नयी दिल्ली 22 अगस्त । कुछ राज्यों और जिलों द्वारा लोगों के तथा सामान के स्थानीय स्तर और एक से दूसरे राज्य में आवागमन पर रोक लगाये जाने की रिपोर्टों को गंभीरता से लेते हुए गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की रिपोर्ट अनलॉक 3 के संबंध में जारी किये गये उसके दिशा निर्देशों का उल्लंघन है।
केन्द्रीय गृह सचिव ने आज सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के गृह सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि वे राज्यों के भीतर और एक राज्य से दूसरे राज्य में लोगों के तथा सामान के आवागमन पर पाबंदी नहीं लगा सकते।
उन्होंने इस पत्र में कोरोना महामारी के मद्देनजर लागू पूर्णबंदी से बाहर निकलने के लिए घोषित अनलॉक 3 के दिशा निदेर्शों के पैरा पांच का उल्लेख करते हुए कहा है कि इसमें स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि कोई भी राज्य स्थानीय स्तर पर और एक से दूसरे राज्य में लोगों के तथा सामान के आवागमन पर अपनी ओर से रोक नहीं लगा सकता। यह भी साफ लिखा हुआ है कि आवागमन के लिए लोगों को अलग से स्वीकृति लेने या ई पास लेने की जरूरत नहीं होगी।
केन्द्रीय गृह सचिव ने कहा है कि कुछ राज्यों द्वारा इस तरह की पाबंदी लगाये जाने की रिपोर्ट है जिससे सामान की आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है। इसका असर आर्थिक गतिविधियों और रोजगार पर पड़ रहा है। उन्होंने सभी राज्यों से इस तरह की पाबंदी नहीं लगाने का अनुरोध किया है और कहा है कि गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
भारत आने वाले यात्रियों के लिए नये दिशा-निर्देश जारी
केन्द्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में विदेश से भारत आने वाले यात्रियों के लिए नये दिशा निर्देश जारी किये हैं, जिसके तहत वंदे भारत मिशन के अंतर्गत स्वदेश वापस आने वाले यात्रियों को यात्रा के लिए उस देश के भारतीय दूतावास में अपना पंजीकरण कराना होगा, जहां वे रह रहे हैं या फंसे हुए हैं।
सरकार ने कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए देश से बाहर जाने और विदेश से देश में आने संबंधी नियमों में कई बदलाव किये। विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन की शुरुआत की गयी। इसके अतिरिक्त नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कुछ देशों के साथ समानुपाती आधार पर सीमित वाणिज्यिक यात्री सेवाओं को शुरू करने के लिए ‘ एयर ट्रांसपोर्ट बबल ’ के नाम से नयी व्यवस्था शुरू की है।