वाशिंगटन, सात जून (एपी)। अमेरिका में नस्लवाद और पुलिस की ज्यादतियों के खिलाफ देशभर में चल रहे प्रदर्शनों का सिलसिला हफ्ते भर से जारी है। शुरुआत में अराजकता का माहौल बना लेकिन अब मोटे तौर पर विरोध शांतिपूर्ण तरीके से हो रहे हैं और ऐसे में आयोजकों को उम्मीद है कि उनका अभियान जारी रहेगा।
शनिवार को हजारों लोगों ने कई स्थानों पर शांतिपूर्ण मार्च किया।
मास्क पहने और मूलभूत बदलावों की मांग करते हुए शनिवार को प्रदर्शनकारी दर्जनों स्थानों पर एकत्रित हुए। वहीं नॉर्थ कैरोलाइना में लोग जॉर्ज फ्लॉयड के शव वाले सुनहरे ताबूत की एक झलक पाने के लिए घंटों इंतजार करते रहे। अफ्रीकी-अमेरिकी फ्लॉयड की मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इसी घटना के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
गत 25 मई को फ्लॉयड की मौत के बाद संभवत: पहली बार इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए और वो भी ऐसे समय में जब आगजनी, लूटपाट और हिंसा की घटनाओं के बाद लगाए कर्फ्यू को अधिकारियों ने हटाना शुरू कर दिया है।
प्रदर्शन चार अन्य महाद्वीपों में भी शुरू हो गए। लंदन और फ्रांस में झड़पें हुई। अमेरिका में सिएटल पुलिस को पत्थर, बोतलें फेंक रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए मिर्च का स्प्रे करना पड़ा तथा अन्य तरीके इस्तेमाल करने पड़े। अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने एक किस्म के विस्फोटक पदार्थ फेंके जिनसे कुछ अधिकारी घायल हुए।
सबसे बड़ा प्रदर्शन वाशिंगटन में देखा गया जहां सड़कों पर प्रदर्शनकारी उमड़ पड़े।
गर्मी और उमस के बीच प्रदर्शनकारी कैपिटोल, नेशनल मॉल और आसपास के इलाकों में उमड़े। कई जगह तंबू तन गए जहां पानी और नाश्ता बंट रहा था।
प्रदर्शनकारी पुलिस की गला घोंट पकड़ पर संघीय पाबंदी लगाने तथा अधिकारियों के लिए शरीर पर कैमरा पहनना अनिर्वाय करने की मांग कर रहे हैं।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अधिकारियों को प्रदर्शनों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। उन्होंने प्रदर्शनों को अधिक महत्व नहीं देते हुए ट्वीट किया, ‘‘जैसा कि अनुमान लगाया था, वाशिंगटन में उससे बहुत कम भीड़ जुटी।’’
कई समूहों ने व्हाइट हाउस की ओर कूच किया। व्हाइट हाउस की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के गोल्फ रिजॉर्ट के बाहर भी करीब 100 प्रदर्शनकारी एकत्रित हो गए।
सैन फ्रांसिस्को में गोल्डन गेट ब्रिज और न्यूयॉर्क में ब्रुकलिन ब्रिज में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच कई लोगों ने मास्क पहन रखा था।
अफ्रीकी अमेरिकी प्रदर्शनकारी रोड्रिक स्वीनी ने कहा कि बड़ी संख्या में श्वेत प्रदर्शनकारियों ने ‘‘अश्वेत जिंदगियां मायने रखती हैं’’ के पोस्टर लहराए जिससे एक मजबूत संदेश पहुंचा है।
फिलाडेल्फिया और शिकागो में प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की।
फ्लॉयड का शव अब ह्यूस्टन ले जाया जाएगा जहां वह पहले रहते थे।
बीटीएस, बिग हिट इंटरटेन्मेंट ने ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ फाउंडेशन को 10लाख डॉलर की राशि दी
लॉस एंजिलिस, से सात जून की रिपोर्ट है कि,दक्षिण कोरिया के प्रसिद्ध पॉप समूह बीटीएस और उनकी कंपनी ‘बिग हिट इंटरटेनमेंट’ने पुलिस हिरासत में अफ्रीकी अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद बने ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ फाउंडेशन को 10लाख डॉलर की राशि दान की है।
वैरायटी के मुताबिक समूह ने इस सप्ताह की शुरुआत में यह राशि दान में दी थी।
‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ के प्रबंध निदेशक केइली स्केल्स ने कहा,‘‘सदियों के उत्पीड़न से इस वक्त दुनिया भर में काले लोग दुखी हैं। काले लोगों की जिंदगी की इस लड़ाई में साथ आने के लिए हम बीसीएस और उसके सहयोगियों की उदारता से अभिभूत हैं।’’
बेहद मशहूर पॉप ब्रैंड के सदस्यों के जिन ,सुगा, जे-होप, आरएम, जिमिन, वी और जुगको ने ट्वीट करके प्रदर्शनों का समर्थन किया था।
बीटीएस ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर लिखा,‘‘ हम नस्लीय भेदभाव के खिलाफ हैं। हम हिंसा का विरोध करते हैं। हम और आप सम्मान पाने के अधिकारी हैं। हम एकजुट हैं।’’
गौरतलब है कि अमेरिका में नस्लवाद और पुलिस की ज्यादतियों के खिलाफ देशभर में प्रदर्शनों का सिलसिला हफ्ते भर से जारी है।
मिनियापोलिस और सेंट पॉल से कर्फ्यू हटा
मिनियापोलिस, से छह जून की रिपोर्ट है कि, मिनियापोलिस में श्वेत पुलिस अधिकारी के हाथों हुई अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के विरोध में हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए लगाए गए कर्फ्यू को शुक्रवार रात हटा लिया गया। राज्य अब सैनिकों और नेशनल गार्ड के सदस्यों को वापस भेजने की योजना बना रहा है।
फ्लॉयड को गिरफ्तार किए जाने और पुलिस हिरासत में उसकी मौत के बाद मिनियापोलिस और सेंट पॉल में पिछले सप्ताह के अंत में हिंसक प्रदर्शन हुए थे और आक्रोशित लोगों ने तोड़-फोड़ की थी। पूरे देश में और यहां तक कि अन्य देशों में फ्लॉयड की हत्या की निंदा हुई।
मिनियापोलिस और सेंट पॉल में कुछ दिन से शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहे हैं। गवर्नर टिम वाल्ज ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को मिनियापोलिस पुलिस विभाग में तेजी से बदलाव लाने का श्रेय दिया। शक्रवार को विभाग में नागरिक अधिकारों की जांच शुरू हो गई।
गौरतलब है कि फ्लॉयड को 25 मई को एक श्वेत अधिकारी ने हथकड़ी लगाकर जमीन पर गिरा दिया था और अपने घुटनों से उसकी गर्दन को तब तक दबाए रखा जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। एक राहगीर ने घटना का वीडियो बना लिया और वीडियो वायरल होने के बाद देश में उबाल आ गया।
विचिटा स्टेट यूनिवर्सिटी ने इवांका ट्रंप का भाषण रद्द किया
विचिटा, छह जून की रिपोर्ट है कि, कंसास के एक प्रौद्योगिकी स्कूल ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया की आलोचना के चलते उनकी बेटी इवांका ट्रंप के स्नातक विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन संबोधन की योजना को रद्द कर दिया।
विचिटा स्टेट यूनिवर्सिटी और डब्ल्यूएसयू टेक के प्रशासकों ने बृहस्पतिवार रात इसकी घोषणा की जबकि इससे कुछ ही घंटे पहले उन्होंने घोषणा की थी कि इवांका डब्ल्यूएसयू टेक के स्नातकों से बात करेंगी।
दोनों संबद्ध विश्वविद्यालयों के प्रशासकों ने कहा कि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के लिए शनिवार का समारोह विद्यार्थियों पर ही केन्द्रित रहेगा और इसमें नर्सिंग ग्रेजुएट एकमात्र वक्ता होगा।
इवांका ट्रंप ने पिछले साल डब्ल्यूएसयू टेक के नेशनल सेंटर फॉर एविएशन ट्रेनिंग का दौरा किया था। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए यह कहते हुए प्रतिक्रिया दी, “हमारे देश के परिसरों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गढ़ होना चाहिए। संस्कृति को रद्द करना और दृष्टिकोण भेदभाव शिक्षण के विपरीत हैं। एक दूसरे को सुनना अब पहले से कहीं ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो गया है।”
ट्वीट में यूट्यूब वीडियो का लिंक भी था जिममें वह वैश्विक महामारी के बीच अपनी डिग्री पूरी करने वालों से कह रही हैं, “आप युद्ध के समय के स्नातक हैं” और आपके प्रशिक्षण ने आपको ‘‘ठीक इसी क्षण के लिए तैयार किया है।”
