नयी दिल्ली 18 जुलाई । वित्त विधेयक 2019 गुरुवार को लोकसभा में पारित होने के साथ ही वित्त वर्ष 2019-20 के 27 लाख 86 हजार 349 करोड़ रुपये के आम बजट पर सदन की मुहर लग गयी।
लगभग पाँच घंटे चली चर्चा के बाद मूल विधेयक में आठ नये खंड जोड़े गये। सरकार की तरफ से प्रस्तुत 23 संशोधनों को भी सदन ने स्वीकार किया जबकि विपक्ष की ओर से प्रस्तुत पाँच संशोधन अस्वीकृत कर दिये गये। इनमें पेट्रोल और डीजल पर लगाये गये विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क तथा सड़क एवं बुनियादी ढाँचा उपकर वापस लेने संबंधी संशोधन भी शामिल हैं।
विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों की अनुदान माँगों और उनसे जुड़े विनियोग विधेयकों को सदन ने पहले ही मंजूर कर दिया था।
विधेयक के कई प्रावधान इस साल 01 अप्रैल और कुछ 05 जुलाई से ही प्रभावी हो गये हैं जबकि अन्य प्रावधानों में अधिकतर 01 सितम्बर से प्रभाव में आयेंगे। कुछ प्रावधान 01 नवंबर से प्रभावी होंगे।
चर्चा का जवाब देते हुये वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाये गये सवालों का बिन्दुवार उत्तर दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद थे। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि बजट के प्रावधानों का उद्देश्य कारोबार को आसान बनाना तथा मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना है ताकि देश का युवा रोजगार लेने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बन सके
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2019-20 के आम बजट में कर प्रावधानों का मकसद जीवनस्तर एवं उसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाना, लोगों की परेशानियों को कम करना तथा न्यूनतम सरकार एवं अधिकतम सुशासन को सुनिश्चित करना है।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में वित्त विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही। इसके साथ ही सदन ने आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, बीजद के भतृहरि महताब के संशोधनों को खारिज करते हुए वित्त (संख्यांक 2) विधेयक-2019’ को मंजूरी दे दी ।
वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट 2019-20 का मकसद व्यापार सुगमता, युवा उद्यमियों और ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार का इरादा भारत को दुनिया का बहुत बड़ा वित्तीय हब बनने का है । ’’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का मकसद डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना है। डिजिटल भुगतान से राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में अधिक पारदर्शिता आएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि कर कानूनों के सरलीकरण के लिए नयी कर संहिता को अंतिम रूप देने के मकसद से एक कार्यबल काम कर रहा है। इसकी रिपोर्ट 31 जुलाई तक आयेगी ।
उन्होंने कहा कि वित्त विधेयक में गैर कराधान प्रावधानों के तहत सात अधिनियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है ताकि व्यवस्था को सरल किया जा सके, मेक इन इंडिया पहल को सुदृढ़ बनाया जा सके एवं विनिर्माण क्षेत्रों को मजबूती प्रदान की जा सके ।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम कानून में 8 बिन्दुओं पर संशोधन किया गया है । इसमें से 6 उपबंध में संशोधन किये गए हैं। इसमें एक प्रावधान को समाप्त करने और एक प्रावधान जोड़ने से संबंधित है।
निर्मला सीतारमण ने निचले सदन में कहा कि वित्त विधेयक के जरिये कानूनों में संशोधन पांच मुख्य श्रेणियों में किया गया है जिसमें माल एवं सेवा कर :जीएसटी:, प्रत्यक्ष कर, आयकर, धन शोधन रोकथाम जैसे क्षेत्र शामिल हैं ।
उन्होंने कहा कि जीएसटी से संबंधित पांच संशोधन किये गए हैं जो जीएसटी परिषद के निर्णय के अनुरूप हैं । चूंकि यह कर संग्रह से जुड़ा विषय है, इसलिये संसद से मंजूरी जरूरी है ।
सेवानिवृत्त सैनिकों के पेंशन के संबंध में कर संबंधी मुद्दे के बारे में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी की सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा सशस्त्र बल हेडक्वाटर के सुझाव पर हुआ।
सरकार ने इसके माध्यम से गैर कराधान प्रावधान से जुड़े विषयों के संबंध में सात कानूनों में संशोधन करने के अलावा कर संबंधी प्रावधानों वाले सात कानूनों में भी बदलाव का प्रस्ताव किया है ।
वित्त मंत्री ने कहा कि इन बदलाव का मकसद गैर कराधान विषयों से जुड़े मामलों को अधिक सरल और प्रभावी बनाना है ।
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर से जुड़े कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव का मकसद व्यवस्था को सरल बनाना, मेक इन इंडिया पहल को सुदृढ़ बनाना एवं विनिर्माण क्षेत्रों को मजबूती प्रदान करना है ।
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के संबंध में ही पांच अलग तरह के संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है ताकि लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम क्षेत्र से जुड़ी अनुपालना की व्यवस्था को सरल बनाया जा सके ।
उन्होंने कहा कि सेबी कानून में संशोधन सहित वित्तीय बाजार से जुड़े कई कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है ।
उन्होंने कहा कि आरबीआई अधिनियम में संशोधन भी किया गया है जिसका मकसद भारतीय रिजर्ब बैंक की नियामक शक्ति को मजबूती प्रदान करना है ।
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सड़क एवं आधारभूत कोष के संबंध में संशोधन का मकसद केवल स्पष्टा लाना है और राज्यों को पहले की तरह की फंड मिलते रहेंगे ।
वित्त विधेयक को पारित करने के साथ लोकसभा मे आम बजट को मंजूरी मिलने की प्रक्रिया पूरी हो गयी।attacknews.in