नईदिल्ली 4 मई। जीएसटी परिषद की 27वीं बैठक में डिजिटल लेन-देन के लिए जीएसटी दर में परिवर्तन करने और चीनी पर उपकर लगाने के बारे में विचार-विमर्श किया गया।
डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन:
लेस कैश अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर होने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए परिषद ने उन बी2सी आपूर्ति पर देय जीएसटी दर में 2 प्रतिशत की रियायत (जहां जीएसटी दर 3 प्रतिशत या उससे अधिक है, लागू सीजीएसटी और एसजीएसटी दरों से 1-1 प्रतिशत की रियायत) देने के प्रस्ताव पर विस्तार से विचार किया जिसके लिए भुगतान चेक अथवा डिजिटल मोड के जरिए किया जाता है।
हालांकि, इसके लिए प्रति लेन-देन 100 रुपये की अधिकतम सीमा होगी। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए समुचित प्रोत्साहन देना है।
परिषद ने संबंधित प्रस्ताव पर विचार करने और सिफारिशें करने के लिए राज्य सरकारों की ओर से एक मंत्री समूह का गठन करने की अनुशंसा की है।
जीएसटी परिसर में व्यक्त किए गए विचारों को ध्यान में रखते हुए परिषद की अगली बैठक से पहले इस मंत्री समूह का गठन करने की अनुशंसा की गई है।
5 प्रतिशत जीएसटी के अलावा चीनी पर उपकर (सेस) लगाना और एथनॉल पर देय जीएसटी दर में कमी करना
वर्तमान चीनी सीजन में चीनी के रिकॉर्ड उत्पादन और इसके कारण चीनी की कीमतों में भारी गिरावट के साथ-साथ गन्ने की बढ़ती बकाया रकम को ध्यान में रखते हुए परिषद ने चीनी पर उपकर लगाने और एथनॉल पर देय जीएसटी में कमी करने के मुद्दे पर विस्तार से विचार-विमर्श किया।
जीएसटी परिषद की बैठक में इस संबंध में व्यक्त किए गए विचार को ध्यान में रखते हुए परिषद ने इस प्रस्ताव पर विचार करने और दो हफ्तों के भीतर सिफारिशें करने के लिए राज्य सरकारों की ओर से एक मंत्री समूह का गठन करने की अनुशंसा की है।attacknews.in