नयी दिल्ली, 02 अगस्त । जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की रिपोर्टों के बीच गृह मंत्रालय ने आज कहा कि आंतरिक सुरक्षा स्थिति के आकलन के आधार पर राज्य में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की जा रही है।
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि घाटी में लंबे समय से तैनात जवानों को विश्राम दिया जा रहा है और उनकी जगह दूसरे जवानों को तैनात किया जा रहा है
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पिछले सप्ताह ही राज्य में अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनी तैनात करने का निर्णय लिया गया था। इन जवानों की तैनाती की प्रक्रिया चल रही है जिससे अर्द्धसैनिक बलों का आवागमन बढ गया है इससे इस तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं कि राज्य में अतिरिक्त बलों की तैनाती की जा रही है।
सूत्रों ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा स्थिति के आकलन , प्रशिक्षण जरूरतों , जवानों की अदला-बदली और अन्य कारणों के मद्देनजर जवानों का आवागमन एक निरंतर प्रक्रिया है।
उन्होंने कहा कि अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती और आवागमन के बारे में सार्वजनिक रूप से जानकारी देने की कोई परंपरा नहीं रही है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों की ओर से यह स्पष्टीकरण उन मीडिया रिपोर्टों के बाद आया है जिनमें कहा गया है कि राज्य में केन्द्रीय पुलिस बलों के 25 हजार अतिरिक्त जवान भेजे जा रहे हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि इन जवानों की तैनाती का आदेश मौखिक तौर पर दिया गया है जिससे कि इसके बारे में किसी को पता न चले। केन्द्र ने पिछले सप्ताह ही जम्मू कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने का निर्णय लिया था। केन्द्र सरकार स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए भी सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढा रही है।
इस बीच जम्मू कश्मीर सरकार ने अातंकवादियों द्वारा अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने संबंधी खुफिया रिपोर्टों के आधार पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों से अपनी यात्रा को कम कर जितनी जल्दी संभव हो कश्मीर घाटी छोड़ने की सलाह दी है।
गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा ने आज इस संबंध में परामर्श जारी किया। परामर्श के अनुसार आतंकवादियों की धमकी और वर्तमान स्थिति को देखते हुए श्रद्धालु और पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी यात्रा अवधि में कटौती करके घाटी से चले जायें।
राज्य में इस तरह की भी अटकलें हैं कि केन्द्र सरकार जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे के संबंध में कोई निर्णय लेने पर विचार कर रही है। इससे राजनीतिक दलों में रोष है और उन्होंने इसका विरोध किया है। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला के नेतृत्व में पार्टी के एक शिष्टमंडल ने गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर अनुरोध किया कि राज्य में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो।
सेना ने कहा: LOC पर स्धिति नियंत्रण में है-
उधर श्रीनगर में सेना ने शुक्रवार को कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थिति नियंत्रण में है और काफी हद तक शांतिपूर्ण है।
सेना ने कहा कि वह पाकिस्तान को कश्मीर में शांति भंग करने नहीं देगी।
सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने श्रीनगर में सुरक्षा बलों के एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि घाटी में आईईडी विस्फोटकों का खतरा ज्यादा है, लेकिन नियमित रूप से तलाशी अभियान चलाकर सुरक्षा बल इससे प्रभावी ढंग से निपट रहे है।
उन्होंने बताया कि शोपियां में तलाशी अभियान चल रहा है जहां बृहस्पतिवार की रात सुरक्षा बलों पर हमला करने का प्रयास किया गया था।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान, पाकिस्तान आयुध फैक्ट्री में निर्मित एक बारूदी सुरंग को जब्त कर लिया गया। बारूदी सुरंग पर पाकिस्तानी आयुध फैक्ट्री का निशान बना हुआ है।
सेना के अधिकारी ने कहा कि अमरनाथ यात्रा मार्ग पर सेना को भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा मिला है जिसमें अमेरिकी एम-24 स्नाइपर राइफल भी शामिल है।
कश्मीर के आईजी एसपी पाणि ने कहा कि घाटी में ज्यादातर पुलवामा और शोपियां के इलाकों में आईईडी विस्फोट करने के 10 से अधिक गंभीर प्रयास किए गए थे।
सेना ने कहा कि 83 प्रतिशत आतंकवादियों का इतिहास पथराव का रहा है।
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