वाशिंगटन 2 जून ।अमेरिकी राष्ट्र्पति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद भड़की हिंसा घरेलू आतंकवाद का काम है।उधर उपद्रवियों ने पुलिस थाने को आग के हवाले कर दिया ।
अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद लगातार सातवें दिन देश के कई शहरों में हिंसा का दौर जारी रहा. सोमवार को व्हाइट हाउस के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और रबर की गोलियां का इस्तेमाल किया।
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने हिंसा के मद्देनजर चेतावनी दी है कि हालात काबू में नहीं आए तो वे सेना की तैनाती करेंगे. देश के कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और नेशनल गार्ड की तैनाती की गई है.
सोमवार को पुलिसकर्मियों ने व्हाइट हाउस के पास लाफेएट पार्क के पास जमा हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया और उसी दौरान ट्रंप ने रोज गार्डन से सेना की तैनाती को लेकर धमकी भरा बयान दिया।
ट्रंप ने बीते कुछ दिनों से जारी हिंसा, लूटपाट और आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबद्धता दिखाते हुए कहा कि राज्य के गवर्नर नेशनल गार्ड की तैनाती नहीं करते हैं तो वे अमेरिकी सेना को तैनात करेंगे।
ट्रंप ने कहा, “हिंसा को काबू में करने तक मेयर और गवर्नरों को सख्ती से कानून का पालन कराना होगा. अगर कोई राज्य या शहर अपने नागरिकों और उनकी संपत्ति की सुरक्षा करने से मना करता है तो मैं अमेरिकी सेना की वहां तैनाती करूंगा और उनका काम तुरंत आसान कर दूंगा.”
व्हाइट हाउस के बाहर जुटे प्रदर्शनकारियों को हटाने के बाद ट्रंप का रास्ता साफ हो गया और वे पास में ही सेंट जॉन चर्च देखने गए।
एक दिन पहले कुछ प्रदर्शनकारियों ने चर्च को मामूली नुकसान पहुंचाया था. यह चर्च करीब 200 साल पुराना है और वहां ट्रंप ने तस्वीरें खिचवाने के बाद उसे ट्विटर पर भी पोस्ट किया. ट्रंप ने चर्च के बाहर बाइबल हाथ में लेकर अपनी तस्वीरें खिचवाई।
डॉक्टर ने कहा, फ्लॉयड पर दबाव बनाने के कारण उसकी दिल की गति रुकी
मिनियापोलिस, से खबर है कि,अमेरिका के एक डॉक्टर ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को सोमवार को हत्या करार दिया और कहा कि पुलिस द्वारा उसे बांधे रखने और गले पर दबाव बनाने के कारण उसके दिल ने काम करना बंद कर दिया था।
यही वाकया कैमरे में भी कैद हो गया था जिसके बाद से पूरे देश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं।
चिकित्सीय रिपोर्ट में कहा गया, “ कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा दबाव बनाए रखने के कारण मृतक को दिल का दौरा पड़ा।”
इस रिपोर्ट में मौत के ‘‘अन्य महत्त्वपूर्ण कारणों” में फ्ल़ॉयड का दिल की बीमारी और उच्च रक्तचाप से पीड़ित होना तथा फेंटानिल का नशा और हाल में मेथामफेटामाइन का प्रयोग करना भी बताया गया।
मिनियापोलिस के एक पुलिस अधिकारी पर फ्लॉयड की मौत के मामले में थर्ड डिग्री हत्या का आरोप लगा है और उसके साथ तीन अन्य अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है।
एक राहगीर द्वारा बनाए गए वीडियो में अधिकारी, डेरेक चॉवीन फ्लॉयड के गले पर अपने घुटने से दबाव बनाता दिख रहा है जबकि वह लगातार कहता रहा कि वह सांस नहीं ले पा रहा है और अंतत: उसने हिलना-डुलना बंद कर दिया।
फ्लॉयड परिवार के वकील ने सोमवार को बताया कि उसके परिवार के लिए किए गए पोस्टमार्टम में पाया गया कि गले और पीठ पर दबाव के कारण सांस नहीं ले पाने के चलते उसकी मौत हुई।
वकील बेन क्रंप ने बताया कि एरिक गार्नर के शव का परीक्षण करने वाले एक अन्य डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि दबाव के कारण फ्लॉयड के मस्तिष्क तक खून नहीं पहुंच पाया और उसकी पीठ पर अन्य अधिकारियों के घुटने से बनाए गए दबाव ने उसका सांस ले पाना मुश्किल कर दिया था।
जॉर्ज फ्लॉयड के अंतिम संस्कार का खर्च उठायेंगे मुक्केबाज मेवेदर
न्यूयार्क,से खबर है कि,पूर्व मुक्केबाजी चैम्पियन फ्लॉयड मेवेदर ने जॉर्ज फ्लॉयड के अंतिम संस्कार और शोकसभा का खर्च उठाने की पेशकश की जिसे उनके परिवार ने स्वीकार कर लिया ।
