नयी दिल्ली, एक फरवरी । वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आम चुनाव से पहले भाजपा नीत राजग सरकार के अपने अंतिम पूर्ण बजट में आज एक तरफ खेतीबाड़ी, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, सूक्ष्म एवं लधु उद्यमों तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए खजाना खोल कर आम लोगों को लुभाने का प्रयास किया वहीं , वेतन भोगी लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को कर और निवेश में राहत देने की भी घोषणाएं की।
वित्त मंत्री ने हालांकि आयकर दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया पर वेतनभोगियों के लिए 40,000 रुपए वार्षिक की मानक कटौती की जरूर घोषणा की। इससे इस वर्ग के करदाताओं को कुल मिलाकर 8,000 करोड़ रुपए का फायदा होने का अनुमान है।
लोकसभा में लगातार पांचवां बजट पेश करते हुए जेटली ने सभी कर योग्य आय पर स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया। साथ ही सामाजिक कल्याण योजनाओं के वित्त पोषण के लिये 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण अधिभार का भी प्रस्ताव किया। उन्होंने 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये कंपनी कर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने की भी घोषणा की। वहीं शेयरों की बिक्री से एक लाख रुपये से अधिक पूंजी लाभ पर कर लगाने का प्रस्ताव किया। करीब दो घंटे (110 मिनट) के भाषण में जेटली ने हालांकि आयकर की दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन उन्होंने वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिये परिवहन एवं चिकित्सा व्यय के बदले 40,000 रुपये की मानक कटौती देने की जरूर घोषणा की। वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिये बैंक जमा पर ब्याज से आय की छूट सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया। साथ ही मियादी जमाओं पर स्रोत पर कर कटौती नहीं होगी।
गंभीर बीमारी पर चिकित्सा व्यय सीमा बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है।
बजट में शेयरों की बिक्री से एक लाख रुपये से अधिक के पूंजी लाभ पर 10 प्रतिशत कर का प्रस्ताव किया गया है लेकिन यह 31 जनवरी तक यह प्रावधान लागू नहीं होगा।
साथ ही बजट में इक्विटी वाले म्यूचुअल फंड में वितरित आय पर 10 प्रतिशत कर का भी प्रस्ताव किया गया है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में उत्पाद शुल्क और सेवा कर के समाहित होने के साथ वित्त मंत्री ने केवल सीमा शुल्क में बदलाव किया। मोबाइल फोन पर जहां सीमा शुल्क बढ़ाया गया है, वहीं अप्रसंस्कृत काजू पर कम करने का प्रस्ताव किया गया है।
नई गोबर धन योजना
सरकार ने ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने के अपने प्रयासों के तहत एक नयी योजना गोबर-धन की घोषणा आज की।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए गोबर-धन (गैलवनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्स धन) योजना की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में बदला र्तित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि समावेशी समाज निर्माण के दृष्टिकोण के तहत सरकार ने विकास के लिए 115 आकांक्षायुक्त जिलों की पहचान की है। इन जिलों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, सिंचाई, ग्रामीण विद्युतीकरण, पेयजल, शौचालय तक पहुंच आदि में निवेश करके निश्चित समयावधि में विकास की गति को तेज किया जाएगा।मंत्री ने उम्मीद जताई कि ये 115 जिले विकास के मॉडल साबित होंगे।
सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों को सहायता
वर्ष 2018-19 के बजट में सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को समर्थन देने के लिए 3,794 करोड़ रूपये के प्रावधान की घोषणा की गई है।
वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह समर्थन इस क्षेत्र को ऋण समर्थन, पूंजी एवं ब्याज सब्सिडी और नवाचार के लिए दिया गया है। वित्त मंत्री ने पिछले वित्त वर्ष में 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले कंपनियों के लिये कंपनी कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इससे लघु उद्योग क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में आज 2018-19 का बजट पेश करते हुए कहा कि कपड़ा क्षेत्र के लिए 7148 करोड़ रूपये आबंटित किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले 3 साल से रोजगार के अवसर सृजित करना और लोगों को रोजगार मुहैया कराना सरकार की प्रमुख नीति रही है। उन्होंने कहा कि हाल में एक स्वतंत्र अध्ययन से पता चला है कि इस साल 70 लाख औपचारिक रोजगार के अवसर सृजित हुए।
जेटली ने कहा कि सरकार अगले तीन साल तक सभी क्षेत्रों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में नए कर्मचारियों के लिये दिये जाने वाले 12 फीसदी वेतन योगदान को जारी रखेगी। वित्त मंत्री ने सभी क्षेत्रों में सावधि रोजगार सुविधा में विस्तार का भी जिक्र किया। उन्होंने रेखांकित किया कि सरकार एमएसएमई क्षेत्र के डूबते खातों और गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए उपायों की जल्द घोषणा करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिये कर की दर घटाकर 25 प्रतिशत करने से पूरे सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम वर्ग को फायदा मिलेगा जिसमें आयकर रिर्टन दाखिल करने वाली लगभग 99 फीसदी कंपनियां आती हैं।’ उन्होंने विश्वास जताया कि 99 फीसदी के लिए कंपनी कर की दर से कंपनियों के पास निवेश करने के लिए अतिरिक्त रकम उपलब्ध होगी जिससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
श्री जेटली ने कहा, ‘कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम 1952 में संशोधन के जरिए पहले तीन साल के दौरान महिला कर्मचारियों का योगदान घटाकर 8 फीसदी करने का प्रस्ताव है जो फिलहाल 12 फीसदी अथवा 10 फीसद है। हालांकि, नियोक्ता के योगदान में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।’
फुटवियर और चमड़ा उद्योग को रियायत
नए रोजगार सृजन पर आयकर अधिनियम की धारा 80-जेजेएए के तहत मिलने वाली कर रियायत का दायरा आज फुटवियर और चमड़ा उद्योग तक बढ़ा दिया गया है।
जेटली ने आज संसद में पेश 2018-19 के आम बजट में फुटवियर और चमड़ा उद्योग को आयकर अधिनियम की धारा 80-जेजेएए के अंतर्गत लाभ देने का प्रस्ताव किया है।
जेटली ने कहा कि वर्तमान में आयकर अधिनियम की धारा 80-जेजेएए के तहत वर्ष के दौरान न्यूनतम 240 दिनों तक के लिए रोजगार के लिए रखे जाने वाले नए कर्मचारियों को मिलने वाले 100% पारिश्रमिक के बराबर सामान्य कटौती के अतिरिक्त 30% की और आय कटौती की छूट है।
साथ ही उन्होंने कहा कि वस्त्र उद्योग में इस छूट के लिए रोजगार की न्यूनतम अवधि की शीर्त को घटा कर 150 दिन कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने फुटवियर और चमड़ा उद्योग में भी इस छूट के लिए रोजगार के न्यूनतम दिवस की शर्त को 150 दिन रखा है।
जेटली को उम्मीद है कि इससे नए रोजगार सृजन को प्रोत्साहन मिलेगा।
जेटली ने 30% कटौती को तार्किक बनाने के लिए ऐसे नए कर्मचारी के मामले में भी यह कर छूट देने का प्रस्ताव किया है जो पहले साल न्यूनतम सीमा से कम दिन काम पर लगे होंगे पर आगे के वर्षों में यह शर्त पूरा कर रहे होंगे।
सांसदों का वेतन स्वतः संशोधित होगा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मुद्रास्फीति के अनुरूप प्रत्येक पांच साल में सांसदों के वेतन में स्वत: संशोधन के लिए आज एक कानून का प्रस्ताव रखा।
जेटली ने यहां अपना पांचवा बजट पेश करते हुए कहा कि संसद सदस्यों को भुगतान की जाने वाली राशि पर सार्वजनिक बहस हुई थी और सांसदों को खुद से अपना वेतन तय करने की अनुमति देने वाली मौजूदा व्यवस्था की भी निंदा की गई थी।
उन्होंने कहा,‘‘ “इसलिए मैं एक अप्रैल, 2018 से वेतन, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, कार्यालय व्यय और सांसदों को दिये जाने वाले बैठक भत्ते के पुन: निर्धारण के लिए आवश्यक परिवर्तनों का प्रस्ताव रख रहा हूं।’’
