नयी दिल्ली, 10 दिसंबर । गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस को राजनीतिक नेताओं से ज्यादा आम आदमी की चिंता करने की नसीहत देते हुए कहा कि नेताओं को हिरासत से छोड़ने का निर्णय स्थानीय प्रशासन की ओर से लिया जायेगा ।
निचले सदन में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के पूरक प्रश्न के उत्तर में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘ जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं को छोड़ने का निर्णय स्थानीय प्रशासन की ओर से लिया जाएगा तथा वहां के मामले में केंद्र सरकार दखल नहीं देगी। ’’
उन्होंने कहा कि जिन राजनीतिक नेताओं को प्रतिबंधित आदेश के तहत जेल में रखा गया है, सरकार की उनमें से किसी को एक दिन भी ज्यादा जेल में रखने की कोई इच्छा नहीं है । ‘‘ जब भी प्रशासन तय करेगा, उनकी रिहाई होगी। ’’
अमित शाह ने आरोप लगाया कि फारूख अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला को 11 साल तक जेल में रखा गया और यह कांग्रेस और इंदिरा गांधी के समय में हुआ ।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उनके नक्शे कदम पर चलने का कोई इरादा नहीं है और जब भी स्थानीय प्रशासन तय करेगी, उन्हें रिहा कर दिया जायेगा ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम फोन पर प्रशासन को निर्देश नहीं देते । यह आप (विपक्ष की पूर्व सरकार) कर सकते हैं, हम नहीं ।’’
कश्मीर घाटी में सामान्य स्थिति को लेकर विपक्ष के सवालों पर उन्होंने कहा कि सभी थाना क्षेत्र से कर्फ्यू हटाया लिया गया, धारा 144 हटा ली गई लेकिन यह इनको (विपक्ष) सामान्य स्थिति नहीं लगती है ।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद पुलिस गोलीबारी में एक भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई, यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है लेकिन यह उन्हें (कांग्रेस को)सामान्य नहीं लगता है ।
कांग्रेस पर प्रहार करते हुए शाह ने कहा, ‘‘ इनकी चिंता यह है कि राजनीतिक गतिविधि कब शुरू होगी । इनके लिये सामान्य स्थिति यही है । इनको राजनीतिक गतिविधि शुरू होने की चिंता है। ’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस घाटी के नेताओं की चिंता कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके बजाय यदि ज्यादा चिंता घाटी के लोगों की करते तो लगता कि कांग्रेस पार्टी को वहां के लोगों की चिंता है ।
गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने राजनीतिक गतिविधि की भी चिंता की है । वहां 40 हजार पंच सरपंचों के चुनाव हुए जो वर्षो से नहीं हुए थे । इसके अलावा तालुका और ब्लाक स्तर के चुनाव भी हुए । इसमें लोगों ने बड़े पैमाने पर मतदान भी किया ।
सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के पूरक प्रश्न के उत्तर में शाह ने मुख्य विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति सामान्य है, लेकिन वह कांग्रेस की स्थिति सामान्य नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि कहा कि कांग्रेस के लोग कह रहे थे कि 370 हटाने पर रक्तपात हो जाएगा, लेकिन वहां एक गोली भी नहीं चली।
शाह ने कहा कि स्थिति पूरी तरह सामान्य है।
उन्होंने कहा कि जब स्थानीय प्रशासन को लगेगा कि नेताओं को रिहा करने का उचित समय है तो इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। केंद्र किसी तरह का दखल नहीं देगा।
दरअसल, चौधरी ने सवाल किया था कि जम्मू-कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला और दूसरे नेताओं को कब रिहा किया जाएगा तथा क्या वहां राजनीति गतिविधि बहाल है ? इससे पहले गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि पड़ोसी देश पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को लेकर गलत प्रचार कर रहा है, लेकिन सरकार वहां स्थिति सामान्य बनाए रखने को प्रतिबद्ध है।
रेड्डी ने कहा कि पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने के बाद से एक व्यक्ति भी पुलिस गोलीबारी में नहीं मारा गया।
उन्होंने कहा कि 190 थानों में धारा 144 नहीं लगी है तथा कुछ जगहों पर ऐहतियातन सुरक्षा संबंधी कदम उठाए गए हैं।
रेड्डी ने कहा कि सभी अस्पताल, चिकित्सा केंद्र और स्कूल खुले हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति हो रही है।
चार महीने में सीमा पार से घुसे 59 आतंकवादी:
सरकार ने मंगलवार को बताया कि पिछले चार महीने में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के रास्ते 59 आतंकवादियों के देश में घुसने का अनुमान है।
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों द्वारा किये जाने वाले घुसपैठ के नियमित प्रयास सीमा पार से प्रायोजित और समर्थित हैं। अगस्त 2019 से अब तक सीमा पार से ऐसे 84 प्रयास किये गये हैं और अनुमान है कि ऐसे 59 आतंकवादी देश की सीमा में घुस आये हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 1990 से 01 दिसंबर 2019 तक सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड 22 हजार 557 आतंकवादी मारे गये हैं। सुरक्षा बलों की प्रभावशाली चौकसी के कारण वर्ष 2005 से 31 अक्टूबर 2019 तक सीमा पास से घुसपैठ के प्रयासों के दौरान 1,011 आतंकवादी मारे गये, 2 आतंकवादी गिरफ्तार किये गये और 2,253 आंतकवादियों को वापस भागने पर विवश किया गया है।
श्री शाह ने कहा कि दुश्मन द्वारा घुसपैठ के प्रयास जम्मू-कश्मीर में हिंसा पैदा करने और मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के अपने इरादे में सफल होने के लिए, घाटी में आतंकवादियों की घटती हुई संख्या को बढ़ाने हेतु एक छद्म युद्ध के रूप में उनके एजेंडे का हिस्सा है। घुसपैठ के प्रयासों को विफल करने के लिए निरंतर प्रभुत्व कायम रखने, घात लगाने और गश्त लगाने की कार्रवाई की जा रही है
जम्मू कश्मीर में 80 हजार 68 करोड रुपए की 63 विकास परियोजना:
जम्मूू कश्मीर में सड़क, विद्युत, स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, बागवानी और कौशल विकास तथा अन्य क्षेत्रों से संबंधित 80 हजार 68 करोड़ रुपए की 63 प्रमुख विकास परियोजनायें चल रही है।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राज्य में पिछले 70 साल से संविधान के अनुच्छेद 35 ए लागू होने के कारण अनेक विकास योजनाओं का लाभ आम जनता को नहीं मिल रहा था। फिलहाल राज्य में 80 हजार 68 करोड़ रुपए के प्रधानमंत्री पैकेज के तहत 63 प्रमुख विकास परियोजनाओं पर काम चल रहा है। ये योजनायें सड़क, विद्युत, स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, बागवानी और कौशल विकास से संबंधित हैं। इनका उद्देश्य राज्य के लोगों को सामाजिक और आर्थिक रुप से सशक्त बनाना है।
श्री ठाकुर ने कहा कि अनेक प्रावधानों के कारण जम्मू कश्मीर की पूरी क्षमता और अर्थव्यवस्था का उपयोग नहीं हो पाया है।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से राज्य में एहतियाती कदम उठाये गये थे लेकिन अब इनमें ढील दी जा रही है।