मेवेदर प्रमोशंस के सीईओ लियोनार्ड एलेरबे ने बताया कि वह परिवार के साथ खुद संपर्क में थे । वह नौ जून को फ्लॉयड के गृहगर ह्यूस्टन में उनके अंतिम संस्कार का पूरा खर्च उठायेंगे ।
एक अश्वेत व्यक्ति फ्लॉयड की मिनियापोलिस में उस समय मौत हो गई जब एक पुलिसकर्मी ने उसके हाथ बांधकर घुटने से उसका गला दबा दिया था । उसके बाद से पूरे देश में हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है ।
एलेरबने ने बताया कि मेवेदर उसके अंतिम संस्कार से जुड़ा हर खर्च उठायेंगे ।
लास वेगास में रहने वाले मेवेदर उसके परिवार से मिले नहीं है । उन्होंने एक बार अपने एक प्रतिद्वंद्वी के अंतिम संस्कार का भी खर्च उठाया था ।
अमेरिका हिंसा की चपेट में , हजारों गिरफ्तार और करीब 40 शहरों में कर्फ्यू:
वाशिंगटन से , एक जून की रिपोर्ट है कि,अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के छठे दिन भी अमेरिका में आक्रोश एवं भावनाएं उबाल पर रही ।
इन हिंसक प्रदर्शनों में अब तक कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है, हजारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और करीब 40 शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस के बंकर में शरण लेनी पड़ी ।
अमेरिका में पिछले कई दशकों में अब तक के सबसे बड़ी नागरिक अशांति माने जा रहे ये हिंसक प्रदर्शन फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका में कम से कम 140 शहरों तक फैल गए हैं।
कुछ प्रदर्शनों के हिंसक रूप ले लेने के बाद कम से कम 20 राज्यों में नेशनल गार्ड के सैनिकों की तैनाती कर दी गई है।
वाशिंगटन पोस्ट ने खबर दी, “देश के कई हिस्सों में प्रदर्शनों के उपद्रव का रूप ले लेने के बाद कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई।”
खबर में बताया गया कि पुलिस ने सप्ताहांत में दो दर्जन अमेरिकी शहरों से कम से कम 2,564 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 20 प्रतिशत गिरफ्तारी लॉस एंजिलिस में हुई हैं।
यह अशांति शुरुआत में मिनेसोटा के मिनीपोलिस से शुरू हुई थी लेकिन अब पूरे देश में फैल चुकी है जहां लॉस एंजिलिस, शिकागो, न्यूयॉर्क, ह्यूस्टन, फिलेडेल्फिया और वाशिंगटन डीसी समेत बड़े शहरों से हिंसा की खबरें आ रही हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में कहा गया, “अमेरिका में पुलिस के हाथों एक और अश्वेत व्यक्ति की हत्या के बाद से राष्ट्रव्यापी अशांति के छठे दिन रविवार को भी भावनाओं, आक्रोश और जारी हिंसा की विस्फोटक स्थिति बनी हुई है।”
बर्मिंघम में, प्रदर्शनकारियों ने कन्फेडरेट स्मारक को गिरा दिया जिसे शहर ने एक वाद के चलते तिरपाल से ढका हुआ था।
बोस्टन में, पुलिस की एसयूवी को स्टेट हाउस के पास आग के हवाले कर दिया गया।
फिलेडेल्फिया में पुलिस अधिकारी दंगों के समय इस्तेमाल होने वाले उपकरणों और बख्तरबंद वाहन में प्रदर्शनकारियों और लुटेरों को तितर-बितर करने के लिए मिर्च स्प्रे इस्तेमाल करते दिखे।
न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों ने ब्रूकलिन और विलियम्सबर्ग पुलों पर मार्च कर यातायात को बाधित किया। कार ट्रैफिक के लिए मैनहेटन पुल को कुछ देर के लिए बंद रखा गया। यूनियन स्कॉयर में उथल-पुथल मच गई जहां कबाड़ में पड़े कैन और सड़क पर पड़े कूड़े को लगाई गई आग की लपटें दो मंजिला इमारत की ऊंचाई तक उठती दिखी।
खबर में कहा गया कि यह पहली बार है जब 1968 में डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या के बाद से इतने सारे अधिकारियों ने नागरिक अशांति को देखते हुए एक साथ ऐसे आदेश पारित किए हों।
पुलिस ने रविवार को व्हाइट हाउस के पास से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे जिन्होंने प्रमुख इमारतों की खिड़कियों को तोड़ा, गाड़ियां पलट दीं और आगजनी की जहां वाशिंगटन स्मारक के पास से धुएं का गुबार उठता दिखा।
