर बैठे सेकड़ोंजनोंं से संवाद किया। जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी और प्रदर्शनकारी धरने से उठ गए। यहाँ नगर निगम के मदद से लगे टेंट-तम्बू को भी हटा दिया गया है।
राज्य स्तरीय कोरोना उपचार केंद्र बना भोपाल मेमोरियल रिसर्च हॉस्पिटल
भोपाल स्थित भोपाल मेमोरियल रिसर्च हॉस्पिटल को राज्य स्तरीय कोरोना उपचार केन्द्र बनाया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्री डेहरिया ने बताया कि भोपाल में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बेहतर और लगातार प्रयास किया जा रहा है। राज्य स्तर पर इलाज के लिए भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल को कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए रिजर्व कर लिया गया है इनका इलाज इस हॉस्पिटल में किया जाएगा जहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम और सभी जरूरी उपकरण, वेंटिलेटर रखे गए हैं इसके साथ ही एडवांस मेडिकल कॉलेज को क्वॉरेंटाइन करने के लिए 500 बेड को रिजर्व किया गया है। संदिग्ध संक्रमण के साथ रहे लोगों और ट्रेवल हिस्ट्री वालो को रखा जाएगा।
छिंदवाड़ा में विदेश से आए नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच विशेष चिकित्सकों का दल करेगा
छिंदवाड़ा में विदेश से आए नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच विशेष चिकित्सकों का दल करेगा।
कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा की अध्यक्षता में आज हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि छिंदवाड़ा में विगत एक माह में विदेश से आए 54 नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच विशेष चिकित्सको का दल करेगा।