गया, 17 मार्च । बिहार में गया जिले की एक अदालत ने बुधवार को मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी।
गया व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सप्तम) सह लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012 (पास्को) के विशेष न्यायाधीश नीरज कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में नौ दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही सभी लोगों पर अलग-अलग धाराओं के तहत अर्थदंड भी लगाया गया है।
12 मार्च को मां व बेटी के साथ हुए दुष्कर्म के आरोपियों की सजा के बिंदु पर हुई थो सुनवाई
12 मार्च को गया जिले के कोंच प्रखंड के सोनडीहा गांव में मां व बेटी के साथ हुए दुष्कर्म के मामले के आरोपियों पर सजा की सुनवाई हुई। जिसमें 9 लोगों को दोषी पाया गया। उक्त सभी दोषियों को 17 मार्च को सजा सुनाए जाने का आदेश माननीय न्यायालय ने दिया था ।
इस संबंध में एपीपी सुनील कुमार ने बताया था कि सोनडीहा गांव के 13 लोगों पर मां-बेटी के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में मुकदमा किया गया था। जिसमें 4 लोगों को निर्दोष होने के कारण बरी कर दिया गया। जबकि 9 लोगों को दोषी पाया गया है।
उन्होंने कहा कि स्पेशल पास्को एडीजी-7 के न्यायालय में सजा की बिंदु पर सुनवाई हुई। जिसमें 9 लोगों को दोषी पाया गया है। सभी आरोपियों को 17 मार्च को सजा सुनाई जाएगी।
गौरतलब है कि 13 जून वर्ष 2018 की रात्रि जिले के कोंच प्रखंड में एक ग्रामीण चिकित्सक अपनी पत्नी व बच्ची के साथ बाइक से घर लौट रहे थे। इसी बीच रात्रि में कुछ लोगों ने उन्हें जबरन रुकवा दिया। इसके बाद पिता के हाथ-पैर बांध दिए। इसके बाद पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, जबकि उनकी नाबालिग बच्ची के साथ भी एक व्यक्ति ने दुष्कर्म किया। इसके बाद सोनडीहा गांव के 13 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। तब से यह मामला गया व्यवहार न्यायालय में चल रहा था। 2 वर्ष बाद सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई और 9 लोगों को दोषी पाया गया। जिसके बाद आगामी 17 मार्च को सभी को सजा सुनाई गई ।