पिछले कुछ दिनों से, हजारों प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के बाहर एकत्र होकर राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
सीएनएन के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप को व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन के दौरान कुछ समय के लिए भूमिगत बंकर में ले जाया गया । प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप और उनके बेटे बैरन को भी बंकर में ले जाया गया।
राष्ट्रपति ट्रंप रविवार को सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए लेकिन एक के बाद एक कई ट्वीट कर उन्होंने देश में नफरत एवं अराजकता को बढ़ावा देने के लिए मीडियो को दोष दिया।
अमेरिकी अटर्नी जनरल विलियम बार ने कहा कि यह हिंसा भड़काई गई है और एएनटीएफआई संगठन ने की है और अन्य समूह जो घरेलू स्तर पर आतंकवाद फैला रहे हैं, उनसे उचित तरीके से निपटा जाएगा।
ट्रंप प्रशासन ने आरोप लगाया है कि यह हिंसा नियोजित लग रही है जिसे धुर वामपंथी चरमपंथियों और अराजक तत्वों ने अंजाम दिया है।
वहीं पू्र्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को एक प्रदर्शन स्थल का दौरा किया और कहा कि इस आक्रोश को एक मकसद में बदलकर ही इस दर्द को कम किया जा सकता है।
अमेरिका में प्रदर्शनों के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया में दिखी एकजुटता, बदलाव की मांग उठी:
बैंकॉक, से खबर है कि,अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉ़र्ज फ्लॉयड की मौत के साथ ही अपने ही देश में पुलिस हिंसा और नस्लभेद के खिलाफ खड़े होने के लिए न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर में सोमवार को हजारों लोगों ने मार्च किया।
अश्वेत पुरुषों और महिलाओं की पुलिस द्वारा हत्या के नये मामले के बाद अमेरिका में उपजी नागरिक अशांति को लेकर विश्व के कई लोगों के मन में बेचैनी थी। फ्लॉयड की मिनीपोलिस में 25 मई को मौत हो गई थी जब एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने फ्लॉयड की गर्दन पर तब तक अपना घुटना दबा कर रखा जब तक कि उसकी सांसें नहीं थम गईं।
ऑकलैंड में प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास तक मार्च किया और घुटनों पर बैठ गए। उनके हाथों में “मैं सांस नहीं ले पा रहा” और “असल वायरस नस्लभेद है” जैसे नारों के पोस्टर थे।
न्यूजीलैंड में ही सैकड़ों अन्य, कई स्थानों पर हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल हुए।
रविवार को मध्य लंदन में एक सभा में, हजारों लोगों ने अमेरिकी प्रदर्शनकारियों के प्रति समर्थन जताया और नारे लगाए “न्याय नहीं, शांति नहीं” और ‘‘कितने और?” लिखे हुए पोस्टर लहराए।
अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय अधिकारियों को लक्ष्य बनाकर लिखे गए संदेशों के साथ अमेरिकी प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दर्शाई।
ब्राजील में, सैकड़ों लोगों ने रियो डे जेनेरियो के कामगार श्रेणी मोहल्ले, फेवलस में अश्वेत लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा किए जाने वाले अपराधों के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
कनाडा में नस्लभेद विरोधी प्रदर्शन ने मांट्रियल पुलिस और कुछ प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प का रूप ले लिया। पुलिस ने सभा को अवैध बताया और प्रदर्शनकारियों पर मिर्ची के स्प्रे एवं आंसू गैस के गोले छोड़े।
सत्तावादी राष्ट्रों में यह अशांति उनके अपने देश की स्थिति की अमेरिकी आलोचना को कमतर बताने का मौका लेकर आई है। ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने बार-बार अमेरिकी अशांति की तस्वीरें दिखाईं। रूस ने कहा कि अमेरिका में पूरी व्यवस्था में मानवाधिकार समस्याएं हैं।
वहीं चीन में सरकार नियंत्रित मीडिया ने इन प्रदर्शनों को हांगकांग में सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर अमेरिकी विचारों के चश्मे से देखा है और कहा है कि हांगकांग पर टिप्पणी करने से पहले अमेरिकी नेताओं को दो बार विचार करना चाहिए।