राष्ट्रपति की बेटी को बोलने का मौका देने की घोषणा की तत्काल निंदा होने लगी जिसके बाद विचिटा स्टेट की फोटो मीडिया की एसोसिएट प्रोफेसर जेनिफर रे ने स्कूल प्रशासकों को पत्र लिखकर भाषण रद्द करने को कहा।
प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़ रही पुलिस फैला सकती है कोरोना वायरस संक्रमण: विशेषज्ञ
अटलांटा (अमेरिका), से छह जून की रिपोर्ट है कि, एमरी विश्वविद्यालय में संक्रामक रोगों के एक विशेषज्ञ ने कहा है कि उन्हें इस बात की चिंता है कि प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़ रही पुलिस कोरोना वायरस संक्रमण फैला सकती है।
डॉ. जय वार्के ने शुक्रवार को कहा कि सामूहिक गिरफ्तारियां और गिरफ्तार लोगों को छोटे स्थानों पर रखने से कोरोना वायरस से दूसरों के संक्रमित होने का जोखिम बहुत अधिक बढ़ जाता है।
उन्होंने कहा कि आंसू गैस, मिर्ची बम तथा अन्य रासायनिक पदार्थों के संपर्क में आने पर लोग आंखे मलते हैं, ऐसे में प्रदर्शनकारियों के संक्रमित होने का खतरा है।
वार्के ने कहा, ‘‘जब मैं आंसू गैस जैसी चीजों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता देखता हूं जिनके कारण व्यक्ति को तुरंत आंखें मलनी पड़ती है तो मुझे वैश्विक महामारी के दौर में संक्रमण के फैलने का बड़ा जोखिम नजर आता है। पता नहीं कानून प्रवर्तन एजेंसियां इनके अलावा किसी और चीजों के इस्तेमाल के बारे में विचार कर रही हैं या नहीं। उन्हें इनके विकल्पों के बारे में निश्चित ही कुछ सोचना चाहिए।’’
अप्रैल में कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था जॉर्ज फ्लॉयड
मिनियापोलिस, से चार जून की रिपोर्ट है कि, मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में मरने वाले काले व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बुधवार को जारी की गई और उससे यह पता चला है कि फ्लॉयड कोविड-19 से संक्रमित भी रह चुका था।
हेनेपिन काउंटी के चिकित्सा परीक्षक कार्यालय ने फ्लॉयड की परिवार की अनुमति के बाद 20 पन्नों की रिपोर्ट जारी की। मौत की वजह का पता लगाने के लिए अधिकृत सरकारी अधिकारी ने सोमवार को बताया कि फ्लॉयड को दिल का दौरा पड़ा था और उन्होंने 25 मई को हुई उसकी मौत को मानव हत्या बताया था।
मुख्य चिकित्सा परीक्षक एंड्रयू बेकर की रिपोर्ट में कई क्लिनिकल जानकारियों के साथ यह भी बताया गया है कि फ्लॉयड तीन अप्रैल को कोविड-19 से संक्रमित पाया गया था लेकिन उसमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्लॉयड के फेफड़े स्वस्थ दिख रहे थे लेकिन उसकी दिल की धमनियों में थोड़ा संकुचन था।
अमेरिकी समाज के संस्थागत नस्लवाद को खत्म करने की जरुरत: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख
उधर संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में हत्या की घटना ने अश्वेत लोगों के खिलाफ ‘‘पुलिस हिंसा’’ को उजागर किया है, जिसके विरोध में पूरे अमेरिका में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी समाज को भयभीत करने वाले स्थानिक और संस्थागत नस्लवाद को खत्म करने की जरूरत है, उनकी आवाज को सुनी जानी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बेशलेत ने बुधवार को कहा कि 46 वर्षीय अफ्रीकी-अमेरिकी फ्लॉयड की हत्या के बाद अमेरिका के सैकड़ों शहरों में फैले विरोध प्रदर्शनों की आवाज सुनी जानी चाहिए और उनकी समस्याओं को हल करने की जरुरत है अगर अमेरिका नस्लवाद और हिंसा के अपने दुखद इतिहास से आगे बढ़ना चाहता है।
