नयी दिल्ली , सात जून । दिल्ली की एक अदालत ने 2002 में राजधानी के एक व्यवसायी से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के लिए गैंगस्टर अबू सलेम को आज सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तरुण सहरावत ने सजा पर सुनवाई के दौरान अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।
अदालत ने 26 मई को सलेम को दोषी ठहराया था।
अदालत ने हालांकि अन्य आरोपियों चंचल मेहता , माजिद खान , पवन कुमार मित्तल और मोहम्मद अशरफ को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
एक आरोपी सज्जन कुमार सोनी की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।
उगाही मांगने का यह मामला दिल्ली में दर्ज किया गया था। मामले में आरोप लगाया था कि सलेम ने दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश निवासी , व्यवसायी अशोक गुप्ता से पांच करोड़ रुपये रंगदारी के रूप में मांगे थे।
सलेम को भारतीय दंड़ संहिता की धाराओं 387, 506 और 507 के तहत दोषी ठहराया था।
सलेम की ओर से पेश वकील एम एस खान ने उनके मुवक्किल के खिलाफ लगाये गये आरोपों से इनकार किया था और दलील दी थी कि मामले की सुनवाई उस आदेश का उल्लंघन है जिसके तहत गैंगस्टर को पुर्तगाल से भारत प्रत्यर्पित किया गया था।
सलेम को नवम्बर , 2005 को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था। सलेम के खिलाफ मुम्बई में 1993 विस्फोट मामले समेत कई अन्य मामले भी दर्ज हैं। वह इस समय नवी मुम्बई की तलोजा जेल में बंद है।attacknews.in