ग्वालियर (मध्यप्रदेश), 10 मार्च (भाषा) राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने रविवार को कहा कि अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के बारे में संघ का दृष्टिकोण बदला नहीं है। मंदिर अयोध्या में वहीं और निर्धारित प्रारूप में ही बनेगा।
आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की यहां रविवार को समाप्त हुई तीन दिवसीय वार्षिक बैठक के बाद राममंदिर पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में संघ के सरकार्यवाह भय्या जी जोशी ने कहा, ‘‘राममंदिर निर्माण को लेकर हमारी भूमिका निश्चित है। अयोध्या में राममंदिर बनेगा, निश्चित स्थान पर बनेगा और निर्धारित प्रारूप में ही बनेगा। उस पर कोई समझौता नहीं होगा।’’
उन्होंने कहा कि राममंदिर बनने तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
उच्चतम न्यायालय द्वारा मध्यस्थता समिति के गठन को लेकर पूछे गये सवाल पर जोशी ने कहा कि संघ ऐसे किसी भी प्रयास का स्वागत करता है। न्यायालय और सरकार से संघ की अपेक्षा है कि मंदिर निर्माण की बाधाओं को शीघ्रातिशीघ्र दूर किया जाए। ऐसी अपेक्षा है कि समिति के सदस्य हिन्दू भावनाओं को समझकर आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि सत्ता संचालन में बैठे लोगों का राममंदिर को लेकर विरोध नहीं है, और उनकी प्रतिबद्धता को लेकर भी कोई शंका नहीं है।
जब उनसे सवाल किया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से राममंदिर निर्माण के लिए क्या कोई कदम नहीं उठाए गये, तो इस पर जोशी ने कहा, ‘‘सरकार ने मंदिर का विरोध नहीं किया। सरकार से आशा थी कि वह राममंदिर के लिए अध्यादेश लाएगी, लेकिन नहीं ला सकी। इसके बाद भी सरकार मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।’’
श्री-श्री रविशंकर को इस मामले में मध्यस्थता के लिए शामिल किये जाने पर उन्होंने कहा कि वे यह काम करें और सब पक्षों की बातें सुनें।
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में राममंदिर मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की गई।
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