नयी दिल्ली 24 दिसम्बर ।राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर देश भर में मचे बवाल के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में कोई संबंध नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी ने श्री शाह के एक एजेन्सी को दिये साक्षात्कार के बाद सिलेसिलेवार ट्वीट में यह जानकारी दी है। इस साक्षात्कार में श्री शाह ने कहा है, “एनआरसी और एनपीआर में कोई संबध नहीं है। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि दोनों अलग-अलग चीज हैं। फिलहाल एनआरसी बहस का मुद्दा नहीं है क्योंकि अभी इसे देश भर में लागू करने पर कोई विचार नहीं किया गया है।”
उन्होंने कहा, “इस पर डिबेट की कोई जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री ने सही कहा है कि अभी इस पर कैबिनेट या संसद में कोई बात नहीं हुई है। अगर एनआरसी लागू करना होगा तो चोरी-छिपे थोड़े ही न किया जायेगा।”
श्री शाह ने कहा कि एनपीआर को लेकर किसी के मन में और खासकर किसी भी अल्पसंख्यक को यह शंका नहीं होनी चाहिए कि इसका इस्तेमाल एनआरसी बनाने के लिए होगा। इन दोनों का आपस में लेना-देना नहीं है। एनपीआर को लेकर कोरी अफवाह फैलाई जा रही है। इसे लेकर नया विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा, “मैं यह बात बिल्कुल साफ कर देना चाहता हूं कि एनपीआर में किसी का नाम शामिल नहीं होने से किसी की नागरिकता नहीं जायेगी। यह एनआरसी से अलग है।”
श्री शाह ने कहा कि एनपीआर से लोगों को कोई तकलीफ नहीं है, यह पहले भी हो चुका है। नागरिकता कानून को लेकर जो अफवाह फैलाई गयी, उससे सवाल खड़ा हो गया है। अब नागरिकता कानून को लेकर विरोध खत्म हो रहा है इसलिए नया विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। अफवाहें फैलायी जा रही हैं। विपक्ष नागरिकता कानून और एनपीआर को लेकर राजनीति कर रहा है।
एनपीआर को एनआरसी से जोड़ना चाहती है सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) से जोड़ना चाहती है और इस मामले में झूठ बोलकर भ्रम फैला रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने 2017 तथा 2018 में कह दिया था कि एनपीआर की प्रक्रिया एनआरसी से पहले की है।
उन्होंने कहा कि सरकार की यह घोषणा गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में है।
श्री माकन ने कहा कि वार्षिक रिपोर्ट एक सरकारी दस्तावेज होता है जिसमें सरकार अपनी योजनाओं का खुलासा भी करती है और साल भर के अपने काम की जानकारी भी देती है। गृह मंत्रालय की पिछली दो साल की वार्षिक रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि एनआरसी से पहले की प्रक्रिया एनपीआर है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार जब यह योजना लेकर आई थी तब इसका मकसद इसे एनआरसी से लिंक करने का नहीं था जबकि मोदी सरकार इसे एनआरसी से लिंक कर रही है।
गौरतलब है केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा था कि मंत्रिमंडल ने एनपीआर पर नियम के अनुसार काम करने को मंजूरी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया था कि एनपीआर का एनआरसी से कोई संबंध नहीं है