जेटली ने कहा कि इस कानून के तहत मुद्रास्फीति के अनुरूप प्रत्येक पांच वर्ष में सांसदों के वेतन में स्वत: संशोधन हो जायेगा और सांसद इस कदम का स्वागत करेंगे और भविष्य में उन्हें ‘‘इस तरह की किसी आलोचना का सामना नहीं करना पडेगा।’’
एक सांसद के पारिश्रमिक में प्रतिमाह 50,000 रुपये का मूल वेतन , 45 हजार रुपये निर्वाचन भत्ते के अलावा अन्य अनुलाभ शामिल हैं। सरकार लगभग 2.7 लाख रुपये प्रतिमाह हर सांसद पर खर्च करती है।
दो रक्षा औधोगिक उत्पादन काॅरिडोर बनेंगे
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार दो रक्षा औद्योगिक उत्पादन कॉरिडोर का विकास करेगी और रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक उद्योग अनुकूल सैन्य उत्पादन नीति लेकर आएगी।
जेटली ने अपने बजट संबोधन में देश की सीमाओं पर चुनौतियों से निपटने तथा जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर दोनों जगह आंतरिक सुरक्षा माहौल को प्रबंधित करने में सशस्त्र बलों की भूमिका की सराहना की।
उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्ष में रक्षा बलों की अभियानगत क्षमता को आधुनिक बनाने और मजबूत करने पर काफी जोर दिया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार देश में दो रक्षा औद्योगिक उत्पादन कॉरिडोर के विकास के लिए कदम उठाएगी।’’
जेटली ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के जरिए घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उद्योग अनुकूल ‘‘रक्षा उत्पादन नीति 2018’’ भी लेकर आएगी।
उन्होंने कहा कि देश को रक्षा जरूरतों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के वास्ते भारत की मूल रक्षा उत्पादन क्षमता के विकास के लिए कई पहलें शुरू की गई हैं।
मंत्री ने कहा कि रक्षा उत्पादन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को उदार बनाने के साथ साथ निजी निवेश के द्वार खोल दिए गए हैं।
बजट पर एक नजर
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट आज लोकसभा में पेश किया।बजट पर एक नजर इस प्रकार हैं-
●मोदी सरकार ने किये सौ से ज्यादा सुधार
●किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा मत्स्य पालन और पशु पालन के लिए भी ।
●भारत की अर्थव्यवस्था 25 खरब डॉलर की है और जल्द ही सातवें से पाँचवें स्थान पर पहुँच जायेगी : जेटली
●बाँस की खेती को बढ़ाने के लिए 1290 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
●आलू, टमाटर और प्याज के लिए ऑपरेशन ग्रीन, 500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
●जिला स्तर पर विशिष्ट कृषि उत्पादन का कलस्टर मॉडल विकसित होगा
●दो हजार करोड रूपये की लागत से 22 हजार ग्रामीण बाजारों का ढांचागत विकास
●किसानों की आय बढाने के लिए सभी विभागों के साथ मिलकर संस्थागत प्रणाली विकसित की जायेगी:जेटली
●वित्त वर्ष में किसानों को 11 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण देने का प्रस्ताव: जेटली
●ग्रामीण इलाकों में आजीविका के लिए 14.34 लाख करोड़ रुपये
●राष्ट्रीय आजीविका मिशन के लिए 5750 करोड रूपये का प्रस्ताव
●अगले वित्त वर्ष में 2 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य
●चालू वित्त वर्ष में निर्यात में 17 फीसदी की वृद्धि का अनुमान
●470 एपीएमसी ई-नाम से जुड़े
●मत्स्य और पशु पालन क्षेत्र के लिए 10 हजार करोड रूपये का कोष।
●27.5 करोड़ टन अनाज और 30 करोड़ टन फल सब्जियों का रिकॉर्ड उत्पादन
●देश का कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर
●सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध : जेटली
●कारोबारी सुगमता के साथ जीवन की सुगमता पर ध्यान दे रही है सरकार
●चार करोड़ घरों में बिजली कनेक्शन, तीन हजार जन औषधि केंद्र, मुफ्त डायलिसिस योजना
●बेंगलुरू उप नगरीय रेल सेवा के उन्नयन के लिए 1700 करोड रूपये की योजना
●‘एए’ की जगह ‘ए’ रेटिंग वाले बांडों को भी निवेश के योग्य माना जायेगा
●25 हजार यात्रियों के आवागमन वाले रेलवे स्टेशनों पर स्वचालित सीढियां लगेंगी।