उत्तर कोरिया के आधिकारिक रोडोंग सिनमुन अखबार ने खबर दी कि प्रदर्शनकारियों ने एक अश्वेत नागरिक की श्वेत पुलिसकर्मी द्वारा “अवैध एवं नृशंस हत्या” की “कठोरता से निंदा” की है।
अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने छोड़े आंसू गैस:
अमेरिका में ऑरलैंडो पुलिस ने रविवार को प्रदर्शनकारियों की ओर से पुलिस पर पथराव करने और बोतल फेंकने के बाद उन्हें तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे।
पुलिस ने ट्वीट किया, “दुर्भाग्य से प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव, बोतलें और निर्माण के उपकरण फेंके , जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस छोड़े। वर्तमान में ईवानहाए ओर अमेलिया अवे के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग काे बंद कर दिया गया।”
लंदन: फ्लॉयड के समर्थन में एकत्रित हुए 23 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार:
लंदन पुलिस ने सोमवार को अमेरिकी दूतावास के सामने जॉर्ज फ्लॉयड के प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एकत्रित हुए 23 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।
लंदन के मेट्रोपॉलिटन पुलिस सेवा ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने ट्वीट किया, “मध्य लंदन में आज विभिन्न सभाओं से कुल 23 लोग गिरफ्तार किये गये हैं। सभी पुलिस की गिरफ्त में हैं। इसमें शामिल अधिकतर लोगों ने इस क्षेत्र को छोड़ दिया है।”
इससे पहले दिन में पुलिस ने कहा कि लोगों को विभिन्न अपराधों के लिए हिरासत में लिया गया है। इसमें ‘पुलिस पर हमला करने के लिए एक आक्रामक हथियार साथ में रखना और कोरोना वायरस प्रतिबंधों का उल्लंघन शामिल था।
अमेरिका के मिनीपोलिस में 25 मई को एक निहत्थे अश्वेत अमेरिकी जार्ज फ्लॉयड की एक श्वेत पुलिस अधिकारी के हाथों मौत हो गयी थी। जार्ज की मौत के बाद जर्मनी, कनाडा, आयरलैंड समेत दुनिया के कई देशों में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
अमेरिका में प्रदर्शनों की आंच कई शहरों तक पहुंची, व्यापक पैमाने पर हिंसा:
मिनीपोलिस/वाशिंगटन/मास्को , से 31 मई की रिपोर्ट है कि, अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत और पुलिस के हाथों अन्य अश्वेत लोगों की हत्या के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों की आंच शनिवार को न्यूयॉर्क से लेकर टुल्सा और लॉस एंजिलिस तक फैल गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की कारों में आग लगा दी और दोनों पक्षों से लोगों के घायल होने की खबरें आती रही।
फ्लॉयड की मौत के बाद मिनीपोलिस में शुरू हुए प्रदर्शन ने शहर के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया, इसमें इमारतों को जला दिया और दुकानों में लूटपाट की।
मिनीपोलिस में इस सप्ताह तब प्रदर्शन भड़क उठे जब एक वीडियो में पुलिस अधिकारी को आठ मिनट से अधिक समय तक घुटने से फ्लॉयड की गर्दन दबाते हुए देखा गया। बाद में चोटों के कारण फ्लॉयड की मौत हो गई।
अश्वेत फ्लॉयड को एक दुकान में नकली बिल का इस्तेमाल करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था।
बिना मास्क पहने या सामाजिक दूरी का पालन किए बिना बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों में चिंता पैदा हो गई है कि इससे कोरोना वायरस वैश्विक महामारी फिर से फैल सकती है वो भी ऐसे समय में जब देशभर में इससे मरने वाले लोगों की संख्या में कमी आई और अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की कोशिशें चल रही है।
वाशिंगटन में बड़ी संख्या में लोग व्हाइट हाउस के बाहर एकत्रित होकर नारेबाजी करने लगे। स्पेसएक्स रॉकेट के प्रक्षेपण के लिए शनिवार को ज्यादातर समय फ्लोरिडा में बिताने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हेलीकॉप्टर से अपने आवास पहुंचे और पत्रकारों से बिना बात किए बगैर भीतर चले गए।
फिलाडेल्फिया में शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने उग्र रूप से लिया जिसमें कम से कम 13 अधिकारी घायल हो गए और कम से कम चार पुलिस वाहनों को फूंक दिया गया।
