नयी दिल्ली, 15 फरवरी । ‘पढोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे होगे खराब’ यह मुहावरा पीढ़ी दर पीढ़ी दोहराया जाता रहा है लेकिन सुनकर भले अजीब लगे पर यह सच है कि आज के युग में ‘गेमिंग’ के ज़रिये भी बेहतरीन करियर बना पाना संभव है।
गेमिंग इंडस्ट्री का बढ़ता कारोबार- बच्चे हों या जवान आज शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने बचपन में वीडियो गेम्स और अब मोबाइल या कप्यूटर पर गेम्स नहीं खेलें हों। अभी भी समय काटने अथवा मनोरंजन के लिए बड़ी संख्या में लोगों को ऐसे गेम्स में तल्लीन देखा जा सकता है। डिजिटल गेम्स की इसी लोकप्रियता का कमाल है कि विश्व भर में गेमिंग इंडस्ट्री दिन दूनी रात चौगुनी गति से उन्नति कर रही है। हज़ारों की संख्या में कम्पनियाँ नए-नए गेम्स तैयार करने में लगी हुयी हैं तथा लाखों ट्रेंड लोग इस काम में दिन-रात लगे हुए हैं कि कैसे और अधिक आकर्षक और रोमांच से भरपूर गेम्स का विकास किया जाये।
गेमिंग इंडस्ट्री के महत्त्व को समझने के लिए ज़रा एक नज़र वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र के कारोबार पर डालते हैं। वर्ष 2017 की ग्लोबल गेम्स मार्केट रिपोर्ट में गेम्स इंडस्ट्री का कारोबार लगभग 110 अरब डॉलर होने का अनुमान लगाया गया था। इसमें डिजिटल गेम्स का हिस्सा लगभग 95 अरब डॉलर अथवा 87 प्रतिशत था। डिजिटल गेम्स में मोबाइल गेमिंग की भागीदारी 2020 तक 50 प्रतिशत पहुंच जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। इंटरनेट की बढ़ती पैठ से ऑनलाइन गेमिंग को ज़बरदस्त बढ़ावा मिल रहा है।attacknews.in
किस तरह का एप्टीच्यूड- डिजिटल गेम्स में दिलचस्पी रखने वाले और हमेशा कुछ नया कर दिखाने को आतुर युवाओं के लिए यह फील्ड संभावनाओं से भरपूर कहा जा सकता है। इस क्षेत्र में सृजनात्मक ,कल्पनाशील और मेहनती होना सफलता पाने के लिए सबसे ज़रूरी गुण हैं।
किस तरह का हुनर ज़रूरी- आधुनिक युग में सृजित नए करियर विकल्पों में गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़ी विविध विधाओं का काफी महत्व है। गेम्स डिजाइनिंग का काम अत्यंत जटिल होता है और इसके लिए विभिन्न प्रकार के हुनर में ट्रेंड लोगों की ज़रूरत पड़ती है। इनमें गेम डिज़ाइनर, प्रोग्रामर,इंजीनियर्स ,गेम्स की कहानी का तानाबाना तैयार करने के लिए कहानी लेखक,फाइन आर्ट्स के जानकार,वेब डिज़ाइनर,ग्राफिक्स एवं एनीमेशन एक्सपर्ट्स आदि का खासतौर पर उल्लेख किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त नए गेम्स के लिए टू डी और थ्री डी प्लेटफ़ॉर्म तैयार करने के लिए पारंगत लोग भी चाहिए।attacknews.in
गेमिंग डेवलपमेंट ट्रेनिंग- कई निजी संस्थानों द्वारा गेमिंग पर आधारित सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्सेस का आयोजन किया जाता है। इनका लाभ उठाते हुए इस क्षेत्र में कदम रखा जा सकता है। यह नहीं भूलें कि स्वयं को अपडेट रखना ही इस अत्यंत स्पर्धी क्षेत्र में सफलता दिला सकता है। 3डी मैक्स,माया सरीखे सॉफ्टवेयर से ट्रेनिंग की शुरुआत की जा सकती है। बाद में अधिक एडवांस सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग समय-समय पर लेते रहना ज़रूरी है। ऐसी ट्रेनिंग के लिए कम से कम बारहवीं पास होना ज़रूरी है। बिना साइंस की पृष्ठभूमि वाले युवा भी इस तरह की ट्रेनिंग हासिल कर अपनी प्रतिभा का परिचय गेमिंग में कुछ नया करके दे सकते हैं।
रोज़गार– गेम्स डेवलपर कंपनियों में रोज़गार पाने के अतिरिक्त फ्रीलांस आधार पर भी ऑनलाइन काम करने के मौके मिल सकते हैं। मेहनत और लगन के बूते एक बार एक्सपर्ट के रूप में स्थापित होने के बाद मुंहमांगी फीस देने वालों की इस क्षेत्र में कमी नहीं है।attacknews.in