बेशलेत ने कहा, ‘‘निहत्थे अफ्रीकी अमेरिकियों की हत्याओं को खत्म करने के लिए आवाज बुलंद करने की जरूरत है। पुलिस हिंसा को खत्म करने के लिए आवाज बुलंद करने की जरूरत है। अमेरिकी समाज को भयभीत करने वाले स्थानिक और संस्थागत नस्लवाद को खत्म करने के लिए आवाज बुलंद करने की जरूरत है।’’
उन्होंने जोर देकर कहा कि जब दुनिया में संस्थागत नस्लवाद और पुलिस हिंसा की घटना होती है, तो हम उससे पनपे क्रोध को अमेरिका में देख सकते हैं, जो समाज में विषमताओं को उजागर करता है, जो यह दर्शाता है कि पुलिस हिरासत में गैरकानूनी हत्याओं और नस्ली पूर्वाग्रह से छुटकारा पाने के लिए दूरगामी सुधारों और समावेशी संवाद की वहां इतनी जरूरत क्यों है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह वायरस बहुत ही लंबे समय तक नजरअंदाज की गई असमानताओं को उजागर कर रहा है। अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या से उत्पन्न विरोध प्रदर्शन न केवल अश्वेत लोगों के खिलाफ पुलिस हिंसा को उजागर कर रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार में भी असमानताएं और स्थानिक नस्ली भेदभाव को उजागर कर रहा है।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में फ्लॉयड की हत्या के विरोध में अमेरिका भर में प्रदर्शन हो रहे हैं और इस दौरान हिंसा भी भड़क गई।
कर्फ्यू का उल्लंघन कर अमेरिका के कई बड़े शहरों में लोगों ने किए विरोध प्रदर्शन:
वॉशिंगटन,से तीन जून की रिपोर्ट है कि, न्यूयॉर्क, फिलाडेल्फिया, शिकागो और वाशिंगटन डीसी समेत अमेरिका के कई शहरों में देशवासियों ने मिनियापोलिस में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए।
इनमें से कुछ स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन भी हुए।
ह्यूस्टन निवासी फ्लॉयड की मिनियापोलिस में 25 मई को उस समय मौत हो गई थी, जब एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने उसके गले को अपने घुटने से तब तक दबाए रखा, जब तक कि उसकी सांसें नहीं रुक गई।
इस घटना के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। कुछ स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए और बड़े पैमाने पर लूटपाट की गई, सम्पत्ति एवं स्मारकों को नुकसान पहुंचाया गया और वाहनों को आग लगा दी गई।
ऐसा बताया जा रहा है कि अमेरिका में हालिया दशकों में इतने बड़े पैमाने पर असैन्य अशांति नहीं फैली है।
रात में कई प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने के कारण न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डीसी समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया। प्रदर्शनकारियों ने इन शहरों में कई स्थानों पर कर्फ्यू का कथित रूप से उल्लंघन किया।
वाशिंगटन डीसी में सैन्य वाहनों को व्हाइट हाउस के निकट सड़कों पर देखा गया और लफायेते पार्क में बड़ी संख्या में सशस्त्र कर्मी देखे गए। फ्लॉयड की हिरासत में मौत के विरोध में इस पार्क में हजारों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे।
पुलिस की बर्बरता के खिलाफ हजारों लोगों ने न्यूयॉर्क की सड़कों पर मार्च निकाला।
मैनहट्टन के एक लोकप्रिय डिपार्टमेंटल स्टोर समेत न्यूयॉर्क में कई स्थानों पर सोमवार रात लूटपाट की घटनाएं हुईं।
न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रियू कुओमो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि न्यूयॉर्क पुलिस विभाग और मेयर ने कल रात अपना काम संजीदगी से नहीं किया।’’
सेंट लुइस में चार पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को काबू करने के दौरान घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लास वेगास में भी प्रदर्शनकारियों की भीड़ को काबू करने की कोशिश में एक पुलिस अधिकारी को गोली लग गई। वह अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
