नयी दिल्ली, 13 जुलाई । गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने सोमवार को भारत में अगले पांच-सात साल में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की। कंपनी की ‘गूगल फॉर इंडिया’की पहल के तहत किए जाने वाले इस निवेश का मकसद देश में डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करना है।
भारतीय मूल के पिचाई ने सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक ऑनलाइल बैठक भी की।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘गूगल फॉर इंडिया’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पिचाई ने इस निवेश की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके लिए कंपनी ने ‘गूगल फॉर इंडिया डिजिटलीरण कोष’ बनाया है। यह घोषणा भारत के भविष्य और उसकी डिजिटल अर्थव्यवस्था में कंपनी के भरोसे को दिखाती है।
गूगल के सीईओ ने कहा कि नयी प्रौद्योगिकियों की पूरी ऐसी पीढ़ी है जिन्हें यहां भारत में पहले पेश किया जा रहा है। देश के लोगों को अब किसी प्रौद्योगिकी के आने का इंतजार करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बात में कोई दोराय नहीं कि हम आज भारत और दुनियाभर में मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं। यह चुनौती भी दोतरफा है, यह हमारे स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था दोनों को प्रभावित करने वाली है और इसने हमें हमारे काम करने और जीने के तरीके के बारे में दोबारा सोचने पर मजबूर किया है। लेकिन चुनौतियों का समय भी नवोन्मेष के अतुल्नीय क्षण दे सकता है।’’
पिचाई ने कहा कि कंपनी इस बात को लेकर प्रतिबद्ध है कि भारत को ना केवल नवोन्मेष की अगली लहर का लाभ मिले बल्कि वह इसमें अग्रणी भी हो।
पिचाई ने कहा, ‘‘आज मैं ‘गूगल फॉर इंडिया डिजिटलीकरण कोष’ की घोषणा करते हुए रोमांचित महसूस कर रहा हूं। इस पहल के तहत हम अगले पांच से सात साल में भारत में 10 अरब डालर यानी 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इससे हम देश की डिजिटल क्षेत्र की कंपनियों में शेयर, साझेदारी, परिचालनात्मक निवेश तो करेंगे ही। साथ ही डिजिटल सेवाओं के बुनियादी ढांचे और पारितंत्र निर्माण पर भी निवेश करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि हमारा निवेश भारत के डिजिटलीकरण के चार प्रमुख क्षेत्रों पर केन्द्रित होगा। इसमें हर भारतीय तक उसकी अपनी भाषा भले वह हिेंदी, तमिल या पंजाबी जो भी हो उसमें सस्ती पहुंच और सूचनाओं को उपलब्ध कराना होगा।
साथ ही भारतीय बाजार की जरूरत के मुताबिक नए उत्पाद और सेवाओं का निर्माण करना, छोटे कारोबारियों को डिजिटल बदलाव के लिए सशक्त करना और स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कृषि जैसे क्षेत्रों में सामाजिक भलाई के लिए कृत्रिम मेधा और प्रौद्योगिकी लाभ पहुंचाना शामिल है।
गूगल ने प्रसार भारती के साथ एक नयी पहल शुरू करने की भी घोषणा की। कंपनी दूरदर्शन पर एक प्रशिक्षण श्रृंखला शुरू करेगी जो मौजूदा हालातों में छोटे कारोबारियों को डिजिटल तरीके से कामकाज करने के बारे में प्रशिक्षित करेंगे।
इसके साथ ही गूगल ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के माध्यम से देश के 22,000 स्कूलों में 2020 के अंत तक 10 लाख से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए साझेदारी की है। इसके तहत शिक्षकों को ऑनलाइन क्लासेस के दौरान बच्चों को कक्षा की पढ़ाई जैसा अनुभव कराने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए वह गूगल की ‘जी सूट फॉर एजुकेशन’, गूगल क्लासरूम और यूट्यूब जैसी मुफ्त सेवाओं का उपयोग कर पाएंगे।
सुबह में प्रधानमंत्री मोदी ने पिचाई के साथ बातचीत को लेकर कई ट्वीट किए।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज प्रात: सुंदर पिचाई के साथ बहुत ही फलदायी चर्चा हुई। हमने कई मुद्दों पर बातचीत की, इस दौरान खासतौर से भारत के किसानों, युवाओं और उद्यमियों के जीवन में बदलाव लाने में प्रौद्योगिकी की ताकत के इस्तेमाल को लेकर चर्चा हुई।’’
मोदी ने कहा, ‘‘हमने वैश्विक महामारी के कारण खेलकूद जैसे क्षेत्र में आई चुनौती को लेकर चर्चा की। हमने डेटा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के महत्व को लेकर भी बातचीत की।’’
सुंदर पिचाई अल्फाबेट इंक और उसकी अनुषंगी गूगल एलएलसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।
प्रधानमंत्री के ट्वीट के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ अपना समय देने के लिए धन्यवाद प्रधानमंत्री मोदी। डिजिटल इंडिया को लेकर आपके दृष्टिकोण को लेकर बेहद आशावान हूं और इस दिशा में काम करने को लेकर रोमांचित भी।’’
‘गूगल फॉर इंडिया’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पिचाई ने कहा कि भारत अपनी डिजिटल यात्रा को पूरा करने से अभी बहुत दूर है।
उन्होंने कहा, ‘‘ करोड़ों भारतीयों के लिए सस्ते इंटरनेट तक पहुंच कराने की दिशा में अभी और काम करना है। इसके अलावा सभी भारतीय भाषाओं में मौखिक आदेश देने, कंप्यूटर चलाने की सुविधा देने और नव उद्यमियों की एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित करने और समर्थन करने के लिए भी बहुत कुछ करना है।’’
