यरुशलम 13 मई । इजरायल ने कहा है कि तनाव बढ़ने के बाद से गाजा पट्टी की ओर से इजरायल में लगभग 1500 रॉकेट दागे गए हैं।
इजरायली सेना ने बुधवार को देर रात बयान जारी कर यह जानकारी दी। इजरायली सेना ने बताया कि गाजा पट्टी की ओर से इजरायल में लगभग 1500 रॉकेट दागे गए हैं। इन रॉकेटों में से सैकड़ों को इजरायली वायु रक्षा प्रणालियों ने हवा में ही नष्ट कर दिया।
इजरायली सेना ने कहा, ” गाजा पट्टी की ओर से इजरायली सीमा में अब तक लगभग 1500 रॉकेट दागे गए हैं, जिनमें से लगभग 300 असफल रहे तथा गाजा पट्टी में ही गिर गए। आयरन डोम सिस्टम ने सैकड़ों रॉकेटों को नष्ट कर दिया है।”
इजरायली हवाई हमलों में फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या 67 हुई
गाजा, से खबर है कि, गाजा पट्टी पर इजरायल के हवाई हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने दावा किया कि मृतकों में 17 बच्चे शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक इजरायली हवाई हमले में 388 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 115 बच्चे तथा 50 महिलाएं शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि इजरायल तथा हमास ने सोमवार रात से एक-दूसरे पर सैकड़ों रॉकेट दागे हैं।
गाज़ा के स्थानीय लोगों का सवाल, ‘हम कहां जाएं?’
गाज़ा सिटी में 50 वर्षीय उम्म माजिद अल रईस को अपनी और अपने चार बच्चों की इज़राइल के हवाई हमले से जान बचाने के लिए पड़ोस के घर में शरण लेनी पड़ी, क्योंकि इज़राइल के जंगी जहाजों ने उनकी रिहायशी इमारत को निशाना बनाया है।
इज़राइल और गाज़ा पट्टी के बीच 2014 की जंग के बाद से सबसे भीषण हिंसा में इस हफ्ते हताहतों की संख्या बढ़ गई है जबकि अल रईस और अन्य फलस्तीनियों का सवाल है, “ हम कहां जाएं?”
अल रईस ने पड़ोस के घर से फोन पर बताया, “ पूरा क्षेत्र एक छोटा सा हिस्सा है। यह एक जेल है। आप कहीं भी जाएं, आप निशाने पर हैं।”
उन्होंने पड़ोस के घर में अपने किशोर बेटे- बेटियों के साथ शरण ली है। उन्होंने कहा कि बिना चेतावनी के इज़राइल ने हवाई हमले किए।
गाज़ा में 20 लाख लोग रहते हैं और यहां पर हवाई हमलों को लेकर सायरन या सुरक्षित घर नहीं हैं। बीते सालों में हुए टकरावों में संयुक्त राष्ट्र के अस्थायी आश्रय स्थलों तक पर हमला हुआ है। पिछले दो सालों में, इज़राइल ने हवाई हमलों के जरिए तीन बड़ी इमारतों को ध्वस्त किया है जिनमें हमास के अहम दफ्तर थे। इज़राइल ने पहले चेतावनी के लिए गोलियां चलाईं ताकि इमारत में रहने वाले लोग भाग सकें।
लड़ाकू विमानों ने बिना चेतावनी के कई रिहायशी इमारतों को निशाना बनाया है। इज़राइल का आरोप है कि इन इमारतों में चरमपंथी रहते हैं। कुल मिलाकर सोमवार से गाज़ा में 16 बच्चों समेत 65 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में चरमपंथी और आम नागरिक भी शामिल हैं। इनमें दो महिलाएं और बच्चे हैं जो इमारत पर हमले के दौरान मारे गए हैं।
एक महिला ने बताया कि इज़राइल के विमान ने बुधवार को एक दो मंजिला इमारत को निशाना बनाया जिसमें उनका चार वर्षीय पोता और गर्भवती बहू की मौत हो गई।
उम्म मोहम्मद अल तलबानी ने अस्पताल में बताया, “ उन्होंने बिना चेतावनी के बम दाग दिए। घर में बच्चों के अलावा कोई न था।”
इज़राइल की सरकार लंबे अरसे से आरोप लगाती रही है कि जवाबी हमलों के दौरान हमास आम नागरिकों को मानव कवच की तरह इस्तेमाल करता है और चरमपंथी अक्सर असैन्य इलाकों से रॉकेट दागते हैं और रिहायशी इमारतों में कमान केंद्र स्थापित करते हैं। फिर भी इज़राइल की हमास के साथ 2014 युद्ध में इमारतों को निशाना बनाने के लिए काफी आलोचना की गई थी।
गाज़ा के निवासियों ने पहले की जंगों को याद करते हुए कहा कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। वे इस संकरी क्षेत्र को नहीं छोड़ सकते हैं जो दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले स्थानों में से एक है।
वर्ष 2007 में गाज़ा पर हमास के नियंत्रण के बाद से वह इज़राइल और मिस्र की नाकेबंदी का सामना कर रहा है।
हमास और अन्य चरमपंथी संगठनों ने तेल अवीव समेत इज़राइल के कई शहरों पर सैकड़ों रॉकेट दागे हैं जिनमें कम से कम सात लोगों की मौत हुई है।