नयी दिल्ली, 04 फरवरी । सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने एक तारंकित प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही। उन्होंने कहा “अभी तक सरकार ने एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया है।”
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर असम में एनआरसी लागू कर दिया गया है। स्वयं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता सदन से बाहर यह कह चुके हैं कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जायेगा। देश के कई हिस्सों में तभी से इसका विरोध शुरू हो गया था ।
दस साल में 21,408 लोगों को दी नागरिकता, तीन वर्ष में 804 बंगलादेशियों को वापस भेजा
सरकार ने पिछले 10 साल में 21,408 लोगों को भारतीय नागरिकता दी है जबकि वर्ष 2016 से 2018 तक तीन साल में 804 बंगलादेशी प्रवासियों को उनके देश वापस भेजा गया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में एक तारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 के बारे में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में श्री शाह ने बताया कि वर्ष 2016 में 308, 2017 में 51 और वर्ष 2018 में 445 अप्रवासी बंगलादेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेज दिया गया।
राज्यसभा में सीएए और एनआरसी पर नारेबाजी, तृकां का बहिर्गमन
इधर राज्यसभा में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर मंगलवार काे शून्यकाल के दौरान कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (तृकां)के सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की और तृकां के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए जरुरी दस्तावेज पटल पर रखवाये और शून्यकाल चलाने के लिए कांग्रेस के टी. सुब्बारामी रेड्डी का नाम पुकारा तो तृकां के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उन्होेंने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है जिसपर चर्चा होनी चाहिए। उनके समर्थन में तृकां के अन्य सदस्य भी खड़े हो गये।
इस पर श्री नायडू ने कहा कि इस मुद्दे का निपटारा कल सदन में हाे चुका है और इसे दोबारा नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सीएए का उल्लेख है और अभिभाषण पर बहस के दौरान इस पर चर्चा की जा सकती है।
इससे पहले सभापति ने जब वित्त मंत्रालय से संबंधित कागजात सदन के पटल पर रखने के लिए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का नाम पुकारा तो कांग्रेस के सदस्यों ने श्री ठाकुर का विरोध किया और कहा कि उन्हें भड़काऊ बयानबाजी के लिए दंडित किया जाना चाहिए।
शून्यकाल शुरू होने पर कांग्रेस और तृकां के सदस्य सभापति के आसन के समक्ष आ गये और नारेबाजी करने लगे। सभापति ने सदन की सहमति से नारेबाजी के बीच शून्यकाल शुरू करा दिया। शून्यकाल के दौरान सत्तापक्ष के सदस्यों के वक्तव्य के दौरान कांगेस और तृकां के सदस्य नारेबाजी करते रहे जबकि विपक्ष के सदस्यों के वक्तव्य के दौरान वे शांत रहे। नारेबाजी कर रहे सदस्यों के इस व्यवहार का भाजपा के कृषि राज्य मंत्री परसोत्तम रुपाला अन्नाद्रमुक के ए. नवनीत कृष्णन और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के विजय साई रेड्डी ने कड़ा विरोध किया।
शून्यकाल के अंतिम मिनटों में सभापति ने सदस्यों को सदन की कार्यवाही में भाग लेने और जनहित के मुद्दे उठाने के लिए कांग्रेस समेत सभी के सदस्यों का आभार व्यक्त किया तो तृकां के सदस्य सदन से बाहर चले गये।