अमेरिका के कई स्थानों से सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष की खबरें आई हैं।
मिनियापोलिस के गवर्नर ने मिनियापोलिस पुलिस विभाग की नीतियों और कार्यप्रणाली को लेकर जांच का मंगलवार को आदेश दिया।
न्यूजर्सी के अटॉर्नी जनरल गुरबीर ग्रेवाल ने घोषणा की कि राज्य पुलिस द्वारा बल प्रयोग संबंधी अपने दिशा-निर्देशों का अद्यतन करेगा और ऐसा पिछले दो दशकों में पहली बार किया जाएगा।
उन्होंने सभी अधिकारियों के लिए अनिवार्य लाइसेंस कार्यक्रम की भी घोषणा की।
एक स्थानीय समाचार पत्र ने बताया कि बोस्टन में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए।
‘बोस्टन ग्लोब’ ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने ‘अश्वेतों का जीवन महत्व रखता है’ और ‘न्याय नहीं, शांति नहीं’ के नारे लगाए।
‘लॉस एंजिलिस टाइम्स’ ने बताया कि शहर में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
सीनेटर कमला हैरिस ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘हमें यह याद रखना चाहिए कि लोग प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं। वे अश्वेत लोगों के जीवन के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, जो मायने रखता है।’’
‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने बताया कि शांति स्थापित करने के लिए 28 राज्यों और वाशिंगटन डीसी में 20,400 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
दुनिया नस्लवाद पर आँख नहीं मूंद सकती, हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते: पोप फ्रांसिस
वेटिकन सिटी,से खबर है कि,पोप फ्रांसिस ने अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के विरोध में हो रहे बेहद उग्र विरोध प्रदर्शन व सामाजिक अशांति को लेकर चिंता व्यक्त की और राष्ट्रीय एकता और शांति का आह्वान किया।
पोप ने अपने साप्ताहिक बुधवार की सभा के दौरान लोगों से कहा, ‘‘मेरे मित्रों, हम नस्लवाद और अत्याचार को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं कर सकते या उसको लेकर हम अपनी आँख नहीं बद कर सकते और हर मानव जीवन की पवित्रता की रक्षा करने का आह्वान करते हैं।
पोप ने कहा, ‘‘हिंसा से कुछ भी हासिल नहीं होता है और बहुत कुछ खो जाता है।’’
फ्रांसिस ने कहा, ‘‘वह जॉर्ज फ्लॉयड और उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, जो नस्लवाद के पाप के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं और उन सभी लोगों के लिए अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिन्हें इससे क्षति पहुंची है।’’
पोप ने राष्ट्रीय एकता और शांति का आह्वान किया।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बीच घुटनों के बल बैठे लास एंजिलिस के महापौर
इधर अमेरिका के लास एंजिलिस में सड़कों पर मंगलवार को हजारों की संख्या में लोगों ने शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन किया।
पूरे कैलिफोर्निया राज्य में छोटे स्तर पर प्रदर्शन हुए और अधिकारियों ने लास एंजिलिस समेत उन क्षेत्रों में रात भर कर्फ्यू लागू करवाया जहां पुलिस और प्रदर्शनकारियो के बीच झड़प हुई थी।
लास एंजिलिस में महापौर एरिक गारसेटी ने भीड़ के साथ पुलिस मुख्यालय के सामने घुटनों के बल बैठ कर प्रदर्शन किया।
बाद में सैकड़ों लोग गारसेटी के घर के बाहर एकत्रित होकर प्रदर्शन किया।
शहर में अन्य स्थानों पर नेशनल गार्ड के साथ मिलकर पुलिस ने हॉलीवुड के प्रदर्शनकारियों पर कड़ी नजर रखी जहां पिछले दिन पुलिस ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने बाद में दर्जनों लोगों को कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर हिरासत में ले लिया।