ओक्लाहोमा में ग्रीनवुड डिस्ट्रिक्ट ऑफ टुल्सा में प्रदर्शनकारियों ने रास्तों को अवरुद्ध कर दिया और 2016 में एक पुलिस अधिकारी के हाथों मारे गए अश्वेत टेरेंस क्रचर के नाम के नारे लगाए।
फ्लोरिडा के टाल्हासी में शनिवार को प्रदर्शनकारियों की भीड़ में एक पिकअप ट्रक घुस गया जिससे लोगों में भगदड़ मच गई। हालांकि एक बड़ा हादसा टल गया।
वीडियो में नजर आ रहा है कि ट्रक यातायात बत्ती पर रूका तो प्रदर्शनकारी उसके आसपास जमा हो गए, कुछ लोग वाहन चालक से बात करने लगे। इसके बाद एक अन्य वीडियो में दिखा कि ट्रक की खिड़की पर एक बोतल मारी गई और ट्रक की गति अचानक से बढ़ गई और हड़बड़ाए लोग एक ओर हो गए।
इस घटना में कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है।
लास एंजिलिस में प्रदर्शनकारियों ने ‘‘अश्वेत जिंदगियां मायने रखती हैं’’ के नारे लगाए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया और रबड़ की गोलियां दागी। पुलिस की एक कार को जला दिया गया।
सोशल मीडिया पर पोस्ट वीडियो में न्यूयॉर्क शहर में अधिकारी प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करते और उन्हें खदेड़ते हुए देखे गए। एक अन्य वीडियो में न्यूयॉर्क पुलिस विभाग की दो कारें प्रदर्शनकारियों की ओर बढ़ती दिखाई दी जो एक अवरोधक को हटा रहे थे और उस पर सामान फेंक रहे थे।
ट्रम्प ने शनिवार रात को ट्वीट किया था कि अगर नेशनल गार्ड का इस्तेमाल दो दिन पहले किया होता तो इतना नुकसान नहीं होता। नेशनल गार्ड ने अच्छा काम किया है।
देशभर में 12 से अधिक प्रमुख शहरों में रातभर कर्फ्यू लगाया गया। लोगों को अटलांटा, डेनवर, लॉस एंजिलिस, सिएटल और मिनीपोलिस की सड़कों से दूर रहने के लिए कहा गया जहां कर्फ्यू का उल्लंघन कर हजारों लोग शुक्रवार रात को जमा हुए थे। बृहस्पतिवार से लेकर अब तक 17 शहरों में 1,400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अमेरिका के कई शहरों में कर्फ्यू
प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसक झड़प को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने लॉस एंजिल्स, फिलडेल्फिया तथा अटलांटा में कर्फ्यू लागू कर दिया है।
स्थानीय प्रशासन ने इन राज्यों में शनिवार रात कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की।
लॉस एंजिल्स के मेयर एरिक गारसेटी ने ट्वीट कर कहा, “हम लॉस एंजिल्स के निवासियों के स्वतंत्र रूप से बोलने तथा बिना किसी हिंसा और दहशत के जिंदगी जीने के अधिकारों का हमेशा संरक्षण करेंगे।
प्रदर्शनकारियों, कानून नियामकों और लॉस एंजिल्स के सभी नागरिकों के लिए सुरक्षा को देखते हुए हम रात आठ बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लगा रहे हैं।”
ट्रम्प ने फ्लॉयड की मृत्यु के बाद हिंसा नहीं करने की चेतावनी दी:
मास्को,से स्पुतनिक न्यूज एजेंसी की खबर है कि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जार्ज फ्लॉयड की मृत्यु के बाद हो रहे उग्र प्रदर्शन के बीच कहा है कि लोगों को घर और सड़कों पर सुरक्षित रहने का अधिकार है और उन्होंने हिसां नहीं करने की चेतावनी देते हुए माना कि जॉर्ज फ्लॉयड की मौत एक गंभीर त्रासदी थी।
ट्रम्प ने शनिवार को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर में कहा, “हमरा प्रशासन हमेशा हिंसा, हाथापाई और अव्यवस्था के खिलाफ खड़ा रहेगा। हम जॉर्ज फ्लॉयड के परिवार के साथ, शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों और हर कानून का पालन करने वाले नागरिक के साथ खड़े रहेंगे।”
ट्रम्प ने चेतावनी दी कि कट्टरपंथी वामपंथी समूह लूट और डकैती की त्रासदी का फायदा उठा सकते हैं और इस प्रकार यह समूह जॉर्ज फ्लॉयड की यादों को बदनाम कर सकता है।
ट्रम्प ने कहा, “मिनेपोलिस की सड़कों पर जॉर्ज फ्लॉयड की मौत एक गंभीर त्रासदी थी। ऐसा नहीं होना चाहिए था। इसने पूरे देश में अमेरिकियों को क्रोध और शोक से भर दिया है। इस समय जो सड़कों पर हो रहा है वह न्याय या शांति नहीं है। ”