अहमदाबाद, दो अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को घोषणा की कि भारत अब खुले में शौच से मुक्त हो गया है।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर यहां आयोजित ‘स्वच्छ भारत दिवस’ कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि 60 करोड़ से अधिक लोगों को शौचालय मुहैया कराने पर दुनिया ने भारत की प्रशंसा की है।
मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी और ऐलान किया था कि दो अक्टूबर, 2019 को भारत खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो जाएगा। उन्होंने गांधीजी के स्वच्छता के संदेश का उल्लेख किया था।
उन्होंने बुधवार को कहा, ‘‘आज ग्रामीण भारत और ग्रामवासियों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त किया है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘60 महीने में 60 करोड़ से अधिक लोगों को शौचालय मुहैया कराने और 11 करोड़ से अधिक शौचालय बनाने के लिए पूरी दुनिया हमारी प्रशंसा कर रही है और हमें सम्मानित कर रही है। दुनिया इससे अभिभूत है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और पशु गांधीजी को बहुत प्रिय थे। उन्होंने कहा, ‘‘प्लास्टिक इन सभी के लिए बड़ा खतरा है, इसलिए हमें इस देश से 2022 तक एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक को समाप्त करने के लक्ष्य को हासिल करना होगा।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां देश को खुले में शौच से मुक्त घोषित करते हुए कहा कि केवल शौचालयों का निर्माण ही काफी नहीं है बल्कि इनके इस्तेमाल को आदत का हिस्सा बनाना भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता के अभियान के चलते देश की उत्पादकता भी बढ़ी है।
देश भर के 20 हजार सरंपंचों के महासम्मेलन को यहां साबरमती रिवरफ्रंट पर संबोधित करते हुए श्री मोदी ने देश के सभी वासियों से देशहित में एक एक संकल्प लेने का भी आहवान किया।
महात्मा गांधी पर डाक टिकट तथा सिक्का जारी करने और स्वच्छ भारत मिशन के पुरस्कार वितरित करने के बाद श्री मोदी ने अपने संबोधन से पहले सभी सरपंचों को मंच से झुक कर नमन किया।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का स्वच्छता का सपना साकार करने में उनके योगदान के लिए वह ऐसा कर रहे हैं। देश को खुले में शौच से मुक्त करना 130 करोड़ देशवासियों के प्रयासों से संभव हुआ है न कि केवल सरकार के चलते।
उन्होंने स्वच्छता ही सेवा विषय पर पत्र लेखन प्रतियोगिता के विजेता पुद्दचेरी के छात्र एस विश्वा और गोवा के छात्र शेन सावियो फर्नाडिंज के अलावा स्वच्छता अभियान के लिए बिहार के बसडीला खास की सरपंच शर्मिला देवी, छत्तीसगढ़ के जसपुर की करीना खातून और मेघायल की लंमलिनती लिंगखोए और तेलंगाना के पेद्दापल्ली शहर को पुरस्कृत किया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और गुजरात को भी अलग अलग श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया।
श्री मोदी ने कहा कि आज जब देश खुले में शौच मुक्त घोषित हुआ है, उन्होंने महात्मा गांधी के आश्रम जाकर एक नयी ऊर्जा का अनुभव किया है। उन्हें यह भी लगा कि जैसे इतिहास अपने आप को दोहरा रहा हो। जैसे बापू के आहवान पर लाखो भारतवासी आजादी के लिए निकल पडे थे, उसी तरह स्वच्छता के उनके आहवान पर लाखों भारतवासियों ने दिल से सहयोग किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले जिस शौचालय की बात करने में झिझक होती थी वह आज देश की सोच का अहम हिस्सा हो गया है। 60 महीने 60 करोड लोगों के लिए में 11 करोड से ज्यादा शौाचालय का निर्माण यह सुन कर विश्व अचंभित है। इससे कई लाभ हुए हैं। माताओं बहनों को अंधेरे के इंतजार की पीड़ा से मुक्ति मिली है। गरीबों का बीमारी पर होने वाला खर्च कम हुआ है। इसने ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में रोजगार के नये अवसर भी पैदा किये हैं। यूनिसेफ के एक अनुमान के अनुसार बीते पांच साल में भारत में रोजगार के जो अवसर बने हैँ उनमें अधिकतर गांवों के बहन भाईयों को मिले हैं। इससे हमारी प्रोडक्टिविटी पर सकारात्मक असर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि आज जो कुछ भी हासिल हुआ वह काफी नहीं है और एक पड़ाव भर है। अभी केवल शौचायलों का निर्माण हुआ है और अब एक इस परिवर्तन को स्थायी बनाना है। यह सुनिश्चित करना है कि शौचालय का उचित उपयोग हो। सरकार ने अभी जो साढ़े तीन लाख करोड़ का जल जीवन मिशन शुरू किया है उससे इसमें मदद मिलने वाली है।