●किसानों गरीबों के लिये सौगातों की बौछार:मोदी सरकार ने किसानों, ग्रामीणों एवं गरीबों के जीवनस्तर को सुधारने के लिए सौगातों की बौछार करते हुये अगले वर्ष के बजट में खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना करने, उज्ज्वला योजना के लिए मुफ्त गैस कनेक्शन बढ़ा कर आठ करोड़ करने तथा दस करोड़ परिवारों को प्रति परिवार पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष का चिकित्सा कवर देने की घोषणा की ।
●हवाई अड्डों की क्षमता पाँच गुना कर एक अरब यात्री सालाना करने की योजना
●600 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जायेगा।
●मुंबई में 150 किलोमीटर उपनगरीय रेल रूटों के विस्तार के लिए 11 हजार करोड़
●मुद्रा योजना को मिले तीन लाख करोड रुपये:
स्वरोजगार को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत आगामी वित्त वर्ष के लिए तीन लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
●दो साल में 4,267 मानवरहित रेलवे क्रासिंग को खत्म करने की योजना
●खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य होगा लागत का डेढ़ गुना:-सरकार ने 2022 तक किसान की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से आगामी खरीफ के दौरान अधिसूचित फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ गुना करने की आज घोषणा की ।
●सीमावर्ती सड़कों के विकास के लिए 5.35 हजार करोड़ रुपये इक्विटी बाजार से जुटाये जायेंगे
●पुरातत्त्व विभाग के तहत आने वाले 110 आदर्श स्मारकों के विकास की योजना
●जनजाति बाहुल्य प्रखंडों में एकलव्य विद्यालय खोले जाएगें
●आगामी खरीफ मौसम की सभी फसलों का समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना करने का फैसला
●दस करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख रुपए प्रति परिवार प्रतिवर्ष का चिकित्सा कवर देने की योजना
●24 नये मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे।
●टीबी मरीजों के पौष्टिक आहार के लिए 600 करोड़ रुपये
●2022 तक हर गरीब के पास होगा उसका अपना घर:जेटली
●डेढ़ लाख वेलनेस केंद्रों के लिए 12 हजार करोड़ रुपये
●अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में विकास दर 7.2 से 7.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान
●प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत 16 हजार करोड़ रुपए की लागत से चार करोड गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन
●दो नये स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर खोले जायेंगे।
●2022 तक अादिवासी बहुल सभी ब्लॉकों में एकलव्य स्कूल
●दिल्ली के पडोसी राज्यों को पराली जलाने के लिए रियायती दर पर मशीन दी जायेंगी
●10 पर्यटन स्थलों को आदर्श पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा।
●सेला पास के नीचे से सुरंग बनायी जायेगी
●अनुसचित जाति के कल्याण के लिए 56619 करोड़ रुपये और अनुसूचिज जनजाति कल्याण के लिए 39135 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रावधान: जेटली
●कपड़ा क्षेत्र के लिए 7,100 करोड़ रुपये
●उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन का लक्ष्य पाँच करोड़ से बढ़ाकर आठ करोड़
●सरकार नये कर्मचारियों के वेतन का 12 प्रतिशत ईपीएफ में योगदान देगी
●बुजुर्ग विधवाओं , दिव्यांगों और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए 9975 करोड रूपये।
●मुद्रा योजना के तहत रिण के लिए तीन लाख करोड रूपये का प्रावधान।
●10 करोड गरीब परिवारों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना।
●गंगा किनारे के 115 जिलों को आदर्श जिलों के रूप में विकसित किया जायेगा।
●जनधन खातों के जरिये माइक्रो इंश्योरेंस और पेंशन योजना
●गोबर से कंपोस्ट बनाने के लिए गोवर्धन योजना।
समग्र स्वर्ण नीति लायेगी सरकार, गोल्ड एक्सचेंजों का होगा नियमन
●वित्त वर्ष 2017-18 में लक्ष्य से ज्यादा विनिवेश हुआ, लक्ष्य बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये
●रक्षा क्षेत्र में दो औद्योगिक विकास कॉरिडोर बनाये जायेंगे।
●2018-19 में 80 हजार करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य