पिचाई ने छोटे कारोबारियों को डिजिटल दुनिया से जोड़ने के काम को एक सफलता की कहानी के तौर पर बताया। उन्होंने कहा कि अब तक देश के 2.6 करोड़ छोटे कारोबारियों को गूगल के सर्च से जोड़ा जा चुका है और उन्हें गूगल के सर्च इंजन एवं मैप इत्यादि पर आसानी से खोजा जा सकता है।
निम्न आयवर्ग के लोगों तक शिक्षा की पहुंच उपलब्ध कराने के लिए गूगल ने अपनी कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) इकाई गूगल डॉट ऑर्ग के माध्यम से केवल्य एजुकेशन फाउंडेशन (केईएफ) को 10 लाख डॉलर की मदद देने की भी घोषणा की। यह गूगल के वैश्विक दूरस्थ शिक्षा कोष का हिस्सा है।
मोदी, पिचाई ने डेटा सुरक्षा, कृषि क्षेत्र में कृत्रिम मेधा के इस्तेमाल पर की चर्चा:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई के साथ इंटरनेट के इस दौर में निजता को लेकर बढ़ती चिंता के बीच डेटा सुरक्षा सहित कई मुद्दों पर बातचीत की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत के किसानों और युवाओं के जीवन में बदलाव लाने और आनलाइन शिक्षा के विस्तार में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर चर्चा की।
बातचीत के दौरान दोनों के बीच कोरोना वायरस महामारी के दौर में उभरती नई कार्य संस्कृति को लेकर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी है।
प्रधानमंत्री को गूगल की भारत में एक बड़े निवेश कोष की शुरुआत और रणनीतिक भागीदारी विकसित करने की जानकारी भी दी गई। इसके बाद पिचाई ने भारत में अगले पांच से सात साल के दौरान 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के वास्ते इंडिया डिजिटलीकरण कोष की शुरुआत करने की घोषणा की।
वक्तव्य के अनुसार पिचाई ने कहा कि प्रधानमंत्री के देशव्यापी लॉकडाउन लागू करने के ‘‘ठोस कदम’’ ने महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई की काफी मजबूत शुरुआत हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट जारी कर कहा, ‘‘हमने वैश्विक महामारी के कारण खेलकूद जैसे क्षेत्र में आई चुनौती को लेकर चर्चा की। हमने डेटा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के महत्व को लेकर भी बातचीत की।’’
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी वक्तव्य के मुताबिक मोदी ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के आगे और इस्तेमाल को लेकर बातचीत की। इस दौरान डेटा सुरक्षा और निजता को लेकर चिंताओं पर भी चर्चा हुई।
वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) कहा कि प्रौद्योगिकी कंपनियों को विश्वास की कमी को दूर करने के प्रयास करने चाहिये। उन्होंने साइबर अपराध और साइबर हमले के रूप में सामने आने वाले खतरों को लेकर भी बातचीत की।’’
मोदी ने प्रौद्योगिकी से किसानों को होने वाले फायदे और कृषि क्षेत्र में कृत्रिम मेधा के संभावित व्यापक लाभ पर भी चर्चा की। वक्तव्य में कहा गया है कि इस दौरान प्रधानमंत्री ने ऐसी वर्चुअल प्रयोगशाला के विचार की संभावनाओं भी चर्चा की जिसका इस्तेमाल छात्रों के साथ साथ किसानों द्वारा भी किया जा सके।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज प्रात: सुंदर पिचाई के साथ बहुत ही फलदायी चर्चा हुई। हमने कई मुद्दों पर बातचीत की, इस दौरान खासतौर से भारत के किसानों, युवाओं और उद्यमियों के जीवन में बदलाव लाने में प्रौद्योगिकी की ताकत के इस्तेमाल को लेकर चर्चा हुई।’’
सुंदर पिचाई अल्फाबेट इंक और उसकी अनुषंगी गूगल एलएलसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत को दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताया। उन्होंने कृषि क्षेत्र मं सुधारों को बढ़ाने की दिशा में सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में बताया। मोदी ने रोजगार सृजनके अभियान के बारे में भी कहा साथ ही फिर से कौशल होने के महत्व को भी रेखांकित किया।
चर्चा में शामिल अन्य मुद्दों में आनलाइन शिक्षा के विस्तार में प्रौद्योगिकीय निदान, अपनी भाषा में प्रौद्योगिकी तक पहुंच सुनिश्चित करने, खेलकूद के क्षेत्र में स्टेडियम में बैठकर देखना जैसा अनुभव देने के लिये प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और डजिटल भुगतान के क्षेत्र में होने वाली प्रगति को लेकर भी बातचीत हुई।
मोदी ने कहा कि उन्हें गूगल के विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों को जानकार प्रसन्नता हुई। ‘‘चाहे यह शिक्षा के क्षेत्र में हो, पढ़ाई हो, डिजिटल इंडिया हो या फिर डिजिटल भुगतान को आगे बढ़ाने या अन्य क्षेत्रों की बात हो।’’
पिचाई ने प्रधानमंत्री को देश में गूगल के नये उत्पादों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बेंगलूरू में कृत्रिम मेधा शोध प्रयोगशाला की शुरुआत के बारे में बताया साथ ही गूगल की बाढ़ को लेकर भविष्यवाणी के प्रयासों और उसके फायदों से भी अवगत कराया।