मंगलवार को हजारों लोग लास एंजिलिस पुलिस विभाग के मुख्यालय पर एकत्रित हुए।
कुछ पुलिस अधिकारियों ने घुटने के बल बैठकर प्रदर्शन किया। महापौर गारसेटी भी घुटनों के बल बैठे।
प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस बजट में कटौती की मांग को सुनकर महापौर ने कहा, “मैं सुन रहा हूं आप पुलिस के बारे में जो कह रहे हैं।”
नस्लवाद विद्वेष है, इसे अवश्य ही खारिज करना चाहिए :संयुक्त राष्ट्र प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने कहा है कि ‘नस्लवाद’ को सभी लोगों द्वारा अवश्य ही खारिज किया जाना चाहिए। उन्होंने हर तबके के नेताओं से सामाजिक एकजुटता पर जोर देने की अपील की, ताकि हर समूह खुद को महत्वपूर्ण समझे। उन्होंने अमेरिका के मिनियापोलिस में अफ्रीकी मूल के एक अमेरिकी व्यक्ति की मौत के बाद देश भर में हुए हिंसक प्रदर्शनों पर दुख जताते हुए यह कहा।
गुतेरस ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैं अमेरिका और न्यूयार्क शहर में हिंसा देख कर दुखी हूं।’’
पूरे न्यूयार्क और अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन ने व्यापक रूप ले लिया है। प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आये हैं और वे पिछले हफ्ते काले व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड (46) के एक श्वेत पुलिस अधिकारी की प्रताड़ना के बाद मौत हो जाने के बाद पुलिस नृशंसता खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
अधिकारियों को न्यूयार्क शहर में लूटपाट की घटनाएं बढ़ने को लेकर कर्फ्यू लगाने को मजबूर होना पड़ा।
गुतेरस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की शिकायतें अवश्य सुनी जानी चाहिए लेकिन प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक अपनी मांग करनी चाहिए तथा अधिकारियों को अपनी प्रतिक्रिया में अवश्य ही संयम बरतना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि अमीरी में समृद्धता हर समाज में खतरा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘नस्लवाद एक विद्वेष है, जिसे हम सब को पूरी तरह से खारिज करना चाहिए। समाज के सभी तबकों के नेताओं को सामाजिक एकजुटता पर जोर देना चाहिए, ताकि हर समूह खुद को महत्व प्राप्त समझे।’’
उन्होंने कहा कि असमानता और भेदभाव को दूर करने, सर्वाधिक जोखिमग्रस्त के लिसे समर्थन मजबूत करने और हर किसी को अवसर प्रदान करने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने अपनी प्रतिदिन की प्रेस वार्ता में कहा कि विविधतापूर्ण समाजों की सफलता के लिये सामाजिक एकजुटता पर जोर देने की जरूरत है, जिसमें भेदभाव और नस्लवाद के संभावित क्षेत्रों को खत्म करना भी शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘…राष्ट्रीय सरकार को अवश्य ही तैयार होना चाहिए। स्थानीय प्राधिकारों को सामाजिक संस्थाओं, धार्मिक संगठनों, निजी क्षेत्र, मूल रूप से समाज को एक समग्र रूप में अवश्य ही लामबंद करना चाहिए।’’
शहर में हिंसा के तनावपूर्ण माहौल और लूटपाट की घटनाओं के बीच संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सुरक्षा के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रमुख संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन और न्यूयार्क पुलिस विभाग के करीबी संपर्क में हैं, ताकि संरा परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम संयुक्त राष्ट्र को निशाना बनाये जाने से अवगत नहीं हैं। हम सुरक्षा मोर्च पर संघीय एवं स्थानीय अधिकारियों से करीबी संपर्क रखे हुए हैं।