इस मौके पर श्री मोदी ने एकल प्रयोग प्लास्टिक से मुक्ति की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीते तीन सप्ताह मे स्वच्छता ही सेवा अभियान के दौरान करीब 20 हजार टन प्लास्टिक कचरा इकट्ठा हुआ है और प्लास्टिक कैरी बैग का इस्तेमाल तेजी से घट रहा है। ऐसा होना जरूरी है। 2022 तक इससे देश को मुक्त करना है।
श्री मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत के हमारे मॉडल से दुनिया सीखना चाहती है। तीन देशों इंडोनेशिया, नाइजिरिया और माली के प्रतिनिधि यहां उपस्थित हैं। भारत अपने अनुभव को दूसरे देशों से साझा करने के लिए तैयार है। गांधीजी भी स्वच्छता को सर्वोपरि मानते थे। आज हम भी स्वच्छ समर्थ सशक्त नये भारत के निर्माण में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार गांधीजी के सपने के अनुरूप हर गांव को स्वावलंबी बनाने के लिए भी काम कर रही है। बापू भी मानते थे कि राष्ट्रवादी हुए बिना अंतर्राष्ट्रवादी नहीं हुआ जा सकता। नये भारत में स्वच्छता, सुरक्षा, भेदभाव से मुक्ति होगी।
भारतीयों की प्रतिष्ठा अब पूरे विश्व में बढ़ी है-
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और भारतीयों की प्रतिष्ठा अब पूरे विश्व में बढ़ी है तथा भारतीय पासपोर्ट धारकों को लोग गर्व के भाव से देखते हैं।
अपने गृहराज्य गुजरात के संक्षिप्त दौरे पर पहुंचे श्री मोदी ने आज शाम यहां हवाई अड्डे के बाहर आयोजित उनके सम्मान समारोह में कहा आज भारत की प्रतिष्ठा पूरे विश्व में बढ़ी है। इसकी स्वीकृति और इसके प्रति सम्मान का भाव बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद जब वह संयुक्त राष्ट्र में गये और विश्व योग दिवस के उनके प्रस्ताव को बहुत तेजी से पारित किया गया तो लगा कि पूरी दुनिया भारत की तरफ बड़े उत्सुकता से देख रही है। और इस बार 2019 का चुनाव जीतने के बाद जब वह फिर से संयुक्त राष्ट्र गये तो ऐसा लगा रहा था कि दुनिया का हर देश भारत को स्वीकार कर चुका है। दुनिया के मन में एक आशा जगी है कि विश्व में जो भी परिवर्तन की संभावना है उसमें सबसे बडी हिस्सेदारी हिन्दुस्तान की होगी।
श्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद पर पैगंबर मोहम्मद साहेब के वंशज जार्डन के राजा ने एक सेमिनार का आयोजन किया था जिसमें उन्होंने आतंकवाद पर वही भाव व्यक्त किये जो भारत ने किये थे। यह भारत के लिए गौरव की बात थी।
उन्होंने अमेरिका में हाल में हुए ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम की सफलता तथा इसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लंबे समय तक शिरकत तथा साथ ही साथ डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन नेताओं की भागीदारी की भी चर्चा की और इसे भारत की सफलता बताया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर में फैले भारतवंशियों तथा भारत के पासपोर्ट की इज्जत बढ गयी है। भारतीय पासपोर्ट धारकों को दुनिया गर्व से देखती है।
श्री मोदी ने हाउडी कार्यक्रम में लंबी शिरकत के लिए राष्ट्रपति ट्रंप तथा ह्यूस्टन के मेयर को एकबार फिर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनके आग्रह पर ट्रंप का सुरक्षा की परवाह किये बिना उनका हाथ पकड़ कर स्टेडियम के चक्कर लगाना भी यह दर्शाता है कि दुनिया में भारत की साख और ताकत बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हम देश को जिनती नयी नयी ऊंचाईयों पर ले जायेंगे उतना ही इसका दुनिया में सम्मान बढ़ता जायेगा।