भिवानी, दो फरवरी । प्रदेश में जाट आरक्षण की आहट एक बार फिर सुनाई देने लगी है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सरकार पर उनकी मांग पूरी करने में ढिलाई बरतने का आरोप लगाते हुए 18 फरवरी को बलिदान दिवस मनाने तथा आंदोलन की रूपरेखा एवं रणनीति तैयार करने का ऐलान किया है।attacknews.in
बीते साल में हिंसक हुए आरक्षण आंदोलन ने पूरे राज्य की छवि को धूमिल कर दिया था। उस दौरान हुई आगजनी और तोङफोङ की घटनाओं और प्रकाश सिंह कमेटी की जांच पर कार्यवाई चल रही है।
ऐसे में जाट नेताओं ने सरकार पर उनकी मांग पूरी ना करने का आरोप लगाते हुए 18 फरवरी को एक बार फिर आरक्षण आंदोलन की योजना बनाने की बात कहकर खतरे की घंटी बजा दी है।
भिवानी की जाट धर्मशाला में हुई बैठक में समिति के प्रदेश सचिव गंगाराम श्योराण ने बताया कि प्रदेश भर में जिला स्तर पर 18 फरवरी को बलिदान दिवस मनाया जाएगा।attacknews.in
श्योराम ने आरोप लगाया कि 19 मार्च 2017 को केन्द्रीय मंत्रियों की कमेटी द्वारा मानी गई मांगें आज तक पूरी नहीं हुई हैं। उन्होने कहा कि उनकी मांगों में जाटों को केन्द्र और प्रदेश में आरक्षण देना, मृतकों के आश्रितों को नौकरी देना तथा आरक्षण के दौरान बने मुकदमों को गुजरात व यूपी की तर्ज पर वापस लेना शामिल है। उन्होंने कहा कि केन्द्र तथा प्रदेश सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में ढिलाई बरत रही है।attacknews.in
उन्होंने कहा कि 18 फरवरी को पूरे प्रदेश में बलिदान दिवस के मौके पर आरक्षण के आंदोलन की घोषणा एवं रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इसी को लेकर 5 फरवरी को जींद में केन्द्रीय कार्यकारिणी की भी बैठक बुलाई गई है।attacknews.in