●पीपीपी मॉडल पर उद्योगों के अनुकूल रक्षा उत्पाद नीति बनायी जायेगी
●ग्रामीण क्षेत्रों में पांच लाख वाई फाई हॉटस्पॉट बनाने की घोषणा
●डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए सरकार करेगी ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का उपयोग
●क्रिप्टो करेंसी को रोकने के लिए किये जायेंगे कड़े उपाय
●दूर संचार क्षेत्र में ढांचागत विकास के लिए 10 हजार करोड रूपये।
●डिजिटल इंडिया के लिए आवंटन दुगुना कर 373 करोड़ रुपये
●बांस क्षेत्र के विकास के लिए 1290 करोड़ रुपए
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम बनेगा
●कृत्रिम इंटेलीजिेंस क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम होगा शुरू
●आयकर दाताओं की संख्या 16-17 में 8.27 करोड़ पर पहुँची
●वर्ष 2018-19 में दूरसंचार और अवसंरचना के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान
●किसानों गरीबों के लिये सौगातों की बौछार
मोदी सरकार ने किसानों, ग्रामीणों एवं गरीबों के जीवनस्तर को सुधारने के लिए सौगातों की बौछार करते हुये अगले वर्ष के बजट में खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना करने, उज्ज्वला योजना के लिए मुफ्त गैस कनेक्शन बढ़ा कर आठ करोड़ करने तथा दस करोड़ परिवारों को प्रति परिवार पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष का चिकित्सा कवर देने की घोषणा की ।
●आगामी वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत रखने का लक्ष्य
●महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में समिति गठित।
●वर्ष 2017-18 के लिए संशोधित व्यय अनुमान 21.57 लाख करोड़ रुपये
●महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के लिए 150 करोड रूपये।
●एक अप्रैल से बढ़ेगा सांसदों का वेतन, हर पाँच साल पर महँगाई के हिसाब से स्वत: समीक्षा होगी
●राष्ट्रपति का वेतन पांच लाख और उप राष्ट्रपति का चार लाख तथा राज्यपालों का साढे तीन लाख रूपये।
●रेलवे में पूंजीगत व्यय के लिए एक लाख 48 हजार 528 करोड़ रुपए का आवंटन
●गरीबों, किसानों को सौगात, वेतनभोगी निराश
मोदी सरकार ने बजट में गरीबों, किसानों और छोटे तथा मध्यम उद्योगों के लिए सौगातों का पिटारा खोलते हुये मध्यम वर्ग, विशेष रूप से वेतनभोगियों और निवेशकों को निराश कर उन पर कर का बोझ बढ़ा दिया।
●रेलवे बजट में पांच फीसदी की वृद्धि
●रेलवे में सुरक्षा को मजबूत करने और यात्रियों की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए बजट अावंटन पांच प्रतिशत बढ़ा कर एक लाख 48 हजार 528 करोड़ रुपए करने की घोषणा की है।
●मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20प्रतिशत करने का प्रस्ताव
●वेतनभोगियों को परिवहन और स्वास्थ्य व्यय के लिए 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा।
●केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड का नाम बदलकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड करने का प्रस्ताव
●स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए उपकर तीन से बढ़ाकर चार प्रतिशत
●एक लाख रुपये से ज्यादा के दीर्घकालीन पूँजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर
●वेतनभोगियों की व्यक्तिगत आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं।
●250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए कर की दर घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव
●सर्कल रेट से पाँच प्रतिशत का अंतर होने पर भी हो सकेगा प्रॉपर्टी का पंजीकरण
●100 करोड़ रुपये का कारोबार वाली फार्मर प्रोड्यूशर कंपनियों को आयकर में शत प्रतिशत छूट01
रूपया आया-गया
वित्त वर्ष 2018 -19 के बजट के अनुसार सरकार की आमदनी और खर्च का ब्योरा प्रति एक रूपया इस प्रकार है-
आमदनी :
रिण से इतर पूंजी प्राप्तियां – 3 पैसे
कर से इतर राजस्व – 8 पैसे
माल एवं सेवा कर और अन्य कर- 23 पैसे
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क -8 पैसे
सीमा शुल्क – 4 पैसे
आय कर – 16 पैसे
निगम कर- 19 पैसे
उधार और अन्य देयताएं- 19 पैसे।
●पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क दो रुपये घटा
●मुद्रा योजना को मिले तीन लाख करोड रुपये
● स्वरोजगार को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत आगामी वित्त वर्ष के लिए तीन लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
मोबाइल फोन, टीवी महंगा, काजू सस्ता
सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किये जाने के बाद पेश पहले आम बजट 2018-19 में घरेलू मूल्य वर्द्धन एवं ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहित करने के लिए मोबाइल फोन, टेलीविजन, जूस, परफ्यूम, आयातित वाहन, ट्रक बस टायर, कृत्रिम ज्वेलरी, घड़ियां और बच्चों के खिलौने महंगे हो जायेंगे जबकि काजू और सौर पैनल सस्ते होंगे।attacknews.in
श्री जेटली ने कहा कि सड़क क्षेत्र में हाल ही में स्वीकृत भारतमाला परियोजना का उद्देश्य प्रथम चरण में 5,35,000 करोड़ रुपए की लागत से करीब 35 हजार किलोमीटर राजमार्ग को विकसित करना है।
बुनियादी ढांचे में एक लाख करोड रूपये की बढोतरी
सरकार ने हिचकोले खा रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आम बजट में बुनियादी ढांचे पर विशेष जाेर दिया है और इसमें एक लाख करोड रूपये की बढोतरी करते हुए 5.97 लाख करोड रूपये का आवंटन किया है।
आम बजट की मुख्य विशेषताएं
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश किया जिसकी मुख्य विशेषताएं इस प्रकार है:
कृषि, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, छोटे उद्योग और बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों को मजबूत करने के पर जोर।
एक प्रतिशत उपकर से 11000 करोड़ जुटायेगी सरकार
गरीब और ग्रामीण परिवारों की शिक्षा और स्वास्थ्य जरुरतों को ध्यान में रखकर चलाये जाने वाले कार्यक्रमों के लिये धन जुटाने हेतु सरकार ने व्यक्तिगत आयकर और निगम कर पर एक प्रतिशत अतिरिक्त उपकर लगाने का फैसला किया है, जिससे करीब 11000 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिलेगी।
नभ निर्माण योजना के तहत पाँच गुना बढ़ेगी हवाई अड्डों की क्षमता
सरकार ने पिछले तीन साल से दहाई दर में बढ़ रहे देश के विमानन क्षेत्र के लिए बुनियादी ढाँचों को सुदृढ़ करने की पहल के तहत ‘नभ निर्माण’ योजना की घोषणा की है जिसके तहत हवाई अड्डों की क्षमता पाँच गुना की जायेगी।attacknews.in
प्रत्येक उद्योग के लिए जारी हाेगा आधार कार्ड
सरकार ने नागरिकों की अलग अलग पहचान के लिए बने आधार कार्ड की सफलता काे देखते हुए प्रत्येक उद्योग को विशिष्ठ संख्या जारी करने का फैसला किया है।
आठ फीसदी विकास दर की राह पर देश : जेटली
सरकार ने आज कहा कि भारत आठ फीसदी विकास दर हासिल करने की राह पर आगे बढ़ रहा है और चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक विकास दर 7.2 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
स्वास्थ्य योजना की घोषणा पर गूंजी सबसे ज्यादा तालियां
लोकसभा में वित्तमंत्री अरुण जेटली के करीब दो घंटे चले बजट भाषण के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सौ से ज्यादा बार तालियां बजाकर उनकी घोषणाओं का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने जब किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढाने, गरीबों को आठ करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन देने तथा स्वास्थ्य संरक्षण संबंधी घोषणा की तो पूरा सदन काफी देर तक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।attacknews.in
उपचार के साथ ही स्वास्थ्य संवर्द्धन के लिए भी बजट में पर्याप्त ध्यान रखते हुए इसके तहत देश के डेढ़ लाख स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित करने की व्यवस्था की गयी है जिनमें गैर संचारी रोगों और मातृत्व तथा बाल स्वास्थ्य सेवाओं सहित आवश्यक दवाईयां और नैदानिक सेवाएं भी निशुल्क उपलब्ध करायी जाएंगी।
विमानपत्तन प्राधिकरण को नहीं मिलेगी सरकारी मदद
सरकार ने अगले वित्त वर्ष में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को बजटीय आवंटन नहीं देने का फैसला किया है।attacknews.in